October 15, 2025 3:53 PM

‘महाभारत’ के कर्ण पंकज धीर नहीं रहे, 68 वर्ष की आयु में हुआ निधन

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टीवी और सिनेमा जगत में शोक की लहर, साथी कलाकारों ने कहा—“एक युग का अंत”

‘महाभारत’ के कर्ण पंकज धीर का 68 वर्ष की आयु में निधन, मनोरंजन जगत में शोक

मुंबई।
भारतीय टेलीविजन जगत के दिग्गज अभिनेता पंकज धीर, जिन्होंने दूरदर्शन के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में कर्ण का अमर किरदार निभाया था, अब इस दुनिया में नहीं रहे। बुधवार सुबह करीब 11:30 बजे उनका निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से फिल्म और टीवी उद्योग के साथ-साथ देशभर के दर्शक गहरे शोक में हैं।

लंबे समय से अस्वस्थ थे अभिनेता

सूत्रों के अनुसार, पंकज धीर पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। इसी वर्ष मार्च में उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि परिवार की ओर से उस समय उनकी सेहत को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया था। बुधवार को उन्होंने अपने मुंबई स्थित आवास पर अंतिम सांस ली।

दोस्त और सह-कलाकार फिरोज खान ने दी पुष्टि

पंकज धीर के निधन की पुष्टि उनके करीबी मित्र और ‘महाभारत’ में अर्जुन की भूमिका निभाने वाले फिरोज खान (अरुण बख्शी) ने मीडिया को दी। उन्होंने कहा,

“यह सच है कि पंकज अब इस दुनिया में नहीं रहे। मैंने अपना बहुत ही अच्छा दोस्त खो दिया है। वह न केवल एक बेहतरीन अभिनेता थे, बल्कि उससे कहीं ज्यादा एक अद्भुत इंसान थे। उनके बिना यह इंडस्ट्री अधूरी लगती है।”

फिरोज खान ने कहा कि पंकज धीर का व्यक्तित्व जितना प्रभावशाली पर्दे पर था, उतना ही विनम्र और गर्मजोशी भरा उनके वास्तविक जीवन में भी था।

‘महाभारत’ के कर्ण से घर-घर में पहचान

दूरदर्शन के स्वर्णिम युग में ‘महाभारत’ धारावाहिक ने करोड़ों दर्शकों के दिलों में जो स्थान बनाया, उसमें कर्ण के रूप में पंकज धीर की भूमिका सर्वाधिक प्रभावशाली रही। उनके अभिनय में कर्ण की वीरता, पीड़ा और मानवीय भावनाओं का जो संगम दिखाई दिया, उसने उन्हें भारतीय टेलीविजन का प्रतीक चेहरा बना दिया।

उनका डायलॉग—

“दानवीर कर्ण कभी अपना वचन नहीं तोड़ता”—
आज भी दर्शकों के मन में गूंजता है।

फिल्मों में भी निभाईं दमदार भूमिकाएं

टीवी से आगे बढ़ते हुए पंकज धीर ने हिंदी सिनेमा में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
उन्होंने ‘बॉर्डर’, ‘सन ऑफ सरदार’, ‘कर्मयोग’ और कई अन्य फिल्मों में उल्लेखनीय किरदार निभाए।
फिल्म ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ के हिंदी डब संस्करण में उन्होंने अपनी आवाज़ दी थी, जो दर्शकों को बेहद पसंद आई।

उनकी गहरी और प्रभावशाली आवाज़ ने उन्हें एक शक्तिशाली स्क्रीन पर्सनालिटी बनाया, जो हर किरदार में अपनी अलग छाप छोड़ते थे।

टीवी धारावाहिकों में भी रहा लंबा सफर

टेलीविजन पर उनका सफर बेहद समृद्ध और विविध रहा।
उन्होंने ‘चंद्रकांता’, ‘बेताल पचीसी’, ‘बनू मैं तेरी दुल्हन’, ‘कयामत’, ‘देवों के देव महादेव’ और ‘सूर्यपुत्र कर्ण’ जैसे कई लोकप्रिय धारावाहिकों में यादगार किरदार निभाए।
हर भूमिका में उन्होंने अभिनय की गहराई और गंभीरता से दर्शकों को प्रभावित किया।

परिवार और व्यक्तिगत जीवन

पंकज धीर के परिवार में उनकी पत्नी और बेटा निखिल धीर हैं, जो खुद भी बॉलीवुड अभिनेता हैं।
निखिल धीर ने ‘रेडी’, ‘शूटआउट एट वडाला’ और ‘शेरशाह’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया है।
परिवार ने बताया कि पंकज धीर का अंतिम संस्कार गुरुवार को मुंबई में किया जाएगा।

मनोरंजन जगत में शोक की लहर

पंकज धीर के निधन की खबर मिलते ही फिल्म और टीवी जगत में शोक की लहर फैल गई।
अभिनेता मनोज जोशी, गजेंद्र चौहान, स्मिता जयकर, और मुकेश खन्ना सहित कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

मुकेश खन्ना ने एक्स पर लिखा—

“पंकज धीर न केवल ‘महाभारत’ के कर्ण थे, बल्कि सच्चे अर्थों में दानवीर इंसान थे। उन्होंने हर कलाकार की मदद की, हर दोस्त का साथ निभाया। उनके जाने से हमारी स्मृतियों का एक स्वर्ण अध्याय समाप्त हो गया।”

एक बहुमुखी अभिनेता और संवेदनशील इंसान

पंकज धीर का अभिनय केवल संवादों तक सीमित नहीं था, बल्कि उनकी आंखों की गहराई और चेहरे की गंभीरता हर किरदार में जीवन भर देती थी।
उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों को यह सिखाया कि कलाकार केवल कैमरे के सामने नहीं, बल्कि समाज के प्रति भी उत्तरदायी होता है।

उनकी विदाई से भारतीय मनोरंजन जगत ने एक ऐसा कलाकार खो दिया है, जिसकी जगह शायद कभी नहीं भरी जा सकेगी।
पंकज धीर भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन कर्ण के रूप में उनका चेहरा, उनकी आवाज़ और उनकी अदाकारी भारतीय दर्शकों की स्मृतियों में हमेशा अमर रहेगी।

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