October 19, 2025 9:21 PM

धनतेरस पर खरीदारी ने तोड़ा अब तक का सभी रिकॉर्ड, देशभर में हुआ 1 लाख करोड़ रुपए का कारोबार

dhanteras-2025-pooja-vidhi-shubh-muhurat-upay-for-wealth

सोना-चांदी की बिक्री 60 हजार करोड़ तक पहुंची, बर्तन, गाड़ियों और इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीद में भी दिखा अभूतपूर्व उत्साह

धनतेरस पर 1 लाख करोड़ की रिकॉर्ड खरीदारी, सोना-चांदी की बिक्री 60 हजार करोड़ पार

नई दिल्ली। इस साल का धनतेरस पर्व भारत के खुदरा कारोबार के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा त्यौहारी व्यावसायिक दिन साबित हुआ है। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के अनुसार, इस धनतेरस (17 और 18 अक्टूबर) पर भारतीयों ने करीब 1 लाख करोड़ रुपए की खरीदारी की।
यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 25 से 30 प्रतिशत अधिक है। इस बार खरीदारी का मुख्य आकर्षण सोना-चांदी, वाहन, बर्तन, किचन उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं रहीं।


सोना-चांदी की चमक सबसे ज्यादा — 60 हजार करोड़ की बिक्री

धनतेरस पर भारतीयों की परंपरागत पसंद यानी सोना और चांदी ने रिकॉर्ड बनाया।
CAIT के अनुसार, इस वर्ष केवल आभूषण, सोने-चांदी के सिक्कों और अन्य कीमती धातु उत्पादों की बिक्री 60,000 करोड़ रुपए रही — जो पिछले साल की तुलना में 25% अधिक है।

ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि “ज्वेलरी बाजारों में इस बार ग्राहकों की भीड़ पहले से कहीं अधिक रही। केवल दिल्ली में ही 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार हुआ।”

हालांकि, इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों के कारण वॉल्यूम यानी मात्रा में 10% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन कुल मूल्य में बड़ी वृद्धि हुई।
उन्होंने कहा कि पिछले साल धनतेरस पर करीब 39 टन सोना बिका था, जबकि इस बार यह आंकड़ा 36 टन के आसपास रहने की संभावना है।

जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने बताया कि सोने की कीमतों में तेज़ी के बावजूद ग्राहकों में उत्साह कम नहीं हुआ। “इस बार सबसे ज्यादा मांग सोने के सिक्कों और छोटे आभूषणों की रही। बहुत से ग्राहकों ने शादी के मौसम को ध्यान में रखकर अग्रिम खरीदारी की।”


सोने-चांदी के दामों में ऐतिहासिक उछाल

CAIT की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सोने और चांदी दोनों के दामों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।

  • सोना: 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹76,162 थी, जो अब बढ़कर ₹1,29,584 हो गई है — यानी ₹53,422 (70.14%) की बढ़ोतरी।
  • चांदी: एक किलो चांदी की कीमत ₹86,017 से बढ़कर ₹1,69,230 हो गई है — यानी ₹83,213 (96.74%) की वृद्धि।

इसके बावजूद लोगों ने खरीदारी में कोई कमी नहीं दिखाई, जिससे यह स्पष्ट है कि सोना-चांदी अभी भी भारतीय निवेश और समृद्धि का सबसे विश्वसनीय प्रतीक बने हुए हैं।


बर्तन और किचन अप्लायंसेज में 15,000 करोड़ की बिक्री

धनतेरस पर धातु के बर्तन और किचन उपकरणों की खरीद को शुभ माना जाता है।
इस वर्ष इस सेगमेंट में भी 15,000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।
स्टील, पीतल, तांबे और चांदी के बर्तन, साथ ही आधुनिक कुकवेयर और किचन अप्लायंसेज की बिक्री ने नए रिकॉर्ड बनाए।

वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में भी लोगों का उत्साह देखने लायक रहा। एलईडी टीवी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और एयर कंडीशनर की बिक्री में लगभग 10,000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।

पैनासोनिक लाइफ सॉल्यूशंस के डायरेक्टर संदीप सेठगल के अनुसार, इस साल “बड़े स्क्रीन वाले टीवी, खासकर 55 इंच और उससे ऊपर के मॉडल्स ने बिक्री में नया ट्रेंड बनाया। टीवी और RAC श्रेणी में पिछले साल की तुलना में 30% अधिक बिक्री दर्ज की गई।”

साथ ही, सजावटी वस्तुएं, पूजा सामग्री, दीप और लैंप्स जैसे उत्पादों की बिक्री 3,000 करोड़ रुपए से अधिक रही।


मिठाइयां, वस्त्र, वाहन — त्योहारों में कारोबार की नई ऊंचाई

धनतेरस के अवसर पर मिठाई, फल, ड्राई फ्रूट्स और वस्त्रों की बिक्री में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी गई।
CAIT के अनुसार, इन श्रेणियों में कुल मिलाकर 12,000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।

सबसे दिलचस्प वृद्धि ऑटोमोबाइल सेक्टर में दर्ज की गई।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) के मुताबिक, दो दिनों के भीतर देशभर में करीब 1 लाख कारें बिकीं — जिसकी अनुमानित कुल बिक्री 8,000 करोड़ रुपए के करीब रही।

मारुति सुजुकी इंडिया ने अकेले 50,000 कारों की बिक्री का अनुमान जताया, जबकि हुंडई मोटर इंडिया ने बताया कि उसने इस धनतेरस पर लगभग 14,000 कारें बेचीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक है।


भारतीय प्रोडक्ट्स की ओर झुका उपभोक्ताओं का रुझान

CAIT के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस साल के रिकॉर्ड कारोबार का श्रेय आंशिक रूप से सरकार की ‘वोकल फॉर लोकल’ मुहिम और जीएसटी सुधारों को जाता है।
उन्होंने कहा —

“लोग अब भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे छोटे व्यापारी, कारीगर और स्थानीय निर्माताओं को सीधा लाभ मिला है।”

खंडेलवाल ने बताया कि इस बार केवल ज्वेलरी और पारंपरिक बाजारों में ही नहीं, बल्कि आधुनिक शॉपिंग मॉल्स में भी ग्राहकों की अभूतपूर्व भीड़ रही।


त्योहारों से उपभोक्ता भरोसे को मिला बल

धनतेरस पर हुए इस रिकॉर्ड कारोबार ने यह साबित कर दिया है कि भारत की अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता विश्वास लगातार मजबूत हो रहा है।
उच्च सोने की कीमतें, महंगाई और वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बावजूद लोगों ने खरीदारी को शुभ माना और बड़े स्तर पर धन खर्च किया।
वाणिज्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह रुझान आगामी दीपावली और विवाह सीजन में भी जारी रहेगा, जिससे खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र दोनों को नया बल मिलेगा।



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram