एअर इंडिया हादसा: ब्रिटिश परिवारों को भेजे गए गलत शव, डीएनए नमूनों में नहीं हो रहा मेल
12 जून को हुए एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भयानक हादसे में अब एक नया विवाद सामने आया है, जिसने पीड़ित परिवारों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है। इस हादसे में मारे गए ब्रिटिश नागरिकों के परिजनों को कथित रूप से उनके प्रियजनों के शवों के स्थान पर गलत शव भेजे गए, जिससे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठने लगे हैं।
शवों की गलत पहचान का आरोप
ब्रिटेन के प्रमुख समाचार पत्र डेली मेल के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कम से कम दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें शोकाकुल परिवारों को यह पता चला कि जिन शवों को वे अपने प्रियजन मानकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, वे असल में किसी और के थे। यह चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब शवों की पहचान डीएनए परीक्षण के माध्यम से की जा रही थी।

डीएनए परीक्षण में मेल नहीं खा रहे नमूने
इनर वेस्ट लंदन की कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स ने ब्रिटिश परिवारों द्वारा उपलब्ध कराए गए डीएनए नमूनों की मदद से ब्रिटेन भेजे गए शवों की पुष्टि की प्रक्रिया शुरू की थी। इस दौरान शवों के डीएनए नमूनों का मेल परिजनों के सैंपल्स से नहीं हुआ, जिससे इस गड़बड़ी का पता चला।
ब्रिटिश नागरिकों की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वकील जेम्स हीली-प्रैट ने बताया कि कम से कम 12 ब्रिटिश नागरिकों के शव एयर इंडिया द्वारा ब्रिटेन भेजे गए हैं, जिनमें से कुछ की पहचान में त्रुटियां सामने आई हैं। उनका कहना है कि वे एअर इंडिया और इसके आपातकालीन सेवा प्रदाता केन्यन्स इंटरनेशनल इमरजेंसी सर्विसेज से इस मुद्दे पर औपचारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सरकार ने दी प्रतिक्रिया: “ब्रिटेन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं”
भारत सरकार की ओर से इस गंभीर विषय पर आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,
“हमने मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं और जैसे ही यह मामला हमारे संज्ञान में आया, हमने ब्रिटिश सरकार से संपर्क कर संयुक्त रूप से काम शुरू कर दिया है। हादसे के बाद मान्यता प्राप्त प्रोटोकॉल और तकनीकी प्रक्रियाओं के अनुसार ही शवों की पहचान की गई थी।”
उन्होंने आगे कहा,
“सभी पार्थिव अवशेषों को गरिमा और व्यावसायिकता के साथ सहेजा गया और परिजनों को सौंपा गया। फिर भी, अगर किसी परिवार को किसी तरह की चिंता है, तो हम ब्रिटेन के संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर हर मुद्दे का समाधान कर रहे हैं।”
क्या हुआ था 12 जून को?
12 जून को एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो कि अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था। हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई थी। इसके अलावा भूमि पर 19 अन्य लोग भी इस हादसे में मारे गए थे। इसे भारतीय विमानन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक माना जा रहा है।

सभी शवों की पहचान और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया
सरकारी एजेंसियों ने दावा किया है कि सभी शवों की पहचान कर ली गई थी, और उन्हें संबंधित परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया। लेकिन अब ब्रिटेन में उठ रहे इस विवाद से यह दावा संदेह के घेरे में आ गया है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि बिना उचित डीएनए मिलान के शव सौंपना एक गंभीर लापरवाही है।
एयर इंडिया का बयान और एहतियाती कदम
हादसे के बाद एअर इंडिया ने अपने बेड़े में शामिल बोइंग 787 और 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) के लॉकिंग मैकेनिज्म की एहतियाती जांच पूरी कर ली है। कंपनी ने मंगलवार को जानकारी दी कि सभी विमान सुरक्षित पाए गए हैं, और किसी प्रकार की तकनीकी समस्या नहीं मिली है।
पीड़ित परिवारों की पीड़ा बढ़ी
ब्रिटेन के पीड़ित परिवार अब न्याय और सम्मानजनक विदाई की मांग कर रहे हैं। शवों की गलत पहचान जैसे मामलों ने न केवल उनका दुख बढ़ाया है, बल्कि प्रणालियों की पारदर्शिता और मानवीय संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
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