October 22, 2025 9:20 PM

छठ पर्व पर घर जाने वालों की सुविधा के लिए रेलवे ने उठाया बड़ा कदम: अगले पांच दिनों में 1500 विशेष ट्रेनें चलेंगी, रिकॉर्ड संख्या में ट्रिप्स की तैयारी पूरी

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छठ पर्व पर रेलवे का बड़ा फैसला: अगले पांच दिनों में चलेंगी 1500 विशेष ट्रेनें, यात्रियों की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर।
छठ महापर्व के अवसर पर भारतीय रेलवे ने यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। देशभर में अगले पांच दिनों में 1500 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी ताकि हर यात्री सुरक्षित, सुविधाजनक और समय पर अपने घर पहुंच सके। इस अवधि में औसतन प्रतिदिन 300 विशेष ट्रिप्स का संचालन किया जाएगा।

त्योहारों के इस व्यस्त मौसम में लाखों लोग बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत के अन्य राज्यों की ओर अपने घरों के लिए निकलते हैं। ऐसे में रेलवे ने भीड़ और लंबी प्रतीक्षा सूचियों को देखते हुए संचालन का सबसे बड़ा उत्सवकालीन प्लान लागू किया है।


त्योहारों के लिए रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा परिचालन अभियान

रेल मंत्रालय के अनुसार, नियमित ट्रेनों के अलावा पिछले 21 दिनों में 4,493 विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं, जिनकी औसत संख्या प्रतिदिन 213 ट्रिप्स रही। इन ट्रेनों ने दीपावली के अवसर पर यात्रियों को घर पहुंचने में बड़ी राहत दी थी। अब छठ पर्व के लिए विशेष रूप से अतिरिक्त ट्रेनों की घोषणा की गई है।

रेलवे ने इस बार 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 तक की 61 दिन की अवधि के लिए 12,000 से अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया है। इनमें से अब तक 11,865 ट्रिप्स (916 ट्रेनों) की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इनमें 9,338 आरक्षित और 2,203 अनारक्षित ट्रिप्स शामिल हैं।

पिछले वर्ष की तुलना में यह संख्या उल्लेखनीय रूप से अधिक है — तब दीपावली और छठ पर्व पर केवल 7,724 विशेष ट्रेनें चलाई गई थीं। इस बार रेलवे का लक्ष्य इस संख्या को लगभग 50% तक बढ़ाने का है।


किस दिन कितनी ट्रेनें चलेंगी — पूरा कार्यक्रम तय

रेल मंत्रालय के अनुसार, 21 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच विशेष ट्रेनों की संख्या में लगातार वृद्धि की जाएगी।

  • 21 अक्टूबर को 282 विशेष ट्रेनें चलाई गईं
  • 22 अक्टूबर को 285 ट्रिप्स निर्धारित
  • 23 अक्टूबर को 295 विशेष ट्रिप्स
  • 24 अक्टूबर को यह संख्या बढ़कर 303 होगी
  • 25 अक्टूबर को सर्वाधिक 311 विशेष ट्रिप्स का संचालन किया जाएगा
  • 26 अक्टूबर को 305,
  • 27 अक्टूबर को 286,
  • 28 और 29 अक्टूबर को 242–242 ट्रिप्स
  • जबकि 30 और 31 अक्टूबर को 263–263 ट्रिप्स चलाई जाएंगी।

यह आंकड़े बताते हैं कि रेलवे ने इस बार न केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि उनके संचालन का पूरा कैलेंडर पहले से तैयार कर लिया है ताकि किसी भी स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण में कठिनाई न हो।


रेलवे स्टेशनों पर बढ़ाई गई सुविधाएं और सुरक्षा

भारतीय रेलवे ने इस बार यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। देशभर के प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त टिकट काउंटर, होल्डिंग एरिया, और भीड़ नियंत्रण के विशेष प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा के लिए रेलवे पुलिस बल (RPF) और राज्य पुलिस की अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “त्योहारों के इस सीजन में हम यात्रियों को एक बेहतर अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्टेशन पर स्वच्छता, पानी, प्रकाश व्यवस्था और यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है।”


रिकॉर्ड संख्या में यात्रियों की आवाजाही

रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, 19 अक्टूबर को सिर्फ सूरत के उधना स्टेशन से ही 36 हजार से अधिक यात्रियों ने यात्रा की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह, उत्तर भारत के प्रमुख जंक्शनों — दिल्ली, प्रयागराज, पटना, वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर — पर भी यात्रियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की जा रही है।


यात्रियों की प्रशंसा: “रेलवे सेवाएं पहले से कहीं बेहतर”

त्योहारों के इस सीजन में यात्रियों ने रेलवे की सेवाओं की सराहना की है। जबलपुर स्टेशन की स्वच्छता व्यवस्था, बेंगलुरु–कोलकाता ट्रेन की साफ-सुथरी कोच व्यवस्था और अहमदाबाद स्टेशन पर दिव्यांग यात्रियों की सहायता जैसी पहलें यात्रियों के अनुभव को और भी सकारात्मक बना रही हैं।

रेल मंत्रालय ने कहा कि “पिछले कुछ वर्षों में रेलवे ने सेवा, स्वच्छता और समयपालन में उल्लेखनीय सुधार किया है। हमारी कोशिश है कि इस त्योहार सीजन में हर यात्री अपने गंतव्य तक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा कर सके।”


भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष टीम

त्योहारों के दौरान अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। रेलवे के हेल्पलाइन नंबरों और सूचना काउंटरों को चौबीसों घंटे सक्रिय रखा गया है। एआई-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम से भीड़ वाले स्टेशनों की निगरानी की जा रही है, ताकि किसी आकस्मिक स्थिति में तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके।

रेल मंत्रालय का कहना है कि यह अभियान “एक समन्वित प्रयास” है, जिसमें रेलवे, राज्य प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं ताकि त्योहारों का सफर यात्रियों के लिए सुखद और सुरक्षित रहे।



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