October 18, 2025 7:19 PM

बाजारों में दीपोत्सव की रौनक, धनतेरस पर उमंगों की खरीददारी से चमकेगा व्यापार

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धनतेरस पर भोपाल में 600 करोड़ की खरीददारी की उम्मीद, सोना-चांदी के कारोबार में देशभर में 50 हजार करोड़ का अनुमान

भोपाल में 600 करोड़ से अधिक की धनवर्षा की उम्मीद, सोना-चांदी के कारोबार में देशभर में 50 हजार करोड़ का व्यापार संभावित

भोपाल, 17 अक्टूबर।
दीपोत्सव के आगमन के साथ ही प्रदेश भर के बाजारों में रौनक लौट आई है। दुकानों पर ग्राहकों की भीड़, चमकते सजावटी दीये, रंग-बिरंगी झालरों और खुशियों की महक ने वातावरण को उत्सवी बना दिया है। धनतेरस के शुभ अवसर पर आज हर बाजार में खरीददारी का उत्साह चरम पर रहेगा। व्यापारी इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 20 से 25 प्रतिशत अधिक व्यापार की उम्मीद कर रहे हैं।


भोपाल में 600 करोड़ की धनवर्षा का अनुमान

राजधानी भोपाल के प्रमुख बाजारों में सुबह से ही रौनक देखने को मिल रही है। सराफा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, गृह सज्जा, मिठाई और वस्त्र बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी है। व्यापारियों के अनुसार धनतेरस पर अकेले भोपाल में करीब 600 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार होने की संभावना है।

वाहन बाजार में तो इस बार विशेष उत्साह देखा जा रहा है। जीएसटी दरों में कमी का सीधा फायदा ग्राहकों को मिल रहा है, जिससे वाहन बिक्री में जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है।
आरएमजे मोटर्स के सुनील जैन, ओम ऑटो होंडा के आशीष पांडे और वरेण्यम मोटर के विशाल जौहरी ने बताया कि धनतेरस पर नए वाहन खरीदना शुभ माना जाता है, और इस परंपरा के चलते इस बार बिक्री में रिकार्ड वृद्धि हो सकती है।

विशाल जौहरी के अनुसार,

“पिछले साल की तुलना में इस बार धनतेरस पर 20 से 25 प्रतिशत अधिक वाहनों की बिक्री होने की उम्मीद है। भोपाल में लगभग 1500 नई कारें और 2500 दोपहिया वाहन बिक सकते हैं।”


सोना-चांदी के कारोबार में 50 हजार करोड़ का अनुमान

धनतेरस को सोना, चांदी और बर्तन खरीदने का दिन माना जाता है। परंपरागत रूप से यह दिन “धन की देवी लक्ष्मी” के स्वागत का प्रतीक होता है। इस बार भी ज्वेलरी बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) और ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (AIGJF) के अनुसार, इस वर्ष देशभर में लगभग 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के सोने-चांदी के कारोबार की संभावना है।

भोपाल, इंदौर, सूरत, मुंबई, जयपुर और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में ज्वेलरी की दुकानों पर खरीदारों का सैलाब उमड़ा हुआ है।
ज्वेलर्स का कहना है कि वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में हालिया स्थिरता और स्थायी निवेश की भावना से लोग बड़ी मात्रा में आभूषण खरीद रहे हैं।


बाजारों में उत्सव जैसा माहौल

राजधानी के न्यू मार्केट, बिट्ठल मार्केट, चौक बाजार, सराफा चौक, 10 नंबर मार्केट और एमपी नगर में भीड़ का आलम यह है कि पार्किंग स्थलों पर जगह मिलना मुश्किल हो गया है।
महिलाएं सोने-चांदी के सिक्के, चूड़ियां, पूजा के बर्तन और नए वस्त्र खरीद रही हैं। वहीं बच्चों में इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों और सजावटी वस्तुओं को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

मिठाई की दुकानों पर भी ग्राहकों की लंबी कतारें हैं। प्रमुख मिठाई विक्रेता मथुरा स्वीट्स के मालिक ने बताया कि “इस साल बिक्री पिछले वर्ष से 30% अधिक रहने की उम्मीद है।”


ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे ज्यादा उछाल

वाहन बिक्री इस बार रिकॉर्ड स्तर पर रहने की संभावना है। कई शोरूमों ने धनतेरस और दीपावली के अवसर पर विशेष फेस्टिव डिस्काउंट और जीएसटी बेनिफिट ऑफर लॉन्च किए हैं।
आरएमजे मोटर्स, वरेण्यम मोटर्स और ओम ऑटो होंडा जैसे बड़े विक्रेताओं के अनुसार, ग्राहकों को न केवल टैक्स रियायत का लाभ मिल रहा है, बल्कि कई कंपनियों ने फाइनेंस योजनाओं को भी आसान बनाया है।


व्यापारियों और ग्राहकों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

कोविड और मंदी के दौर के बाद यह पहला दीपोत्सव है जब बाजारों में पूर्ण उत्साह देखा जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि इस बार खरीदारी का रुझान यह दर्शाता है कि उपभोक्ता अब पहले की तरह आत्मविश्वास के साथ खर्च कर रहे हैं।
दीवाली से पहले धनतेरस को शुभ मानकर ग्राहक बर्तन, ज्वेलरी, गाड़ी और गृह सज्जा की वस्तुएं खरीदना पसंद करते हैं।


आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्व

आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, धनतेरस का पर्व देश की खुदरा अर्थव्यवस्था का सूचक बन गया है। इस दिन की बिक्री आगामी त्योहार सीजन के व्यापारिक ट्रेंड को तय करती है।
इस वर्ष न केवल पारंपरिक खरीदारी में वृद्धि हुई है, बल्कि डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन ऑर्डर की संख्या में भी लगभग 30% तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।


धनतेरस की शाम तक बाजारों में यह रौनक और बढ़ेगी। दीपों की रोशनी के साथ जब घर-घर में सुख, समृद्धि और धन का आशीर्वाद मांगा जाएगा, तब यह उत्सव न केवल आर्थिक समृद्धि का बल्कि सकारात्मकता और नई शुरुआत का प्रतीक बन जाएगा।

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