भारत पर अफगानिस्तान में प्रॉक्सी वॉर लड़ने का आरोप
सीजफायर की स्थिरता पर जताई शंका, चेताया – “अगर उकसाया गया तो सैन्य कार्रवाई करेंगे”
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भारत पर लगाया आरोप, कहा— “तालिबान के फैसले दिल्ली में लिए जा रहे हैं”
इस्लामाबाद/काबुल, 16 अक्टूबर। पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच चल रहे तनाव के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक विवादास्पद बयान देकर नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा है कि “तालिबान के फैसले अब दिल्ली में लिए जा रहे हैं” और भारत अफगानिस्तान को पाकिस्तान के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
आसिफ ने यह टिप्पणी पाकिस्तानी चैनल ‘जियो न्यूज’ से बातचीत के दौरान की, जिसमें उन्होंने तालिबान के साथ हाल ही में हुए 48 घंटे के सीजफायर पर भी भरोसा जताने से इंकार किया।
🔹 “दिल्ली से मिल रहा है तालिबान को सहयोग”
ख्वाजा आसिफ ने कहा,
“मुझे शक है कि यह सीजफायर टिक पाएगा, क्योंकि अफगान तालिबान को दिल्ली से सहयोग मिल रहा है। भारत अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल हमारे खिलाफ कर रहा है। अगर पाकिस्तान को उकसाया गया, तो हम जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।”
आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अगर युद्ध का दायरा बढ़ा तो “हमारे पास जवाब देने की पूरी क्षमता है।” उन्होंने दो टूक कहा कि पाकिस्तान किसी भी स्थिति के लिए तैयार है—चाहे वार्ता हो या युद्ध।
🔹 टैंकों की लूट को बताया ‘फर्जी खबर’
हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आए थे, जिनमें तालिबानी लड़ाके कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना के टैंक लूटते हुए दिख रहे थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि
“ये सब फर्जी खबरें हैं। तालिबान जिन टैंकों पर दिख रहे हैं, वे पाकिस्तान के नहीं हैं। न मुझे पता है उन्होंने यह टैंक कहाँ से लिया है—किसी कबाड़ी से या पुराने जमाने का मॉडल चलाया है। यह सब सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने की कोशिश है।”
🔹 पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की ट्रांजिट ट्रेड सुविधा रोकी
पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ते तनाव के बाद इस्लामाबाद ने बड़ा कदम उठाते हुए अफगानिस्तान के लिए ट्रांजिट ट्रेड सुविधा तत्काल प्रभाव से बंद कर दी है।
इस फैसले के बाद अब अफगानिस्तान अपने व्यापार के लिए पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
कराची और पोर्ट कासिम से अफगानिस्तान जाने वाले सभी ट्रकों की आवाजाही रोक दी गई है। जो ट्रक पहले से रवाना हो चुके थे, उन्हें भी बंदरगाहों पर ही उतार दिया गया है।
पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) ने आदेश जारी करते हुए कहा कि क्वेटा और पेशावर कस्टम स्टेशन अब अतिरिक्त कंटेनरों को संभालने की स्थिति में नहीं हैं।
सभी अफगान ट्रांजिट गेट पास रद्द कर दिए गए हैं और नए कंटेनरों की ढुलाई भी रोक दी गई है।
यह फैसला ऐसे समय आया है जब अफगानिस्तान, जो समुद्र से दूर है, अपने अधिकतर अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए पाकिस्तान की बंदरगाहों पर निर्भर है। अफगान ट्रांजिट ट्रेड समझौते के तहत कराची से रोजाना सैकड़ों ट्रक अफगानिस्तान जाते थे। अब इस रुकावट से अफगान अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है।

🔹 सीमा पर संघर्ष और हवाई हमलों में बढ़ा तनाव
पिछले एक सप्ताह से पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच संघर्ष जारी है। बुधवार को दोनों पक्षों में 48 घंटे के अस्थायी सीजफायर पर सहमति बनी थी।
इससे पहले पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और दक्षिणी क्षेत्र कंधार के स्पिन बोल्डक में हवाई हमले किए थे, जिनमें करीब 15 लोगों की मौत और 100 से अधिक घायल हुए।
इन हमलों के जवाब में तालिबान ने भी पाकिस्तान के पेशावर में ड्रोन अटैक किया।
रिपोर्टों के अनुसार, ड्रोन ने एक प्लाज़ा के कमरे को निशाना बनाया, जहां कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) की एक गुप्त यूनिट काम कर रही थी।
🔹 अफगानिस्तान में भारत की भूमिका पर बढ़ा विवाद
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और अफगानिस्तान के बीच आर्थिक और मानवीय सहयोग के संबंध मजबूत हुए हैं। भारत ने काबुल को खाद्य सहायता, दवाएं और आधारभूत ढांचे के निर्माण में मदद दी है।
हालांकि, पाकिस्तान इस सहयोग को अपनी सुरक्षा के खिलाफ मानता है और बार-बार भारत पर “अफगानिस्तान को अस्थिर करने” का आरोप लगाता रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आसिफ का बयान पाकिस्तान की आंतरिक असुरक्षा और आर्थिक दबाव का परिणाम है। दरअसल, पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट, बढ़ती महंगाई और आतंकी हमलों से जूझ रहा है। ऐसे में सरकार अक्सर “बाहरी दुश्मन” का नैरेटिव गढ़कर घरेलू असंतोष को कम करने की कोशिश करती है।
🔹 दोनों देशों के रिश्ते फिर तनाव के मोड़ पर
अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान ने उम्मीद जताई थी कि उसकी पश्चिमी सीमा पर स्थिरता लौटेगी। लेकिन हाल के महीनों में तालिबान के भीतर तेहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के समर्थन ने इस्लामाबाद की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
सीमा पर लगातार झड़पें, आतंकी हमले और व्यापारिक प्रतिबंध दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा संकट की ओर धकेल रहे हैं।
अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यह सीजफायर कितने दिन टिक पाता है और क्या दोनों देश वार्ता की राह पर लौट सकते हैं, या हालात और बिगड़ेंगे।
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