October 19, 2025 10:10 PM

अयोध्या दीपोत्सव 2025: दीपों से जगमग हुई रामनगरी, मुख्यमंत्री योगी बोले — राम मंदिर निर्माण से हर सनातनी का सिर गर्व से ऊंचा हुआ

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अयोध्या दीपोत्सव 2025: 26 लाख दीपों से जगमगाई रामनगरी, योगी बोले — राम मंदिर निर्माण से हर सनातनी को गर्व


26 लाख दीपों की रोशनी से दमकी अयोध्या | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया पहला दीप प्रज्ज्वलित | शोभायात्रा और सरयू आरती ने किया हर हृदय को आलोकित


अयोध्या, 19 अक्टूबर।
भगवान श्रीराम की पावन भूमि अयोध्या दीपोत्सव 2025 की रात्रि में अपूर्व भक्ति और दिव्यता के प्रकाश में नहा उठी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला मंदिर में पहला दीप प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव का शुभारंभ किया, जिसके साथ ही सम्पूर्ण रामनगरी 26 लाख से अधिक दीपों की आभा से जगमगा उठी।
आसमान में आतिशबाज़ी की झिलमिलाहट और सरयू तट पर दीपों की श्रृंखला ने ऐसा दृष्य रचा मानो त्रेतायुग पुनः जीवंत हो उठा हो।


🪔 रामलला मंदिर में योगी ने किया पहला दीप प्रज्ज्वलित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब रामलला के दरबार में पहुंचे, तो भावनाओं और भक्ति का सागर उमड़ पड़ा।
उन्होंने स्वयं पहला दीप जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धा के साथ भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के स्वरूपों को पुष्पमालाएं पहनाईं और उन्हें दिव्य रथ पर विराजित किया।
जैसे ही रथ नगर यात्रा के लिए रवाना हुआ, पूरी अयोध्या “जय सिया राम!” के उद्घोष से गूंज उठी।

मुख्यमंत्री ने कहा —

“प्रभु श्रीराम भारत की आत्मा हैं। उनका जीवन ही नीति, उनका आदर्श ही हमारी दिशा है। राम मंदिर का निर्माण हर सनातनी के लिए गर्व का विषय है। यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति की आत्मा का पुनर्जागरण है।”


🌟 गिनीज रिकॉर्ड के साथ जगमगाई रामनगरी

इस बार दीपोत्सव ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया — 26 लाख 17 हजार से अधिक दीपों के एक साथ जलने से अयोध्या ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम फिर से दर्ज कराया।
सरयू तट, राम की पैड़ी, कनक भवन, दशरथ महल, हनुमानगढ़ी, और पूरी अयोध्या का हर कोना दीपों की सुव्यवस्थित पंक्तियों से आलोकित था।
हजारों संतों, लाखों श्रद्धालुओं और करोड़ों दर्शकों ने इस ऐतिहासिक दृश्य को देखा और अनुभव किया कि स्वर्ग सचमुच धरती पर उतर आया है।


🚩 शोभायात्रा में झलका ‘त्रेता युग’

दीपोत्सव के पहले दिन अयोध्या में साकेत महाविद्यालय परिसर से नया घाट तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जय श्रीराम का ध्वज लहराते हुए शोभायात्रा का शुभारंभ किया।
रामायण के सातों कांड — बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड को दर्शाने वाली 22 आकर्षक झांकियों ने पूरे मार्ग को भक्तिभाव से भर दिया।
लोकनृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, और रथों पर सजी रामायण की झलकियों ने त्रेतायुग की यादें जीवंत कर दीं।


🙏 योगी बोले — “हम दीप जला रहे हैं, गुलामी के प्रतीकों को मिटा रहे हैं”

मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव के मंच से कहा —

“आज जब पूरा देश प्रकाश में नहा रहा है, हमें गर्व है कि राम मंदिर का निर्माण पूरा हो रहा है।
एक समय था जब अयोध्या को ‘फैजाबाद’ कहा गया और रामभक्तों पर गोलियाँ चलीं।
आज हम दीप जला रहे हैं, अंधकार नहीं फैला रहे हैं। यह हमारा संकल्प है कि गुलामी के प्रतीकों को समाप्त कर भारत की अस्मिता को पुनः स्थापित करेंगे।”

मुख्यमंत्री के इस उद्बोधन पर पूरा परिसर जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा।


🕉️ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना से भरा दीपोत्सव

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में दीपोत्सव ने हर वर्ष अपना नया रिकॉर्ड बनाया है।
यह आयोजन केवल रोशनी का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक गौरव और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का उत्सव है।

उन्होंने कहा —

“दीपोत्सव का हर दीप सांस्कृतिक एकता, सामाजिक सौहार्द और धार्मिक समरसता का प्रतीक है। यह आयोजन उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश की आस्था को जोड़ने का माध्यम बन चुका है।”


🌺 भक्ति और भव्यता का अद्भुत संगम

दीपोत्सव के दौरान रामकथा पार्क, राम की पैड़ी, पंचकोशी मार्ग और सरयू तट को लाखों दीपों, पुष्प सज्जा और रोशनी से अलंकृत किया गया।
कार्यक्रम में लेजर शो और आतिशबाज़ी ने वातावरण को दिव्यता से भर दिया।
2128 वेदाचार्यों और अर्चकों ने एक साथ मां सरयू की आरती की, जिससे पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।

इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज, महासचिव चंपत राय, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री सतीश शर्मा, आरएसएस के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष, और अयोध्या क्षेत्र के कई विधायक उपस्थित रहे।


🕯️ अयोध्या में जगमगाई आस्था — गर्व से उभरी संस्कृति

दीपोत्सव 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह भारत की सनातन संस्कृति की आत्मा का उत्सव था।
रामलला के मंदिर से लेकर सरयू तट तक हर दीप ने यही संदेश दिया —
अंधकार चाहे जितना भी गहरा हो, एक दीपक की लौ उसे मिटा सकती है।



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