October 20, 2025 9:31 PM

दीपावली पर दिल्ली की हवा और जहरीली हुई, वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंचा

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दीपावली पर दिल्ली की हवा और जहरीली, वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंचा

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (हि.स.)। दीपावली की रौनक के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक सीमा को पार कर गया है। त्योहार की सुबह से ही हवा में धुएं और धूल का घनत्व बढ़ने लगा और दोपहर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आज दिल्ली का औसत एक्यूआई 334 दर्ज किया गया, जबकि सुबह 9 बजे यह 339 था।

सीपीसीबी के समीर ऐप के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 38 निगरानी स्टेशनों में से 31 ने वायु गुणवत्ता को “बहुत खराब” बताया, जबकि आनंद विहार (402), वजीरपुर (423) और अशोक विहार (414) में प्रदूषण “गंभीर” स्तर पर पहुंच गया। इसका अर्थ है कि इन क्षेत्रों की हवा सांस लेने योग्य नहीं रह गई है और सामान्य व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, दीपावली पर आतिशबाज़ी, पराली जलाने और ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषक कण वायुमंडल में नीचे की परतों में फँस जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ती है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आगामी दो दिनों — मंगलवार (21 अक्टूबर) और बुधवार (22 अक्टूबर) को वायु की स्थिति और अधिक खराब हो सकती है, और कई इलाकों में यह “गंभीर” श्रेणी में जा सकती है।

दिल्ली की हवा बनी जहरीली, सांस लेना हुआ मुश्किल

दिल्ली के कई इलाकों में शाम ढलते ही धुएं की परत साफ़ दिखाई दी। पटाखों के धुएं और वाहनों के उत्सर्जन ने राजधानी की हवा को लगभग विषैली बना दिया है। डॉक्टरों और पर्यावरण विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
दिल्ली एम्स के पल्मोनरी विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे मौसम में अस्थमा, हृदय रोग और एलर्जी से पीड़ित लोगों को विशेष सतर्क रहना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से खतरनाक है।

क्या होता है एक्यूआई और इसका प्रभाव

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 0 से 500 तक के पैमाने पर मापा जाता है।

  • 0 से 50 तक की हवा को ‘अच्छा’,
  • 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’,
  • 101 से 200 तक ‘मध्यम’,
  • 201 से 300 तक ‘खराब’,
  • 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’
    और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है।
    आज दिल्ली का एक्यूआई औसतन 334 रहा, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। इसका अर्थ है कि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहने पर स्वस्थ व्यक्ति भी श्वसन संबंधी परेशानी महसूस कर सकता है।

सरकार और एजेंसियों ने बढ़ाई सतर्कता

दिल्ली की वायु स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पहले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-II को लागू कर दिया था। इसके तहत निर्माण गतिविधियों, धूल फैलाने वाले कार्यों, और पुराने वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं।
हालांकि, दीपावली की रात आतिशबाजी और अनुकूल न होने वाले मौसम के कारण ये प्रयास ज्यादा प्रभावी नहीं हो पाए। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम के कई हिस्सों में पटाखों के कारण घना धुआं छा गया, जिससे दृश्यता में भी कमी आई।

आने वाले दो दिन और चुनौतीपूर्ण

मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आशंका जताई है कि अगले 48 घंटे राजधानी के लिए और कठिन हो सकते हैं। ठंडी हवाएं और नमी के कारण प्रदूषण के स्तर में सुधार की संभावना बहुत कम है। इस बीच विशेषज्ञों ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें, विशेषकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है।
साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे मास्क का उपयोग करें, पौधे लगाएं और वाहन साझा करने की आदत अपनाएं।

स्वच्छ हवा के लिए मिलजुलकर प्रयास जरूरी

पर्यावरणविदों का कहना है कि जब तक सरकार, उद्योग, और आम नागरिक एक साथ नहीं आएंगे, तब तक दिल्ली की हवा में सुधार असंभव है। दीपावली पर आतिशबाज़ी रोकने के प्रयासों के बावजूद नियमों का उल्लंघन चिंता का विषय बना हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अब समय आ गया है कि लोगों को त्योहारों को पारंपरिक रूप से पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से मनाने की दिशा में प्रेरित किया जाए।


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