रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पुनर्विकास और बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति का किया निरीक्षण
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना और विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन विकास का अहम अध्याय
अहमदाबाद, 03 नवम्बर। देश की रेल व्यवस्था को आधुनिक रूप देने और यात्रियों को वैश्विक स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में रेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन का दौरा किया। उन्होंने यहां चल रहे पुनर्विकास कार्यों और हाई-स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना की प्रगति का विस्तृत निरीक्षण किया।
रेल मंत्री ने स्टेशन परिसर का मुआयना करते हुए अधिकारियों से चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली और प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि भारत के लगभग 1300 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्रदान की जा सके। अहमदाबाद स्टेशन इस मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
स्टेशन पुनर्विकास का नया स्वरूप
रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि अहमदाबाद स्टेशन पर 16 मंजिला आधुनिक भवन का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्टेशन को “इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट हब” के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें रेलवे, मेट्रो और बुलेट ट्रेन स्टेशन आपस में जुड़े होंगे। उन्होंने कहा कि यह स्टेशन भारत के उन चुनिंदा स्टेशनों में से एक होगा, जो तकनीक, विरासत और आधुनिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत करेगा।
उन्होंने बताया कि स्टेशन को कालूपुर और सरसपुर—दोनों साइड से आधुनिक स्वरूप में विकसित किया जा रहा है। यहां तीन नए प्लेटफॉर्म जोड़े जा रहे हैं, जिससे ट्रेनों की परिचालन क्षमता में बड़ी वृद्धि होगी। साथ ही स्टेशन पर एलीवेटेड रोड और कोंकर्स रूफ प्लाज़ा का निर्माण भी किया जा रहा है, जो सभी प्लेटफॉर्म को आपस में जोड़ देगा। इससे यात्रियों को आने-जाने में सहजता मिलेगी और भीड़भाड़ कम होगी।
बुलेट ट्रेन परियोजना: भारत की रफ्तार का प्रतीक
रेल मंत्री ने हाई-स्पीड रेल परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन लाइन अहमदाबाद से मुंबई तक बिछाई जा रही है। सरसपुर साइड पर अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल स्टेशन का निर्माण लगभग पूर्णता की ओर है। यह स्टेशन अहमदाबाद रेलवे स्टेशन से एकीकृत होगा, जिससे यात्री आसानी से एक ट्रेन से दूसरी ट्रेन में स्थानांतरित हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना न केवल गति और तकनीक का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और प्रबंधन दक्षता का भी परिचायक बनेगी। इस परियोजना से गुजरात और महाराष्ट्र के बीच यात्रा समय में भारी कमी आएगी और आर्थिक गतिविधियों को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
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विरासत और आधुनिकता का सुंदर समन्वय
अहमदाबाद स्टेशन के पुनर्विकास की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका वास्तुशिल्प डिजाइन गुजरात के प्रसिद्ध मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरित है। स्टेशन का यह डिजाइन सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का सुंदर समन्वय प्रस्तुत करेगा। कालूपुर साइड स्थित “आइकॉनिक एमएमटीएच टॉवर” अहमदाबाद के नए स्थापत्य का प्रतीक बनेगा।
रेल मंत्री ने बताया कि एएसआई द्वारा संरक्षित ऐतिहासिक स्मारक—‘ईंट मीनार’ और ‘झूलता मीनार’—को भी पुनर्विकास योजना में समाहित किया गया है ताकि विरासत संरचनाओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनका सौंदर्य भी बना रहे।
सुविधाएं, सुरक्षा और हरित विकास पर जोर
अहमदाबाद स्टेशन को “ग्रीन बिल्डिंग” के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है। स्टेशन पर अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीकें, स्वचालित पार्सल डिपो प्रणाली, आधुनिक संकेत व्यवस्था और दिव्यांगजन-अनुकूल सुविधाएं जैसे लिफ्ट और एस्केलेटर की व्यवस्था होगी।
रेल पटरियों के ऊपर 15 एकड़ में फैला “कोंकर्स प्लाज़ा” और 7 एकड़ का “मेजेनाइन प्लाज़ा” बनाया जा रहा है। यहां यात्रियों के लिए फूड कोर्ट, प्रतीक्षा कक्ष, खुदरा दुकानें, शौचालय, चिकित्सा सुविधा और अन्य यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मेगा टर्मिनल से बढ़ेगी ट्रेनों की क्षमता
रेल मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों से नई ट्रेनों की मांग लगातार बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने के लिए अहमदाबाद के वटवा में एक मेगा टर्मिनल विकसित किया जा रहा है। इसमें 10 पिट लाइनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे लगभग 45 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन संभव हो सकेगा। इसके बाद अहमदाबाद से 150 ट्रेनों का संचालन प्रतिदिन हो सकेगा, जो पश्चिम भारत के रेल नेटवर्क को और अधिक सशक्त बनाएगा।
शहर के लिए नई पहचान
रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि अहमदाबाद स्टेशन का पुनर्विकास सिर्फ एक परियोजना नहीं है, बल्कि यह शहर के नए युग की शुरुआत है। यह स्टेशन आने वाले समय में न केवल आधुनिक यातायात का केंद्र बनेगा, बल्कि अहमदाबाद की सांस्कृतिक पहचान और गौरव का भी प्रतीक होगा।
उन्होंने कहा कि “जब यह परियोजना पूरी होगी, तब अहमदाबाद का रेलवे स्टेशन न सिर्फ भारत बल्कि विश्व के आधुनिकतम रेलवे स्टेशनों में गिना जाएगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नए भारत, विकसित भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
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