- बोइंग ड्रीमलाइनर AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार दिन बाद अब तक 125 मृतकों की पहचान डीएनए जांच के ज़रिए हो चुकी
अहमदाबाद। 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे की त्रासदी अब भी देश को झकझोर रही है। बोइंग ड्रीमलाइनर AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार दिन बाद अब तक 125 मृतकों की पहचान डीएनए जांच के ज़रिए हो चुकी है। इनमें से 64 शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत 275 लोगों की जान गई थी। विमान ने दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी, लेकिन कुछ ही क्षणों बाद उसमें तकनीकी खराबी आने से वह आग की लपटों में घिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
275 लोगों की गई जान, 241 यात्री विमान में ही थे
इस दर्दनाक हादसे में कुल 275 लोगों की जान गई, जिनमें से 241 लोग विमान में सवार यात्री और क्रू मेंबर थे। बाक़ी लोग ज़मीन पर विमान के गिरने से प्रभावित हुए। पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी का पार्थिव शरीर सिविल अस्पताल में पहचान के बाद उनकी पत्नी अंजलि रूपाणी और परिवार को सौंपा गया। अधिकारी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि रूपाणी विमान में अकेले यात्रा कर रहे थे।

डीएनए पहचान प्रक्रिया तेज़, पर अब भी चुनौतीपूर्ण
सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि अधिकांश शव इतने बुरी तरह जल चुके हैं कि केवल डीएनए टेस्ट ही पहचान का एकमात्र विकल्प है। उन्होंने बताया, “125 मामलों में डीएनए मिलान सफल रहा है, और 64 शव सौंपे जा चुके हैं।” उन्होंने परिजनों से अपील की कि वे इस प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर चिंतित न हों, क्योंकि अधिकारी दिन-रात काम कर रहे हैं।
महिला विशेषज्ञों की अहम भूमिका
फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की 54 सदस्यीय टीम इस कठिन काम में जुटी है। इस टीम में 22 महिला डीएनए विशेषज्ञ शामिल हैं, जो लगातार रात-दिन मृतकों की पहचान के लिए परीक्षण कर रही हैं। एक अधिकारी ने बताया, “हम चाहते हैं कि परिजनों को उनके अपनों का पार्थिव शरीर सम्मानपूर्वक सौंपा जाए, और इसीलिए हम हर सैंपल को ध्यानपूर्वक जांच कर रहे हैं।”

भावनात्मक संतुलन और संवेदनशीलता बनी चुनौती
परिवारों के लिए यह इंतज़ार वेदना से भरा है। अस्पताल के गलियारों में चुप्पी, आँसू और उम्मीद की कड़ी में परिवार अपने प्रियजनों के नाम के पुकारे जाने का इंतज़ार कर रहे हैं। इस बीच प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि डीएनए प्रक्रिया की पारदर्शिता और संवेदनशीलता बनाए रखी जाए, और शवों को पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए सौंपा जाए।
विमान दुर्घटनाओं से सबक लेने का समय
यह हादसा एक बार फिर देश में हवाई सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। बोइंग ड्रीमलाइनर जैसे आधुनिक विमानों में तकनीकी त्रुटियाँ कैसे आ रही हैं, इसकी पारदर्शी जांच और रिपोर्ट जनता के समक्ष आनी चाहिए।