अफगानिस्तान में नौ घंटे में पांच बार भूकंप, 5.8 तीव्रता तक हिली धरती

रिक्टर स्केल पर 5.8 तक दर्ज की गई तीव्रता, दहशत में लोग

काबुल। अफगानिस्तान एक बार फिर भूकंप से कांप उठा। बीते नौ घंटे के भीतर यहाँ पाँच बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार सबसे तेज झटका रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता का दर्ज किया गया। लगातार झटकों ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी है।


अलग-अलग समय पर आए झटके

  • गुरुवार रात 11:58 बजे पहली बार धरती हिली, जिसकी तीव्रता 4.1 थी।
  • कुछ ही मिनट बाद फिर झटका महसूस हुआ, जिसकी तीव्रता 5.8 दर्ज हुई।
  • शुक्रवार तड़के 3:16 बजे 4.9 तीव्रता का भूकंप आया।
  • सुबह करीब 7:46 बजे 4.6 तीव्रता का झटका लगा।
  • इससे कुछ ही देर पहले 5.2 तीव्रता का झटका भी महसूस किया गया।

इस तरह 24 घंटे से कम समय में पाँच बार धरती कांप चुकी है।

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भूकंप का केंद्र और गहराई

भूकंप का केंद्र काबुल से लगभग 118 किलोमीटर दूर रहा। इसकी गहराई 50 किलोमीटर नीचे थी। विशेषज्ञों के अनुसार गहराई अधिक होने से नुकसान का स्तर कम रहा, लेकिन लगातार झटके लोगों की नींद और सुकून दोनों छीन ले गए।

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दहशत का माहौल

लगातार आए झटकों से राजधानी काबुल और आसपास के इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए। रातभर सड़कों और खुले मैदानों में भीड़ देखी गई। अफगानिस्तान के कई हिस्से पहले से ही युद्ध और अस्थिरता की मार झेल रहे हैं, ऐसे में प्राकृतिक आपदा ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।

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अफगानिस्तान में भूकंप का खतरा क्यों?

अफगानिस्तान भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है। यह इलाका यूरेशियन और इंडियन टेक्टॉनिक प्लेट्स की सक्रिय सीमा पर स्थित है। यही कारण है कि यहाँ अक्सर तेज भूकंप आते रहते हैं।

  • पिछले साल भी अफगानिस्तान में आए भूकंप में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार झटके भविष्य में किसी बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं।

✍️ विश्लेषण

अफगानिस्तान जैसे अस्थिर और संसाधन-विहीन देश में बार-बार आने वाले भूकंप मानवीय संकट को और गहरा कर सकते हैं। यहाँ राहत और बचाव तंत्र कमजोर है, स्वास्थ्य और ढाँचागत सुविधाएँ सीमित हैं। ऐसे में हर झटका लोगों को न सिर्फ भयभीत करता है बल्कि उनके जीवन को और असुरक्षित बना देता है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को यहाँ भूकंप-पूर्व चेतावनी प्रणाली और राहत ढाँचे को मजबूत करने की दिशा में सहयोग बढ़ाना होगा।