October 30, 2025 2:21 PM

इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 में बोले प्रधानमंत्री मोदी — भारत बनेगा ग्लोबल ब्लू इकोनॉमी का केंद्र, 2.2 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ

इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 में बोले पीएम मोदी: भारत बनेगा ब्लू इकोनॉमी का केंद्र, 2.2 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स लॉन्च

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुंबई में चल रहे इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 में भाग लेते हुए कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र (मैरीटाइम सेक्टर) आज देश की आर्थिक वृद्धि का प्रमुख इंजन बन चुका है। उन्होंने कहा कि “2016 में जब इंडिया मैरीटाइम वीक की शुरुआत हुई थी, तब यह केवल एक राष्ट्रीय मंच था, लेकिन अब यह एक ग्लोबल इवेंट बन गया है, जिसमें दुनिया के 85 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि बीते एक दशक में भारत ने अपने पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और समुद्री व्यापार को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। आज भारतीय बंदरगाह न केवल विकासशील दुनिया में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सबसे कुशल (एफिशिएंट) बंदरगाहों में गिने जा रहे हैं।

2.2 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ और 12 लाख करोड़ के निवेश समझौते

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान शिपिंग सेक्टर से जुड़े 2.2 लाख करोड़ रुपये के विकास प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इसके साथ ही 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौते (एमओयू) भी जारी किए गए, जो भारत के समुद्री ढांचे और व्यापारिक क्षमता को और मजबूत करेंगे।

मोदी ने कहा कि “भारत का मैरीटाइम सेक्टर ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। यह केवल बंदरगाहों और जहाजों का उद्योग नहीं, बल्कि यह भारत की ग्रोथ स्टोरी का अभिन्न हिस्सा है।”

‘सागर एक, दृष्टि एक’ — एकजुट महासागरों का दृष्टिकोण

इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 का आयोजन 27 से 31 अक्टूबर तक किया जा रहा है। इस बार की थीम है — ‘यूनाइटिंग ओशन्स, वन मैरीटाइम विजन’ (सागर एक, दृष्टि एक)। इस आयोजन में 1 लाख से अधिक प्रतिभागी, 500 प्रदर्शक और 350 अंतरराष्ट्रीय वक्ता हिस्सा ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “हमारा लक्ष्य केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एक साझा समुद्री भविष्य का निर्माण करना है। भारत आज वैश्विक समुद्री व्यापार के केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।”

ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम — भारत के लिए रणनीतिक मंच

कार्यक्रम के दौरान ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम को इंडिया मैरीटाइम वीक का मुख्य आयोजन माना गया। इस मंच की अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने की। इसमें दुनिया भर के शिपिंग कंपनियों के सीईओ, निवेशक, नीति-निर्माता, तकनीकी विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय साझेदार शामिल हुए।
इस मंच के जरिए भारत ने मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 के चार प्रमुख उद्देश्यों को रेखांकित किया —

  1. पोर्ट आधारित विकास
  2. शिपिंग और शिपबिल्डिंग को प्रोत्साहन
  3. आसान लॉजिस्टिक्स व्यवस्था
  4. समुद्री कौशल विकास और प्रशिक्षण

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन चार स्तंभों के माध्यम से भारत 2047 तक “ब्लू इकोनॉमी का वैश्विक केंद्र” बनेगा।

अमित शाह ने किया उद्घाटन — ग्रेट निकोबार परियोजना बनेगी गेमचेंजर

इस आयोजन का उद्घाटन 27 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया था। शाह ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रेट निकोबार द्वीप विकास परियोजना, जो लगभग 42,000 करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) की लागत से तैयार हो रही है, देश के समुद्री व्यापार और कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक वृद्धि लाएगी।
उन्होंने कहा, “भारत के पास लोकतांत्रिक स्थिरता, सशक्त नौसैनिक क्षमता और रणनीतिक दृष्टि है। हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और ग्लोबल साउथ के बीच सेतु की भूमिका निभा रहे हैं।”

सर्बानंद सोनोवाल बोले — 2047 तक भारत बनेगा टॉप 5 शिपबिल्डिंग देश

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि “भारत ने मैरीटाइम सेक्टर में जो प्रगति की है, वह अभूतपूर्व है। 2023 के शिखर सम्मेलन की तुलना में इस वर्ष का आयोजन आकार और प्रभाव दोनों में दोगुना है।”
उन्होंने विश्वास जताया कि “भारत 2047 तक जहाज निर्माण (शिपबिल्डिंग) के क्षेत्र में विश्व के शीर्ष 5 देशों में शामिल होगा।”

सोनोवाल ने बताया कि भारत में अब कार्गो हैंडलिंग, लॉजिस्टिक सुधार और पोर्ट-कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेज़ गति से निवेश हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति, सुधार और निवेश का उद्देश्य है कि भारत “मेक इन इंडिया टू शिप इन इंडिया” की दिशा में अग्रसर हो।

भारत का समुद्री भविष्य — हरित विकास और नवाचार की राह पर

इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और कंपनियों ने भारत की ब्लू इकोनॉमी को नई दिशा देने पर चर्चा की। इसमें ग्रीन शिपिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, समुद्री जैव विविधता, और सतत समुद्री विकास जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह आयोजन भारत को हरित समुद्री अर्थव्यवस्था (ग्रीन मरीन इकोनॉमी) की ओर अग्रसर करने में मील का पत्थर साबित होगा।

भारत आने वाले वर्षों में स्मार्ट पोर्ट्स, डिजिटल शिपिंग सिस्टम, और हरित जहाजों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने की दिशा में बढ़ रहा है।


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