योगी सरकार की दूरदर्शी सोच से उत्तर प्रदेश में करोड़ों के निवेश की तैयारी, फोकस सेक्टर डेस्क बना उद्योग जगत का केंद्र
लखनऊ, 23 अक्टूबर (चन्द्र किशोर शर्मा)। उत्तर प्रदेश आज देश का सिर्फ सबसे बड़ा राज्य नहीं, बल्कि भारत की सबसे तेज़ी से उभरती हुई निवेश की भूमि के रूप में स्थापित हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच, नीतिगत पारदर्शिता और निवेशकों के प्रति सकारात्मक रुख ने प्रदेश को उद्योग जगत का पसंदीदा गंतव्य बना दिया है। ‘इन्वेस्ट यूपी’ के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों पर किए जा रहे नवाचारपूर्ण प्रयासों ने न केवल निवेश प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय और वैश्विक मंचों पर औद्योगिक उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में पहचान दिलाई है।

करोड़ों के निवेश की तैयारी, फोकस सेक्टर डेस्क बना गेम चेंजर
सीएम योगी के निर्देश पर गठित फोकस सेक्टर डेस्क अब राज्य में करोड़ों रुपये के निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस डेस्क के माध्यम से निवेशकों को एक ही छत के नीचे आवश्यक जानकारी, अनुमति और सहयोग मिल रहा है। टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव न केवल प्रक्रिया में हैं, बल्कि कई प्रोजेक्ट शीघ्र ही धरातल पर उतरने की दिशा में अग्रसर हैं।
यह पहल ‘विकसित उत्तर प्रदेश, विकसित भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में ठोस कदम साबित हो रही है। औद्योगिक नीतियों में पारदर्शिता और प्रशासनिक तत्परता ने प्रदेश के प्रति निवेशकों का विश्वास और मजबूत किया है।
टेक्सटाइल और अपैरल सेक्टर में उद्योग जगत के बड़े नामों की एंट्री
इन्वेस्ट यूपी द्वारा टेक्सटाइल और परिधान क्षेत्र को प्राथमिकता देने से इस सेक्टर में बड़े खिलाड़ी तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। भारतीय तकनीकी वस्त्र संघ (आईटीटीए), परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) और उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (निट्रा) के सहयोग से प्रदेश में निवेश का माहौल और सशक्त हुआ है।
इन संगठनों की सक्रिय भागीदारी से ग्रासिम, ट्राइडेंट, रिलायंस, जीईएसएल जैसी देश की अग्रणी कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसर तलाश रही हैं। इन कंपनियों की भागीदारी से न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना भी है।

प्रदेश में निवेशकों के लिए बेहतर माहौल और पारदर्शी नीतियाँ
फोकस सेक्टर डेस्क की स्थापना से निवेशकों के लिए प्रदेश में कारोबार शुरू करना अब पहले से कहीं अधिक सरल हो गया है। अनुमति प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण, ‘सिंगल विंडो सिस्टम’, भूमि बैंक की उपलब्धता और निवेशकों के लिए त्वरित निर्णय नीति ने उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए अनुकूल गंतव्य बना दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि— “जब निवेशक निश्चिंत होंगे, तभी उद्योग फलेंगे और राज्य का विकास तेज़ी से आगे बढ़ेगा।” इसी सोच के तहत निवेशकों को समयबद्ध सहयोग, कर-रियायतें, आधारभूत ढांचे का विकास और कौशल विकास प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
निवेश से रोजगार और समृद्धि की नई राह
प्रदेश में आने वाले निवेश से न केवल औद्योगिक आधार मजबूत होगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी व्यापक रूप से बढ़ेंगे। खासकर महिलाओं और युवाओं को उद्योगों में नए अवसर मिलेंगे। इससे उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा और राज्य के आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीतियों के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश अब केवल ‘निवेश के लिए तैयार राज्य’ नहीं, बल्कि ‘निवेश को साकार करने वाला राज्य’ बन चुका है। उद्योग जगत में बढ़ते विश्वास के साथ यह राज्य जल्द ही भारत के औद्योगिक मानचित्र पर अग्रणी स्थान हासिल करने की दिशा में अग्रसर है।
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