अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई याचिका खारिज, कोर्ट ने दी उम्रकैद प्रावधान की दलील
नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को रिहा करने की मांग खारिज कर दी है। स्पेशल जज संजय जिंदल ने कहा कि मिशेल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 467 लगाई गई है, जिसमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। ऐसे में यह तर्क स्वीकार नहीं किया जा सकता कि उसने अपनी अधिकतम सजा पूरी कर ली है।
कोर्ट में मिशेल की दलील
मिशेल ने कोर्ट में कहा था कि वह पहले जैसा व्यक्ति नहीं रहा। उसकी मां का निधन हो चुका है, पत्नी अलग रह रही है और उसका व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उसने यह भी कहा कि उसने अधिकतम 7 साल की कैद की अवधि पूरी कर ली है, इसलिए बेल बांड की कठोर शर्तें नहीं लगाई जानी चाहिए।
6 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान जज ने मिशेल से पूछा था कि वह बेल बांड क्यों नहीं भर रहा है, जिस पर मिशेल ने कहा कि सजा पूरी होने के बाद ऐसी शर्तों का कोई औचित्य नहीं है।\

ईडी का विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मिशेल की याचिका का जोरदार विरोध किया। ईडी ने दलील दी कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि की धारा 17 के मुताबिक, अगर कोई आरोपी प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उस पर केवल वही मुकदमा नहीं चलेगा जिसके लिए उसे प्रत्यर्पित किया गया, बल्कि उससे जुड़े अन्य मुकदमों की भी सुनवाई हो सकती है।
जमानत की स्थिति
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के मामले में मिशेल को CBI और ED, दोनों मामलों में जमानत मिल चुकी है।
- 4 मार्च 2024 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी थी।
- CBI से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय पहले ही उसे जमानत दे चुका है।
इसके बावजूद, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एफआईआर में गंभीर आरोप और उम्रकैद की संभावना को देखते हुए उसकी रिहाई का आदेश नहीं दिया जा सकता।
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