- यह त्रासदी भारतीय विमानन इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक बन गई
नई दिल्ली। 12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गई। विमान उड़ान के कुछ ही मिनटों बाद आग का गोला बन गया, जिसमें सवार 260 से अधिक यात्रियों की जलकर मौत हो गई। यह त्रासदी भारतीय विमानन इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक बन गई है। हादसे की तकनीकी और प्रशासनिक वजहों की जांच अभी चल रही है, लेकिन इससे पहले की कोई और जान जाए, भारत सरकार और टाटा समूह ने मिलकर बड़ा एक्शन प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है।
हादसे के बाद शुरू हुआ मंथन: एयर इंडिया और सरकार में जारी हैं उच्चस्तरीय बैठकें
टाटा समूह, जो वर्तमान में एयर इंडिया का संचालन करता है, लगातार तीन दिनों से भारत सरकार के उड्डयन मंत्रालय के साथ उच्चस्तरीय बैठकें कर रहा है। इन बैठकों में विमान सुरक्षा, तकनीकी निरीक्षण, और एयरलाइन संचालन प्रक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा हो रही है। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से शुक्रवार देर रात तक बैठक की। इस बैठक में उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा भी मौजूद थे।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता: एयर इंडिया जल्द उठाएगी अहम कदम
बैठकों के बाद टाटा समूह ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी कीमत पर विमानन सुरक्षा से समझौता नहीं होगा। एयर इंडिया ने सरकार को आश्वासन दिया है कि यात्रियों के भरोसे को दोबारा मजबूत करने के लिए नीतिगत और तकनीकी दोनों स्तरों पर व्यापक सुधार किए जाएंगे।
टाटा समूह के अनुसार, वे जल्द ही निम्नलिखित कदम उठाने जा रहे हैं:
- पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर नए और अत्याधुनिक विमान शामिल किए जाएंगे।
- विमानों की समय-समय पर मेंटेनेंस और निरीक्षण को अनिवार्य और सख्त बनाया जाएगा।
- उड़ानों के दौरान पायलट और ग्राउंड कंट्रोल के बीच संचार व्यवस्था को और अधिक सक्षम किया जाएगा।
- एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) की मदद से तकनीकी निगरानी और चेतावनी प्रणाली को अपडेट किया जाएगा।
- क्रू मेंबर्स और पायलट्स की ट्रेनिंग को वैश्विक मानकों के अनुरूप किया जाएगा।
सरकार करेगी हरसंभव मदद, एयर सेफ्टी बन रही प्राथमिक एजेंडा
सरकार ने साफ किया है कि यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी योजना में आर्थिक और तकनीकी सहायता देने से वह पीछे नहीं हटेगी। उड्डयन मंत्रालय ने एक विशेष तकनीकी समिति भी गठित की है, जो इस हादसे की रिपोर्ट और सुझावों पर निगरानी रखेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए यह घटना एक जागरूकता का मोड़ है, जहाँ अब केवल कारोबारी मुनाफे पर नहीं, बल्कि जनसुरक्षा को सर्वोपरि मानकर नीतियां बनाई जानी चाहिए।
तकनीकी खामियां या मानव लापरवाही? जांच के बाद तय होगा जिम्मेदार कौन
हालांकि AI171 हादसे की असल वजह अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इसमें तकनीकी गड़बड़ी या सुरक्षा मानकों में चूक की बड़ी भूमिका हो सकती है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) इस पर विस्तृत जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद जवाबदेही तय की जाएगी।