October 23, 2025 7:59 PM

केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, भावविभोर माहौल में बाबा केदार की डोली हुई ऊखीमठ के लिए रवाना

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शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट, ऊखीमठ रवाना हुई बाबा केदार की डोली

केदारनाथ (उत्तराखंड), 23 अक्टूबर। उत्तराखंड के चार धामों में प्रमुख श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज प्रातः 8:30 बजे शीतकाल के लिए वैदिक मंत्रोच्चार, पूजा-अर्चना और धार्मिक विधियों के बीच बंद कर दिए गए। हर वर्ष की तरह इस बार भी बाबा केदार की विदाई के क्षण भावविभोर कर देने वाले रहे। केदारनाथ घाटी में सुबह की ठंडी हवाओं और ऊँचे पहाड़ों की गूंज के बीच ‘जय केदार बाबा’ के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा।

कपाट बंद होने की प्रक्रिया प्रातः चार बजे विशेष पूजा-अर्चना से प्रारंभ हुई। इस दौरान केदारनाथ धाम में मौजूद पुजारियों और तीर्थ पुरोहितों ने भगवान केदारनाथ की विशेष आरती कर शीतकालीन पूजन विधान संपन्न किया। इसके बाद परंपरागत ढंग से कपाट बंद करने की प्रक्रिया पूरी की गई। मंदिर के मुख्य कपाट बंद होने के साथ ही धाम में इस वर्ष के लिए दर्शन की व्यवस्था समाप्त हो गई।

इस पवित्र अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने भगवान केदारनाथ के समक्ष राज्य की सुख-समृद्धि और जनता के कल्याण की कामना की। उनके साथ जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे, बद्री-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल और कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि “बाबा केदार की कृपा से उत्तराखंड सुरक्षित और समृद्ध बना रहे, यही हमारी प्रार्थना है। इस वर्ष धाम में रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य तेज गति से जारी है, और अगले वर्ष जब कपाट खुलेंगे, तब श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।”

कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की डोली पारंपरिक विधि के अनुसार अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर (ऊखीमठ) के लिए रवाना हो गई। डोली का पहला पड़ाव रामपुर में रहेगा, जहां भक्तों द्वारा डोली का भव्य स्वागत किया जाएगा। इसके बाद 24 अक्टूबर को डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी और 25 अक्टूबर को ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में बाबा केदारनाथ की शीतकालीन पूजा प्रारंभ होगी। ऊखीमठ स्थित यह मंदिर सर्दियों में भगवान केदारनाथ का शीतकालीन निवास माना जाता है।

धाम में कपाट बंद होने से पहले बड़ी संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और स्थानीय लोग मौजूद रहे। श्रद्धालुओं ने ठंड की परवाह किए बिना पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ बाबा के दर्शन किए और विदाई दी। जैसे ही मंदिर के कपाट बंद हुए, वातावरण में शंख, घंटा और जयघोषों की गूंज गूंज उठी। भक्तों की आंखों में आंसू थे, क्योंकि अब अगले छह महीने तक बाबा केदार के दर्शन ऊखीमठ में ही होंगे।

बदरी-केदार मंदिर समिति के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में करीब 23 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए। मौसम की चुनौतियों के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह पूरे यात्रा काल में बना रहा। समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल ने कहा कि “इस वर्ष यात्रा बहुत सफल रही। सभी सुरक्षा और व्यवस्थाओं का पालन किया गया। अगले वर्ष यात्रियों के लिए और बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।”

कपाट बंद होने के साथ ही केदारनाथ घाटी में सन्नाटा और ठंड का असर बढ़ने लगता है। अब पूरे क्षेत्र में बर्फबारी का मौसम आने वाला है, और प्रशासन ने सभी तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित रूप से नीचे भेजने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

अब अगले वर्ष 2026 में अप्रैल-मई माह के बीच जब पंचांगानुसार शुभ तिथि घोषित की जाएगी, तब पुनः केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।

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