दीपावली पर लक्ष्मी पूजा 2025: जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय
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अमावस्या व्यापिनी प्रदोष काल में स्थिर लग्न के दौरान करें विधिपूर्वक लक्ष्मी पूजन, घर-परिवार से लेकर व्यापार तक में सुख-समृद्धि का बनेगा मार्ग
दीपावली का पर्व केवल दीप जलाने और मिठाई बांटने का नहीं, बल्कि यह देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की आराधना का शुभ अवसर है। हिंदू धर्म में यह पर्व अंधकार पर प्रकाश और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना गया है। यह त्योहार हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन पूरे भारतवर्ष में घरों, दुकानों और मंदिरों में दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है, ताकि घर-परिवार में सुख, समृद्धि और वैभव का स्थायी निवास हो सके।

🌙 कब करें लक्ष्मी पूजा — सर्वोत्तम मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लक्ष्मी पूजा का सबसे शुभ समय प्रदोष काल होता है। प्रदोष काल का आरंभ सूर्यास्त के बाद से लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक माना जाता है।
इस दिन अमावस्या तिथि व्यापिनी प्रदोष काल सबसे पवित्र समय होता है। यही वह समय होता है जब मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जिन घरों में स्वच्छता, भक्ति और दीपों की उज्ज्वल रौशनी होती है, वहां स्थायी रूप से विराजमान हो जाती हैं।
वर्ष 2025 के लिए सामान्य शुभ मुहूर्त:
- दीपावली की तिथि: 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
- लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 07:00 बजे से रात 08:20 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 05:45 बजे से रात 08:15 बजे तक
इस समय के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना अत्यंत फलदायी होता है।
लक्ष्मी पूजा के लिए स्थिर लग्न का होना भी आवश्यक है।
- वृषभ लग्न – लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ
- सिंह लग्न – राजकीय सम्मान और उन्नति के लिए
- वृश्चिक लग्न – व्यापारिक लाभ और प्रगति के लिए
- कुंभ लग्न – स्थायी समृद्धि और सफलता के लिए शुभ

🪔 कैसे करें लक्ष्मी पूजन — घर, दुकान और व्यापार स्थल पर
लक्ष्मी पूजन का आरंभ सायंकाल दीप जलाकर और गणेश पूजन से किया जाता है, क्योंकि गणेशजी को विघ्नहर्ता और शुभारंभ का देवता माना गया है।
1️⃣ घर में पूजन विधि:
- सबसे पहले घर की पूरी सफाई करें। माना जाता है कि मां लक्ष्मी स्वच्छ और उज्ज्वल स्थानों पर ही आती हैं।
- पूजन स्थल पर लाल या पीले वस्त्र बिछाएं।
- लक्ष्मी, गणेश और कुबेर जी की मूर्तियों को पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करें।
- मूर्तियों के सामने दीपक जलाएं। घी का दीप सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
- मां लक्ष्मी को कमल पुष्प, धूप, चंदन, चावल और मिठाई अर्पित करें।
- लक्ष्मी स्तोत्र, श्रीसूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
- लक्ष्मी आरती कर परिवार सहित दीपों का पूजन करें।
- पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ दीप जलाकर घर के हर कोने में रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में फैलती है।
2️⃣ दुकान या व्यवसाय स्थल पर पूजन विधि:
💰 मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय
- दीपावली से पहले और बाद में घर के मुख्य द्वार को साफ रखें और द्वार पर तोरण लगाएं।
- मां लक्ष्मी को कमल पुष्प, सफेद मिठाई, दूध से बने पकवान और खीर विशेष प्रिय हैं।
- लक्ष्मीजी के साथ कुबेर देव की पूजा से धन का स्थायी आगमन होता है।
- लक्ष्मी पूजन के समय शंख और घंटी का ध्वनि करना अत्यंत शुभ माना गया है।
- शाम के समय दीप जलाना और घर के हर कोने को रोशन करना मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है।
🌟 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार
पौराणिक कथाओं में उल्लेख है कि कार्तिक अमावस्या को समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इसीलिए इस दिन उनकी पूजा विशेष फलदायी होती है।
दूसरी मान्यता के अनुसार, भगवान राम जब रावण वध के बाद अयोध्या लौटे, तब नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दीपावली पर्व की परंपरा शुरू हुई।

🙏 लक्ष्मी पूजन का सार्थक संदेश
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन केवल धन-संपदा की कामना के लिए नहीं, बल्कि यह आंतरिक समृद्धि, सद्भाव और ज्ञान के प्रकाश का भी प्रतीक है।
जब व्यक्ति अपने कर्म, विचार और वातावरण को पवित्र रखता है, तभी सच्ची लक्ष्मी यानी समृद्धि उसके जीवन में प्रवेश करती है।
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