July 5, 2025 1:39 AM

अहमदाबाद विमान हादसे में बचे इकलौते यात्री रमेश विश्वास बोले – ‘दरवाजा टूटा, सीट समेत नीचे गिर गया, आंख खुली तो लगा मैं अब भी ज़िंदा हूं

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अहमदाबाद में एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भयानक हादसे में जब सैकड़ों जिंदगियां लपटों में घिर गईं, तब एक शख्स ऐसा भी था जो चमत्कारिक रूप से मौत के मुंह से लौट आया। वह हैं 34 वर्षीय रमेश विश्वास कुमार, जो इस दुर्घटना में बचने वाले एकमात्र यात्री हैं। हादसे के वक्त वे फ्लाइट की 11A सीट पर बैठे थे और विमान जब बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा, तब किसी तरह सीट समेत नीचे गिर पड़े।

हादसे के बाद पैदल निकले बाहर

रमेश फिलहाल अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अस्पताल जाकर उनका हालचाल जाना। करीब 10 मिनट तक दोनों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद रमेश ने डीडी न्यूज़ से हादसे के अपने अनुभव साझा किए। वे बोले, “मुझे आज भी विश्वास नहीं हो रहा कि मैं बच कैसे गया। दरवाजा टूटा था, शायद उसी से निकल पाया। सब कुछ मेरी आंखों के सामने जल रहा था।”

टेकऑफ के कुछ ही सेकंड में महसूस हुई गड़बड़ी

रमेश बताते हैं, “फ्लाइट ने टेकऑफ किया, लेकिन 5-10 सेकंड बाद ऐसा लगा जैसे सब कुछ रुक गया हो। तभी ग्रीन और व्हाइट लाइट्स ऑन हो गईं। फिर अचानक फ्लाइट की स्पीड बढ़ी और तभी वह नीचे गिर गया।” वह उस समय कुछ समझ ही नहीं पाए। चारों ओर आग, धुआं और चीख-पुकार थी।

आंख खुली तो महसूस हुआ — मैं ज़िंदा हूं

हादसे के ठीक बाद रमेश की आंख खुली। वह बोले, “थोड़े वक्त के लिए लगा था कि अब मैं भी मरने वाला हूं। लेकिन जब होश आया तो पहली बात जो मन में आई, वो यह थी कि मैं जिंदा हूं। फिर मैंने खुद को सम्भाला और सोचा कि अब निकलना है।”

दरवाजा टूटा, सामने खुला रास्ता दिखा और निकल आए

उन्होंने बताया कि उनकी सीट वाला हिस्सा संभवतः नीचे की तरफ गिरा था और वहीं से एक टूटा हुआ दरवाजा दिखा। सामने थोड़ी खुली जगह दिखी तो उन्होंने निकलने की कोशिश की। “दूसरी तरफ एक दीवार थी, वहां शायद कोई बाहर नहीं निकल पाया।”

मौत को करीब से देखा

रमेश ने बताया कि उन्होंने आंखों के सामने दो एयर होस्टेस, एक अंकल-आंटी और अन्य लोगों को आग में जलते देखा। वह बोले, “शायद ऊपर का हिस्सा सबसे ज्यादा आग की चपेट में आया था और लोग वहीं फंस गए थे। मैं तो बस किसी चमत्कार से नीचे गिरा और भाग निकला।”

पैदल चलकर पहुंचे मदद तक

रमेश इतने बुरी तरह जख्मी नहीं थे कि चल न सकें। उन्होंने खुद पैदल चलकर वहां से दूरी बनाई और मदद मांगी। फिलहाल उनका इलाज अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में चल रहा है और डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत स्थिर है।

इस हादसे में 265 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन रमेश की कहानी इस भीषण त्रासदी के बीच उम्मीद की एक लौ बनकर उभरी है।

PM मोदी ने अस्पताल जाकर जाना हालचाल

हादसे के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने रमेश विश्वास कुमार से मुलाकात की। दोनों के बीच करीब 10 मिनट तक बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने रमेश से हादसे की जानकारी ली और उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में पूछा। रमेश ने बताया कि PM ने उन्हें ढाढ़स बंधाया और कहा कि उनका बच निकलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। रमेश ने भी मोदी को बताया कि कैसे वह खुद हादसे की जगह से पैदल चलकर अस्पताल तक पहुंचे।


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