October 20, 2025 11:17 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने INS विक्रांत पर नौसैनिकों के बीच मनाई दीपावली, कहा – ‘विक्रांत दुश्मनों की नींद उड़ाने वाला भारत का गौरव है’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने INS विक्रांत पर नौसैनिकों संग मनाई दीपावली, कहा – विक्रांत आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक

गोवा, 20 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गोवा में भारतीय नौसेना के गौरव आईएनएस विक्रांत पर नौसैनिकों के बीच दीपावली का त्योहार मनाया। इस दौरान उन्होंने लगभग 40 मिनट का संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भर भारत और ‘मेड इन इंडिया’ का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने गर्व से कहा, “विक्रांत का नाम ही दुश्मन की नींद उड़ा देने के लिए पर्याप्त है। यह वही भारत है जो अब किसी के सामने झुकता नहीं, बल्कि महासागरों की लहरों पर भी अपना परचम लहराता है।”

प्रधानमंत्री रविवार को ही गोवा पहुंच गए थे। उन्होंने नौसैनिकों के साथ आत्मीय समय बिताया — उनके साथ बातचीत की, गीत गाए, मिठाई खिलाई और ‘बड़ा खाना’ कार्यक्रम में शामिल हुए। यह लगातार 12वां वर्ष है जब प्रधानमंत्री मोदी ने दीपावली किसी न किसी सुरक्षा बल के जवानों के साथ मनाई है।

‘विक्रांत भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक है’

प्रधानमंत्री ने कहा कि “आईएनएस विक्रांत न केवल एक युद्धपोत है, बल्कि यह भारत के सामर्थ्य, आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। यह हमारे स्वदेशी कौशल का परिणाम है, जिसने भारत की नौसेना को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। यह पोत हमारे अभियानों की शक्ति का प्रतीक है और इसने पाकिस्तान सहित कई देशों की रातों की नींद उड़ा दी है।”

उन्होंने कहा कि विक्रांत के नाम का अर्थ ही है ‘विजयी और निर्भीक’, और इस नाम को साकार करते हुए यह पोत हर मिशन में भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे सैनिकों की वीरता और देशभक्ति ही भारत की असली ताकत है। यह वही भावना है जो हर दीपावली पर हमें प्रेरित करती है कि अंधकार पर प्रकाश की जीत होती है।”

तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर किया

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय सेनाओं की अदम्य शक्ति और अनुशासन की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना, थलसेना और वायुसेना – तीनों की संयुक्त कार्यशैली ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को बहुत कम समय में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। हमारी सेनाओं की जांबाजी और तकनीकी दक्षता विश्व के लिए उदाहरण है।”https://x.com/narendramodi/status/1980181806667255908

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की रक्षा सेनाएं आज हर मोर्चे पर सक्षम हैं — चाहे वह समुद्र की गहराई हो, आसमान की ऊंचाई हो या सीमाओं की सुरक्षा का मोर्चा।

माओवादी हिंसा से मुक्त हुए 100 जिले

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि 2014 से पहले देश के लगभग 125 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे। परंतु बीते 10 वर्षों में सरकार के दृढ़ संकल्प, विकास कार्यों और सुरक्षा बलों की मेहनत से यह संख्या अब केवल 11 जिलों तक सीमित रह गई है। उन्होंने कहा, “आज 100 से अधिक जिले माओवादी आतंक से मुक्त होकर पहली बार खुली हवा में सांस ले रहे हैं। यह विकास और शांति की दीपावली है।”

नौसैनिकों से सीखा त्याग और समर्पण

प्रधानमंत्री ने नौसैनिकों के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि “कल से मैं आपके बीच हूं, और इस दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा है। आपकी तपस्या और अनुशासन प्रेरणादायक है। जब मैं दिल्ली से निकला, तो सोचा था कि इस पल को बस जी लूं, लेकिन जब मैंने देखा कि आप देश की सुरक्षा में कितना समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं, तब समझ पाया कि यह भावना कितनी महान है।”

उन्होंने कहा कि सैनिकों का जीवन तपस्या का जीवन होता है — वे परिवार से दूर रहकर भी पूरे देश को अपना परिवार मानते हैं।

‘बड़ा खाना’ में शामिल हुए प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के बाद नौसेना अधिकारियों और सैनिकों के साथ “बड़ा खाना” में भाग लिया। यह सशस्त्र बलों की गौरवशाली परंपरा है, जिसमें सभी रैंक के अधिकारी और जवान एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि “बड़ा खाना केवल सामूहिक भोज नहीं, बल्कि यह हमारी सशस्त्र सेनाओं की एकता, अनुशासन और भाईचारे का प्रतीक है। इससे यह संदेश मिलता है कि चाहे पद या स्थान कोई भी हो, हम सब एक परिवार हैं।”

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर जवानों के साथ मिठाइयाँ बाँटीं और उनके परिवारों को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि “यह मेरा सौभाग्य है कि मैं देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे वीर जवानों के बीच दीपावली मना रहा हूँ। मेरे लिए यही सबसे बड़ी पूजा और यही सच्चा उत्सव है।”

हर साल जवानों के बीच दीपावली

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा यह परंपरा निभाई है कि दीपावली वह देश की सीमाओं या सुरक्षा मोर्चों पर तैनात जवानों के साथ मनाते हैं। पिछले वर्ष उन्होंने गुजरात के कच्छ में बीएसएफ, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवानों के बीच दीपावली मनाई थी। पिछले 11 वर्षों में वे 4 बार जम्मू-कश्मीर जाकर भी सैनिकों के साथ यह पर्व मना चुके हैं।

इस वर्ष आईएनएस विक्रांत पर दीपावली मनाने का उनका निर्णय इस बात का संकेत है कि भारत अब समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और शक्ति के नए अध्याय लिख रहा है।


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