- देशभर में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के खिलाफ तेज़ हुई कार्रवाई ने बांग्लादेश सीमा से सटे इलाकों में भी हड़कंप मचा दिया
नई दिल्ली। पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर का असर अब सिर्फ LoC तक सीमित नहीं रहा। इस सैन्य कार्रवाई के तुरंत बाद देशभर में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के खिलाफ तेज़ हुई कार्रवाई ने बांग्लादेश सीमा से सटे इलाकों में भी हड़कंप मचा दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 7 मई से ऑपरेशन सिंदूर के आरंभ के बाद अब तक 2,000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को देश से बाहर निकाला जा चुका है। हैरानी की बात यह है कि इसी दौरान लगभग इतनी ही संख्या में अवैध अप्रवासी खुद से भारत-बांग्लादेश सीमा पर आकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
कहाँ-कहाँ चल रहा है सबसे ज़्यादा एक्शन?
यह कार्रवाई मुख्य रूप से गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, असम, महाराष्ट्र और राजस्थान में हो रही है। सबसे पहले गुजरात सरकार ने अवैध अप्रवासियों के सत्यापन और निकासी की प्रक्रिया शुरू की, जिसके बाद दिल्ली और हरियाणा ने भी तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी।
सीमा पर बना अस्थायी तंत्र
बीएसएफ की निगरानी में इन प्रवासियों को भारतीय वायुसेना के विमानों के माध्यम से सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचाया गया है। उन्हें त्रिपुरा, मेघालय और असम की सीमाओं पर अस्थायी शिविरों में रखा गया और फिर थोड़ी देर की निगरानी के बाद बांग्लादेश भेज दिया गया।
क्यों खुद लौटने लगे प्रवासी?
सरकारी अधिकारी बताते हैं कि देशभर में इस कार्रवाई की जोरदार रिपोर्टिंग के चलते अवैध अप्रवासी खुद से डर के मारे बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "लोगों में भय है कि गिरफ्तारी के बाद उनके साथ कठोर व्यवहार हो सकता है, इसलिए वे खुद ही सीमा पर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।"
कागज़ात नहीं, देश में नहीं
जिन प्रवासियों के पास कोई वैध पहचान पत्र या दस्तावेज नहीं मिले, उन्हें सीधे बांग्लादेश रवाना किया गया। इनमें से कई सालों से भारत में रह रहे थे और काम कर रहे थे। ऑपरेशन सिंदूर के सैन्य आयाम भले पाकिस्तान केंद्रित हों, लेकिन इसने आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भी अप्रत्याशित प्रभाव डाला है। देश की सीमाओं के भीतर छिपे अवैध तत्वों पर अब सरकार की नज़र और सख्त हो गई है।
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