October 26, 2025 2:11 AM

बीजापुर में नक्सलियों का खूनी खेल: दो ग्रामीणों की धारदार हथियार से हत्या, इलाके में दहशत का माहौल

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  • उसूर थाना क्षेत्र की घटना, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री के दौरे के कुछ घंटे बाद ही माओवादियों ने की वारदात; सुरक्षाबलों ने सर्चिंग अभियान तेज किया

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार की रात नक्सलियों ने एक बार फिर निर्दोष ग्रामीणों को निशाना बनाते हुए दो लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी। यह घटना उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम नेलाकांकेर की है। माओवादियों ने गांव के ही दो युवकों — रवि कटटम (25 वर्ष) पुत्र कन्ना और तिरुपति सोढी (38 वर्ष) पुत्र नरसा — पर धारदार हथियारों से हमला कर उनकी निर्मम हत्या कर दी। घटना की जानकारी मिलते ही उसूर पुलिस दल मौके पर पहुंचा और इलाके में सघन सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया गया। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह हमला स्थानीय माओवादी दलम द्वारा ग्रामीणों को “पुलिस मुखबिरी” के संदेह में किया गया प्रतीत होता है।


वारदात के बाद क्षेत्र में फैली दहशत

रात के समय हुई इस घटना से पूरा क्षेत्र दहशत में है। ग्रामीणों का कहना है कि माओवादी पहले दोनों युवकों को गांव के बाहर ले गए और वहां धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आसपास के गांवों में सतर्कता बढ़ा दी गई है और सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं। क्षेत्र में कड़ी नाकेबंदी की गई है ताकि माओवादी भाग न सकें।


उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री के दौरे के तुरंत बाद हमला

विशेष बात यह है कि शुक्रवार को ही राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा बीजापुर दौरे पर थे। उनके लौटने के कुछ घंटे बाद ही माओवादियों ने इस खूनी वारदात को अंजाम दिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह हमला सरकार को चुनौती देने और अपनी मौजूदगी जताने की माओवादी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। गृहमंत्री के दौरे में हाल ही में आत्मसमर्पण कर चुके माओवादियों से बातचीत और विकास योजनाओं की समीक्षा शामिल थी। लेकिन इस घटना से यह साफ है कि कुछ गुट अब भी हिंसा के रास्ते से बाहर आने को तैयार नहीं हैं।


माओवादी संगठन का दोहरा चेहरा

बीजापुर और बस्तर क्षेत्र में एक ओर जहां बड़ी संख्या में माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ कट्टर गुट ग्रामीणों की हत्याओं और धमकियों के जरिए आतंक फैलाने में जुटे हैं। सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष अब तक बस्तर अंचल में 37 से अधिक ग्रामीणों की हत्या माओवादी कर चुके हैं। इनमें से कई लोग केवल इसलिए निशाना बनाए गए क्योंकि उन पर “पुलिस से संपर्क” का शक था।


सुरक्षा बलों का अभियान हुआ और तेज

घटना के बाद बीजापुर, उसूर, और भोपालपट्टनम क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने सर्चिंग और माओवादी विरोधी अभियान तेज कर दिया है।
सीआरपीएफ, डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीमें जंगलों में गश्त कर रही हैं। पुलिस ने कहा कि इलाके में माओवादियों की मौजूदगी के ठोस इनपुट मिले हैं और जल्द ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


प्रशासन ने लोगों से मांगा सहयोग

जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में लगातार गश्त और अभियान जारी रहेगा।

बीजापुर और आसपास के गांवों में फिलहाल भय और सन्नाटा पसरा है। ग्रामीणों का कहना है कि वे चाहते हैं कि सरकार इस क्षेत्र में विकास और रोजगार की योजनाओं को तेज करे, ताकि लोग माओवाद के प्रभाव से बाहर आ सकें।

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बीजापुर में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की धारदार हथियार से हत्या की, सुरक्षाबलों ने सर्चिंग अभियान तेज किया

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों ने दो ग्रामीणों की धारदार हथियार से हत्या कर दी। घटना उसूर थाना क्षेत्र की है। गृहमंत्री के दौरे के कुछ घंटे बाद हुई वारदात के बाद इलाके में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है।

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