अहमदाबाद-लंदन एअर इंडिया हादसा: पानी की लीकेज से हादसे का नया खुलासा
लंदन। जून 2025 में अहमदाबाद से लंदन रवाना हुए एअर इंडिया के बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान के हादसे ने न केवल यात्रियों और उनके परिवारों को झकझोर दिया, बल्कि विमान सुरक्षा को लेकर कई सवाल भी उठाए। शुरुआती जांच रिपोर्टों में पायलटों की गलती या जानबूझकर हादसा कराने का कोई प्रमाण नहीं मिला, लेकिन अब पीड़ित परिवारों के वकील माइक एंड्रयूज ने दावा किया है कि दुर्घटना के पीछे विमान के पानी स्टोरेज सिस्टम में लीकेज मुख्य कारण हो सकता है।
वकील का बयान: पायलटों की गलती नहीं
एंड्रयूज ने ‘द इंडिपेंडेंट’ को दिए साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि यह कहना कि पायलटों ने गलती की या विमान को जानबूझकर दुर्घटनाग्रस्त किया, पूरी तरह अनसिद्ध है। उन्होंने कहा:
“न तो इस दावे का कोई ठोस प्रमाण है और न ही इससे मृतकों के परिवारों के साथ न्याय होगा।”
एंड्रयूज का कहना है कि बोइंग के विमान पहले से ही कुछ तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे थे, खासकर पानी स्टोरेज सिस्टम और इसके इलेक्ट्रॉनिक्स के पास स्थित संवेदनशील उपकरणों के कारण।

पानी की लाइन और कपलिंग में खामी
एंड्रयूज ने बताया कि बोइंग के ड्रीमलाइनर में पानी की लाइनों को जोड़ने वाली कपलिंग्स संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स के पास स्थित हैं। यह सरल उपकरण होते हैं, जो दो लाइनों को जोड़ते हैं, लेकिन इनमें से कोई भी हिस्सा ढीला पड़ जाए तो पानी का लीकेज हो सकता है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं इन कपलिंग्स की जांच की, और पाया कि थोड़े समय बाद यह ढीली होने के कारण लीकेज कर सकती हैं। यह लीकेज इलेक्ट्रिकल शॉर्ट और तकनीकी प्रणाली की खराबी का कारण बन सकती है, जो कि विमान संचालन के लिए गंभीर खतरा है।

FAA की चेतावनी: 2016 से लगातार जारी
एंड्रयूज ने अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) द्वारा जारी नोटिस और निर्देशों का हवाला दिया। FAA ने 2016, 2017 और 2018 में चेतावनी दी थी कि बोइंग-787 में पानी की लाइनों और कपलिंग की नियमित जांच और रखरखाव आवश्यक है। विशेषकर बाथरूम और किचन के नीचे स्थित लाइनों पर ध्यान देने की सलाह दी गई थी।
हाल की चेतावनी: मई 2025
एंड्रयूज के अनुसार, 14 मई 2025 को FAA ने एक नया आदेश जारी किया। इसमें बताया गया कि ड्रीमलाइनर विमानों में पानी स्टोरेज सिस्टम की कपलिंग ठीक से फिट नहीं होने के कारण लीकेज की घटनाएं सामने आई हैं। FAA ने चेताया कि ऐसे लीकेज:
- फेडेक सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं
- विमान की तकनीकी प्रणाली खराब हो सकती है
- इलेक्ट्रिकल शॉर्ट होने का खतरा बढ़ सकता है
इसके अलावा, FAA ने विमान में नमी रोकने की व्यवस्था की भी जांच की सिफारिश की थी।
विशेषज्ञों का नजरिया
एंड्रयूज के अनुसार, अगर इस लीकेज की घटना को समय रहते रोका जाता, तो यह हादसा टला जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा तकनीकी और नियामक अनदेखी का उदाहरण है, न कि पायलटों की गलती का। यह खुलासा विमान सुरक्षा और रखरखाव के महत्व को भी उजागर करता है।
एअर इंडिया का यह हादसा न केवल एक मानव त्रासदी है, बल्कि विमानन उद्योग के लिए सावधानी और तकनीकी निगरानी के महत्व की याद दिलाता है। पीड़ित परिवारों के वकील माइक एंड्रयूज के दावे के अनुसार, पानी की लाइनों में लीकेज और उसकी अनदेखी, इस हादसे के पीछे सबसे संभावित तकनीकी कारण हो सकते हैं।
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