भारतीय सेना के लिए 73 हजार सिग सॉयर असॉल्ट राइफलें खरीदने का फैसला, 659 करोड़ का अनुबंध हुआ
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। भारतीय सेना की मारक क्षमता को और मजबूत करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिकी कंपनी ‘सिग सॉयर’ (SIG Sauer) से 73 हजार नई असॉल्ट राइफलें खरीदने का निर्णय लिया है। कुल 659 करोड़ रुपये की इस डील में राइफलें अत्याधुनिक नाइट विजन सहायक उपकरणों (Night Vision Devices) से लैस होंगी, जिससे भारतीय सैनिक अब दिन और रात दोनों समय लंबी दूरी तक सटीक निशाना लगा सकेंगे।
🔫 लंबी दूरी तक सटीक निशाना लगाने में सक्षम
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारतीय सेना के लिए खरीदी जा रही ये नई राइफलें 7.62×51 मिमी सिग-716 असॉल्ट राइफलें हैं, जो 500 मीटर तक के लक्ष्यों को भेदने की क्षमता रखती हैं। ये राइफलें तारों की रोशनी में भी प्रभावी निशाना लगाने में सक्षम हैं और अत्याधुनिक इमेज इंटेंसिफायर नाइट साइट्स से लैस होंगी।
“इन हथियारों से सैनिकों को हर मौसम, हर परिस्थिति में स्पष्ट दृश्य और सटीक लक्ष्य मिलेगा,” रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा।
🇮🇳 51% स्वदेशी सामग्री के साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
इस अनुबंध में 51 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी घटकों का उपयोग होगा, जो रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ नीति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारतीय लघु उद्योग (MSME) और घरेलू आपूर्तिकर्ताओं को राइफल के घटकों और कच्चे माल की आपूर्ति में बड़ी भूमिका दी जाएगी।
इससे न केवल देश की रक्षा उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि सैकड़ों छोटे उद्योगों को भी रोजगार और तकनीकी सहयोग मिलेगा।
⚔️ कश्मीर, पूर्वोत्तर और सीमा क्षेत्रों में तैनाती
इससे पहले 2019 में भी भारतीय सेना ने अमेरिकी कंपनी सिग सॉयर से 72,400 सिग-716 राइफलें खरीदी थीं, जिनकी आपूर्ति दिसंबर 2019 तक पूरी कर दी गई थी। वे राइफलें इस समय जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में नियंत्रण रेखा (LoC) और सीमा सुरक्षा अभियानों में सक्रिय रूप से उपयोग की जा रही हैं।
नई खेप की राइफलें भी पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात पैदल सेना की बटालियनों को प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन राइफलों का इस्तेमाल मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों (Anti-Terror Operations) में किया जाएगा।
फरवरी 2019 में भारतीय सेना ने फास्ट-ट्रैक प्रोक्योरमेंट (FTP) के तहत 647 करोड़ रुपये में 72,400 राइफलें खरीदी थीं। उस समय —
सेना को 66,400 राइफलें,
वायुसेना को 4,000,
और नौसेना को 2,000 राइफलें दी गई थीं।
सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के उधमपुर स्थित उत्तरी कमान (Northern Command) को ये राइफलें प्राप्त हुई थीं।
⚙️ सिग सॉयर राइफल की विशेषताएं
1️⃣ उच्च मारक क्षमता: यह राइफल 600 मीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
2️⃣ सटीकता (Accuracy): ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक दोनों मोड में बेहतरीन बैलेंस और स्थिरता।
3️⃣ नाइट विजन कम्पैटिबिलिटी: इमेज इंटेंसिफायर नाइट साइट्स के साथ अंधेरे में भी स्पष्ट लक्ष्य।
4️⃣ भरोसेमंद डिजाइन: कठोर जलवायु और पहाड़ी इलाकों में भी बेहतरीन प्रदर्शन।
5️⃣ लो मेंटेनेंस: कम सफाई की जरूरत और लंबे समय तक फील्ड में उपयोग योग्य।
🪙 हथियारों की कमी दूर करने की दिशा में कदम
वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों के पास लगभग 20 लाख छोटे हथियार (Small Arms) हैं, जिनमें सबसे अधिक INSAS (Indian Small Arms System) राइफलें शामिल हैं। अब आधुनिक असॉल्ट राइफलें आने से न केवल पुरानी राइफलों की जगह ली जाएगी, बल्कि सीमा सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक अभियानों में सैनिकों को आधुनिक उपकरण मिलेंगे।
एक वरिष्ठ सेना अधिकारी के अनुसार — “नई सिग सॉयर राइफलें न केवल भारतीय सेना की मारक क्षमता बढ़ाएंगी, बल्कि भविष्य की लड़ाइयों में उनकी जीवित रहने की संभावना को भी कई गुना बढ़ा देंगी।”
💬 रक्षा मंत्रालय का बयान
“यह अनुबंध भारतीय सेना की परिचालनिक जरूरतों को पूरा करने और छोटे हथियारों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।” – रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
🔚 भारत की रक्षा तैयारी में नया अध्याय
नई राइफलों की खरीद के साथ भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ेगा। ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांतों पर आधारित यह कदम भविष्य की रक्षा रणनीति को और सशक्त करेगा।
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