October 27, 2025 3:52 PM

कोल्ड्रफ कफ सिरप मामला: श्रीसेन फार्मा कंपनी के मेडिकल प्रतिनिधि सतीश वर्मा गिरफ्तार, 24 बच्चों की मौत के बाद एसआईटी की बड़ी कार्रवाई

coldrif-syrup-owner-ranganathan-on-remand-sit-investigation-chhindwara

कोल्ड्रफ कफ सिरप मामला: श्रीसेन फार्मा कंपनी के मेडिकल प्रतिनिधि सतीश वर्मा गिरफ्तार, एसआईटी की कार्रवाई तेज

छिंदवाड़ा। कोल्ड्रफ कफ सिरप से जुड़ा मामला एक बार फिर चर्चा में है। जहरीले सिरप से 24 मासूम बच्चों की मौत के बाद सरकार ने इस मामले में कार्रवाई को तेज़ कर दिया है। अब विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस केस में एक और बड़ी गिरफ्तारी की है। श्रीसेन फार्मा कंपनी के मेडिकल प्रतिनिधि (एमआर) सतीश वर्मा को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से कंपनी में कार्यरत था और सिरप की वितरण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।

छिंदवाड़ा के कूकड़ा जगत क्षेत्र से हुई गिरफ्तारी

एसआईटी अधिकारी जितेंद्र सिंह जाट के नेतृत्व में टीम ने रविवार देर रात छिंदवाड़ा के कूकड़ा जगत क्षेत्र से सतीश वर्मा को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे परासिया ले जाया गया, जहाँ उससे दवा वितरण की पूरी श्रृंखला, डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स के साथ उसके संबंधों को लेकर गहन पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसी को शक है कि वर्मा न केवल दवा वितरण बल्कि प्रचार और कमीशन व्यवस्था में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा था।

डॉक्टर को मिलता था कमीशन, खुल रही हैं परतें

इस मामले में पहले से ही परासिया के डॉक्टर सोनी का नाम सामने आ चुका है, जिसने जांच के दौरान स्वीकार किया था कि उसे कोल्ड्रफ सिरप लिखने पर 10 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। अब एसआईटी सतीश वर्मा से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह कमीशन नेटवर्क कहाँ तक फैला हुआ था और किन-किन डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर संचालकों को इस श्रृंखला में शामिल किया गया था।

सूत्रों के अनुसार, वर्मा डॉक्टरों को कंपनी के प्रचार योजनाओं के नाम पर वित्तीय लाभ पहुंचाने में मध्यस्थ का काम करता था। इस आधार पर एसआईटी अब कंपनी के आर्थिक रिकॉर्ड, बैंक लेनदेन और फर्जी बिलों की जांच कर रही है।

आर्थिक लेनदेन और सप्लाई चेन की पड़ताल

जांच एजेंसी ने श्रीसेन फार्मा कंपनी की सप्लाई चेन, परिवहन रिकॉर्ड और दवा वितरण लाइसेंस की फाइलें जब्त कर ली हैं। इसमें यह देखा जा रहा है कि कोल्ड्रफ सिरप किन क्षेत्रों में कितनी मात्रा में भेजा गया और क्या उसकी गुणवत्ता जांच रिपोर्ट कभी फाइल में दर्ज हुई थी या नहीं।
जांचकर्ताओं के मुताबिक, कई ऐसे बिल और एंट्रीज़ मिली हैं जो संदेहास्पद हैं। संभव है कि इन फर्जी बिलों के जरिए घटिया दवा को वैध तरीके से बाजार में उतारा गया हो।

अब तक चार प्रमुख गिरफ्तारियां

कोल्ड्रफ सिरप कांड में अब तक चार प्रमुख गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें डॉक्टर, मेडिकल स्टोर संचालक, कंपनी के मालिक और निदेशक गोविंदन रंगनाथन भी शामिल हैं। अब मेडिकल प्रतिनिधि की गिरफ्तारी के बाद जांच और गहराई तक पहुंचने लगी है। एसआईटी को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान इस मामले के कई नए चेहरे और आर्थिक नेटवर्क के सूत्र सामने आएंगे।

रिपोर्ट के बाद और गिरफ्तारी संभव

एसआईटी के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि रिपोर्ट तैयार होने के बाद इस मामले में कुछ और गिरफ्तारी की जा सकती हैं। यह भी माना जा रहा है कि डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों के बीच कमीशन के लेनदेन की परतें उजागर होने पर यह मामला और व्यापक हो सकता है।

राज्य सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस प्रकरण की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी है।

यह मामला न केवल एक दवा कंपनी की लापरवाही बल्कि उस तंत्र की पोल खोल रहा है जिसमें मुनाफे के लिए बच्चों की जिंदगी तक दांव पर लगा दी गई।


Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram