सोना 1,27,247 रुपए के ऑलटाइम हाई पर, लगातार 15वें दिन बढ़त; विशेषज्ञ बोले— अभी निवेश में सतर्क रहें
त्योहारी मांग, भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी ने बढ़ाई चमक; विशेषज्ञ बोले— अभी निवेश में सतर्कता जरूरी
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती अनिश्चितता और घरेलू त्योहारों की मांग के चलते सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, गुरुवार को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 533 रुपए महंगा होकर 1,27,247 रुपए पर पहुंच गया। यह अब तक का ऑलटाइम हाई स्तर है।
बीते 15 दिनों में सोने के भाव में लगातार बढ़त दर्ज हुई है, जो बीते एक वर्ष में सबसे लंबी तेजी की लहर मानी जा रही है। बुधवार को सोने का भाव 1,26,714 रुपए था।
वहीं, चांदी में लगातार 20 दिनों की तेजी के बाद अब गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है। आज चांदी 3,150 रुपए गिरकर 1,70,850 रुपए प्रति किलो पर आ गई है। बुधवार को इसका भाव 1,74,000 रुपए था। इस तरह चांदी दो दिनों में कुल 7,250 रुपए सस्ती हुई है। इससे पहले 14 अक्टूबर को चांदी 1,78,100 रुपए प्रति किलो के ऑलटाइम हाई स्तर पर थी।

🔹 इस साल सोना 51,085 रुपए और चांदी 84,833 रुपए महंगी
2025 के शुरुआती महीनों से ही कीमती धातुओं में उछाल का सिलसिला जारी है।
- 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए था, जो अब 1,27,247 रुपए पर पहुंच गया है। यानी इस साल अब तक सोना 51,085 रुपए महंगा हुआ है।
- वहीं, चांदी की कीमत 86,017 रुपए से बढ़कर 1,70,850 रुपए प्रति किलो हो गई है। यानी चांदी अब तक 84,833 रुपए प्रति किलो महंगी हो चुकी है।
🔹 गोल्डमैन सैच ने दी चेतावनी – सोना 1.55 लाख तक जा सकता है
गोल्डमैन सैच की हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अगले साल तक सोना 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है।
वर्तमान डॉलर-रुपया विनिमय दर के अनुसार, भारत में इसका भाव लगभग 1,55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
वहीं, पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा ने भी कहा कि निकट भविष्य में सोना 1,44,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है, बशर्ते वैश्विक तनाव और निवेश प्रवाह की स्थिति यथावत बनी रहे।
🔹 तीन बड़े कारण जिनसे सोने में आई तेजी
- त्योहारी मांग और भावनात्मक जुड़ाव:
भारत में दिवाली, धनतेरस और शादियों के मौसम में सोना खरीदना शुभ माना जाता है। इस समय बाजार में भाव ऊंचे होने के बावजूद मांग में मजबूती बनी हुई है। - भू-राजनीतिक तनाव:
मध्य पूर्व में बढ़ती अशांति, अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव और यूरोप की आर्थिक अनिश्चितता ने निवेशकों को सोने जैसे सुरक्षित निवेश की ओर मोड़ा है। - केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी:
दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंक डॉलर पर निर्भरता घटाने के उद्देश्य से अपने भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग लगातार बढ़ रही है।
🔹 चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के तीन कारण
- त्योहारी मांग और औद्योगिक उपयोग:
सोने की तरह चांदी की मांग भी दिवाली और शादियों में बढ़ती है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और मेडिकल उपकरणों में इसका उपयोग बढ़ा है। - रुपए की कमजोरी:
रुपये में गिरावट से चांदी के आयात की लागत बढ़ जाती है, जिससे कीमतें ऊपर जाती हैं। - लाभ वसूली का असर:
बीते तीन सप्ताह में जबरदस्त तेजी के बाद अब निवेशकों ने मुनाफा वसूली शुरू की है, जिसके चलते पिछले दो दिनों में चांदी के दाम गिरे हैं।
🔹 निवेशकों को सावधानी की सलाह
केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया ने कहा कि इस साल सोने में करीब 60% की तेजी दर्ज की जा चुकी है।
उनका कहना है कि निकट भविष्य में बाजार में कुछ सुधार या गिरावट आ सकती है क्योंकि कई निवेशक मुनाफा वसूलने की तैयारी में हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए सोना अभी भी सुरक्षित विकल्प है, क्योंकि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता बनी हुई है।
🔹 सोना खरीदते समय रखें ये दो बातें याद
- केवल प्रमाणित सोना ही खरीदें:
हमेशा BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) से प्रमाणित और हॉलमार्क वाला गोल्ड खरीदें।
हॉलमार्क का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड (जैसे—AZ4524) सोने की शुद्धता दर्शाता है। - कीमत की जांच करें:
खरीदारी से पहले सोने का वजन और उस दिन की दर इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट या विश्वसनीय स्रोतों से मिलान करें।
ध्यान रखें कि 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के सोने की कीमतें अलग-अलग होती हैं।
🔹 भविष्य की दिशा
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में आगे भी हलचल जारी रह सकती है।
त्योहारी सीजन और वैश्विक परिस्थितियाँ इसे और ऊपर धकेल सकती हैं, लेकिन यदि भू-राजनीतिक तनाव कम हुआ या अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ तो कुछ सुधार भी देखने को मिल सकता है।
कुल मिलाकर, सोना फिलहाल निवेशकों के लिए एक “सुरक्षित लेकिन महंगा आश्रय” बन गया है, जबकि चांदी की अस्थिरता निकट भविष्य में जारी रहने की संभावना है।
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