शिक्षा, प्रौद्योगिकी और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति
श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात, शिक्षा और विकास सहयोग पर हुई चर्चा
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर।
भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा भरने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच हुई इस भेंट को दक्षिण एशिया में सहयोग, विकास और आपसी समझ को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. अमरसूर्या का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि उनकी यह यात्रा भारत और श्रीलंका के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सदैव श्रीलंका के साथ एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में खड़ा रहा है और दोनों देशों के बीच की मित्रता पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।

अप्रैल की ऐतिहासिक यात्रा का जिक्र
मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष अप्रैल में श्रीलंका की अपनी राजकीय यात्रा को याद किया। उस यात्रा के दौरान उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका के साथ सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर उपयोगी चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि उस दौरे के दौरान शिक्षा, प्रौद्योगिकी, नवाचार, आर्थिक विकास, ऊर्जा सहयोग और मत्स्य पालन जैसे विषयों पर दोनों देशों ने साझा रूप से आगे बढ़ने का संकल्प लिया था।
द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा
इस मुलाकात में दोनों प्रधानमंत्रियों ने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, नवाचार, तकनीकी विकास और हमारे मछुआरों के कल्याण जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत श्रीलंका के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदारी निभाता रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की नई शिक्षा नीति दोनों देशों के बीच शैक्षणिक और कौशल विकास सहयोग को और आगे बढ़ाएगी।
डॉ. अमरसूर्या ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा श्रीलंका को कठिन समय में सहयोग दिया है और आज भी वह उनके देश के विकास का प्रमुख भागीदार बना हुआ है। उन्होंने भारत की डिजिटल इंडिया पहल और महिला उद्यमिता को प्रेरणादायक बताया तथा श्रीलंका में भी इसी तरह के कार्यक्रमों के संचालन की इच्छा व्यक्त की।

क्षेत्रीय शांति और साझी प्रगति पर जोर
दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिरता और विकास के लिए भारत और श्रीलंका की साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत “पड़ोसी पहले” की नीति पर कायम है और श्रीलंका के साथ उसका रिश्ता केवल भौगोलिक निकटता का नहीं बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव का भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि वे उनके साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने के इच्छुक हैं, ताकि दोनों देशों के बीच सहयोग के सभी क्षेत्रों में प्रगति सुनिश्चित की जा सके।

सोशल मीडिया पर भी साझा किए विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी इस मुलाकात को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा—
“श्रीलंका की प्रधानमंत्री सुश्री हरिनी अमरसूर्या का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। उनके साथ शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, नवाचार, विकास सहयोग और हमारे मछुआरों के कल्याण सहित कई व्यापक क्षेत्रों पर चर्चा हुई। घनिष्ठ पड़ोसी होने के नाते हमारा सहयोग हमारे दोनों देशों की जनता और पूरे क्षेत्र की समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
यह मुलाकात भारत-श्रीलंका संबंधों में एक और मील का पत्थर साबित हो सकती है। दोनों देश अब शिक्षा, डिजिटल नवाचार, ऊर्जा, मत्स्य पालन और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं पर काम करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।यह मुलाकात भारत-श्रीलंका संबंधों में एक और मील का पत्थर साबित हो सकती है। दोनों देश अब शिक्षा, डिजिटल नवाचार, ऊर्जा, मत्स्य पालन और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं पर काम करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
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