October 16, 2025 8:35 AM

सीजफायर के बाद बाजार में लौटी बहार: सेंसेक्स 2300 अंक उछला, निफ्टी ने पार किया 24,700 का स्तर

  • सोमवार को जैसे ही बाजार खुले, निवेशकों ने भरोसे के साथ वापसी की और सेंसेक्स व निफ्टी दोनों ने रफ्तार पकड़ ली

मुंबई। भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के महज 48 घंटे के भीतर देश के शेयर बाजारों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। सोमवार को जैसे ही बाजार खुले, निवेशकों ने भरोसे के साथ वापसी की और सेंसेक्स व निफ्टी दोनों ने रफ्तार पकड़ ली। बीएसई सेंसेक्स 2300 अंक चढ़कर 81,700 के पार पहुंचा, जबकि निफ्टी ने पहली बार 24,700 का आंकड़ा पार कर लिया।

सीजफायर से लौटा निवेशकों का भरोसा

7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत-पाक सीमा पर जारी तनाव से बाजार में गिरावट देखी गई थी। लेकिन 10 मई को हुए संघर्ष विराम के समझौते और 11 मई की शांतिपूर्ण रात के बाद निवेशकों में आशा की लहर दौड़ी। सोमवार सुबह से ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों हरे निशान में खुले और दिनभर तेजी बनाए रखी।

संक्षिप्त आंकड़े

  • सेंसेक्स: 2,256.91 अंक की बढ़त के साथ 81,716.13 पर कारोबार
  • निफ्टी: 705.16 अंक की बढ़त के साथ 24,713.15 पर कारोबार
  • बाजार खुलते ही: सेंसेक्स 1,793 अंक और निफ्टी 553 अंक चढ़ा

कौन से शेयर चमके, कौन से फिसले

इस तेजी में सबसे ज़्यादा मुनाफा अदानी पोर्ट्स, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावर ग्रिड को हुआ। दूसरी ओर, सन फार्मा जैसे कुछ चुनिंदा शेयरों में 5% तक की गिरावट भी दर्ज की गई, जो मुनाफावसूली का संकेत है।

विशेषज्ञों की राय

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के शोध प्रमुख प्रशांत तापसे ने कहा कि “भारत-पाक तनाव में नरमी से बाजार में सकारात्मकता आई है। हालांकि संघर्ष विराम का कोई भी उल्लंघन बाजार की इस तेजी पर पानी फेर सकता है। साथ ही अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता भी वैश्विक धारणा को प्रभावित करेगी।”

अंतरराष्ट्रीय और एफआईआई का असर

एशियाई बाजारों में भी मिलाजुला रुख रहा—हांगकांग, शंघाई और कोरिया के बाजारों में तेजी रही, जबकि जापान का निक्केई मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। शुक्रवार को एफआईआई ने 3,798.71 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, जिससे बाजार में थोड़ी अस्थिरता देखी गई थी। पर सोमवार की वापसी ने उस असर को पीछे छोड़ दिया।

क्या यह उछाल स्थायी है?

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगर भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम बना रहता है और घरेलू महंगाई के आंकड़े भी अनुकूल रहते हैं, तो यह तेजी अगले कुछ सत्रों तक कायम रह सकती है। हालांकि भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर रखना ज़रूरी है।

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