October 19, 2025 10:20 PM

काला नाग चोटी पर फहराया तिरंगा: आईटीबीपी के 13 वीर जवानों और पर्वतारोहियों ने रचा इतिहास

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उत्तरकाशी की काला नाग चोटी पर आईटीबीपी के 13 जवानों ने फहराया तिरंगा, 6378 मीटर ऊंचाई पर रचा इतिहास


उत्तरकाशी की बंदरपूंछ पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी पर 6378 मीटर की ऊंचाई पर लहराया भारत का गौरव | हिम तुफानों के बीच दिखाया अदम्य साहस


उत्तरकाशी, 19 अक्टूबर।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 13 वीर जवानों और उत्तराखंड के साहसी पर्वतारोहियों ने बंदरपूंछ पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी — काला नाग (6378 मीटर) पर भारतीय तिरंगा फहराकर एक नया इतिहास रच दिया।
यह उपलब्धि न केवल राज्य के लिए गौरव का क्षण है बल्कि भारत की पर्वतारोहण परंपरा और जांबाज़ी की मिसाल भी है।


🏔️ बर्फीले तूफानों के बीच चढ़ाई पूरी

यह अभियान आसान नहीं था।
अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू हुए इस आरोहण के दौरान पर्वतारोहियों को तीव्र ठंड, बर्फबारी और बर्फीले तूफानों का सामना करना पड़ा।
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद दल के सभी सदस्य साहस और धैर्य के साथ आगे बढ़ते रहे।
आख़िरकार 12 अक्तूबर की सुबह सात से आठ बजे के बीच, 13 सदस्यीय दल ने काला नाग की चोटी पर पहुँचकर विजय का प्रतीक तिरंगा फहराया।

दल के सदस्य उस क्षण भावविभोर हो उठे जब उन्होंने 6378 मीटर की ऊँचाई पर भारतीय ध्वज को हवा में लहराते देखा।
बर्फीली हवाओं के बीच लहराता तिरंगा सभी के लिए गौरव, समर्पण और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया।


🇮🇳 दल में शामिल थे आईटीबीपी के हिमवीर और राज्य के पर्वतारोही

इस सफल अभियान में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के 5 अनुभवी जवान और राज्य के विभिन्न जिलों से चयनित 12 पर्वतारोही शामिल थे।
कुल 17 सदस्यों के दल में से 13 पर्वतारोहियों ने सफलतापूर्वक चोटी पर पहुंचने में सफलता प्राप्त की।

सफल आरोहण करने वाले प्रमुख पर्वतारोही हैं —
पंकज संजय, संगीता दानू, सुमित, चंदन, किरन, आशीष नेगी,
और आईटीबीपी के वीर जवान — सनोद नेगी, पवन राणा, भूपेंद्र, विनय डिमरी, मुनेंद्र राणा आदि।


🎯 विश्व पर्यटन दिवस पर शुरू हुआ अभियान

इस ऐतिहासिक पर्वतारोहण अभियान की शुरुआत विश्व पर्यटन दिवस पर की गई थी।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से 17 सदस्यीय दल को हरी झंडी देकर रवाना किया गया।
इस अभियान का उद्देश्य राज्य में साहसिक खेलों और पर्वतारोहण को बढ़ावा देना था।

जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी मोहम्मद अली खान ने बताया कि इस अभियान का आयोजन राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय पर्यटन और साहसिक गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए किया गया।
उन्होंने कहा —

“काला नाग चोटी का आरोहण केवल एक साहसिक उपलब्धि नहीं, बल्कि यह उत्तराखंड के युवा पर्वतारोहियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। पर्यटन विभाग ऐसे अभियानों के माध्यम से युवाओं को प्रकृति से जोड़ना चाहता है।”


🌄 काला नाग चोटी — बंदरपूंछ श्रृंखला की शिखर गर्विता

काला नाग चोटी यमुनोत्री धाम और मोरी क्षेत्र से आगे हिमाचल प्रदेश की सीमा तक फैली बंदरपूंछ पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊँची चोटी है।
यह चोटी गोविंद वन्यजीव विहार क्षेत्र के अंतर्गत आती है।
बर्फ से ढकी यह चोटी पर्वतारोहियों के लिए चुनौतीपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यहां की ढलानें तीखी और मौसम अत्यंत परिवर्तनीय होता है।

इसके बावजूद आईटीबीपी और उत्तराखंड के पर्वतारोहियों ने अपने अदम्य साहस और प्रशिक्षण के बल पर इस चुनौती को पार कर लिया।
दल के सदस्य अभियान के बाद सकुशल वापस लौट आए, जिससे पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गई।


🌿 पर्यटन और साहसिक खेलों को नई दिशा

उत्तराखंड सरकार लगातार राज्य को एडवेंचर टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बनाने के प्रयास कर रही है।
पर्वतारोहण, ट्रेकिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार के अभियानों का आयोजन न केवल स्थानीय युवाओं को अवसर देता है, बल्कि विश्व स्तर पर उत्तराखंड की पहचान को भी मजबूत करता है।

मोहम्मद अली खान ने कहा कि भविष्य में भी ऐसी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहण अभियानों की योजना तैयार की जा रही है ताकि राज्य के युवा नई ऊंचाइयां छू सकें।


🏅 देशभक्ति और साहस का संगम

आईटीबीपी के जवानों का यह साहसिक अभियान केवल एक पर्वतारोहण उपलब्धि नहीं बल्कि देशभक्ति का प्रतीक भी है।
कठिन प्राकृतिक परिस्थितियों में राष्ट्रध्वज फहराने की यह घटना हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।
बर्फ की ऊंचाइयों पर लहराता तिरंगा यह संदेश देता है कि भारत की सीमाओं और उसकी गौरवशाली परंपराओं की रक्षा के लिए हमारे हिमवीर सदैव तत्पर हैं।



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