- हादसे की गहराई से जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने उच्चस्तरीय समिति का गठन किया
नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे की गूंज देशभर में सुनाई दे रही है। इस हादसे की गहराई से जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जिसकी पहली बैठक सोमवार को दिल्ली में आयोजित की जा रही है। समिति की अध्यक्षता गृह सचिव कर रहे हैं और इसे आगामी तीन महीनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
भविष्य के लिए सुरक्षा मानकों पर होगा फोकस
इस समिति का प्रमुख उद्देश्य ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक व्यापक और व्यावहारिक सुरक्षा ढांचा तैयार करना है। इसमें मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) को संशोधित करने और नई नीतियां लागू करने जैसे पहलुओं पर विचार किया जाएगा। समिति में विभिन्न मंत्रालयों, तकनीकी विशेषज्ञों और विमानन सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को शामिल किया गया है।
तकनीकी जांच AAIB के हवाले
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) इस हादसे के तकनीकी पहलुओं की जांच कर रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया है कि AAIB का काम यह पता लगाना है कि विमान में तकनीकी रूप से क्या खराबी आई, जबकि गृह सचिव की अध्यक्षता वाली समिति नीतिगत और सुरक्षा उपायों की समीक्षा करेगी।
हादसे का भयावह सच: सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बचा
गौरतलब है कि गुरुवार को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुआ था, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद मेघानीनगर मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक व्यक्ति ही जीवित बच पाया। यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास के सबसे भीषण हादसों में गिना जा रहा है।
ब्लैक बॉक्स से मिले सुराग
ब्लैक बॉक्स, जिसमें विमान के उड़ान डेटा और पायलट की बातचीत रिकॉर्ड होती है, को शुक्रवार शाम को बरामद कर लिया गया। इसकी मदद से जांच अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि पायलट ने आखिरी समय में क्या प्रयास किए, और किन हालातों में विमान ने जवाब देना बंद कर दिया। प्रारंभिक जांच में मौसम, यांत्रिक विफलता और संभावित मानवीय त्रुटि सभी संभावनाओं को जांच में शामिल किया गया है।
विमानन सुरक्षा को लेकर सरकार सख्त
हादसे के बाद से केंद्र सरकार विमानन सुरक्षा को लेकर कठोर कदम उठाने के मूड में है। मंत्री राममोहन नायडू ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि चाहे वह एयर ट्रैफिक कंट्रोल, पायलट प्रशिक्षण या तकनीकी निरीक्षण हो, किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी। सरकार के इस रुख को विमान यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक नई पहल के रूप में देखा जा रहा है।