ग्राम सिमलावदा में ग्रामीण की सतर्कता से बची वन्य जीव की जान, वन विभाग ने किया सम्मानित
रतलाम में मिला दुर्लभ पैंगोलिन, ग्रामीण की सतर्कता से बची जान, वन विभाग ने किया रेस्क्यू
रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के ग्राम सिमलावदा में सोमवार को एक दुर्लभ वन्य जीव पैंगोलिन (साल स्केली एन्टईटर) मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। यह जीव देर रात एक ग्रामीण के घर में घुस गया था, जिसे ग्रामीण ने बिना नुकसान पहुंचाए पूरी सतर्कता से बचाकर रखा और सुबह वन विभाग को सूचना दी। विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पैंगोलिन को सुरक्षित रेस्क्यू किया और उसे वन विभाग कार्यालय लाया गया।
🐾 ग्रामीण की सतर्कता बनी जीवनरक्षक
ग्रामीण दूलेसिंह दायमा के घर में रविवार रात यह दुर्लभ पैंगोलिन दिखाई दिया। दायमा ने समझदारी दिखाते हुए उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने जीव को सुरक्षित रखने के लिए शौचालय में बंद कर दिया और पूरी रात उसकी सुरक्षा की। सुबह उन्होंने यह जानकारी रतलाम जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि विशाल जायसवाल को दी। इसके बाद जायसवाल तत्काल मौके पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी लेकर वन विभाग को सूचना दी।
जब गांव में यह खबर फैली कि दायमा के घर में दुर्लभ जीव पैंगोलिन मिला है, तो ग्रामीणों की भीड़ देखने के लिए इकट्ठा हो गई। सभी ने इस जीव को पहली बार देखा और आश्चर्य प्रकट किया। बाद में वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पैंगोलिन को पिंजरे में सुरक्षित कैद किया।
🌿 वन विभाग ने किया सराहनीय कार्य
वन विभाग की टीम ने ग्रामीण की मदद से सावधानीपूर्वक पैंगोलिन को रेस्क्यू किया और उसे विभागीय कार्यालय लाकर सुरक्षित रखा। विभाग ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद इस जीव को उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा। साथ ही, वन्य जीव संरक्षण के दृष्टिकोण से सिमलावदा और आसपास के क्षेत्रों में सर्चिंग अभियान भी चलाया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और भी इस प्रजाति के जीव तो मौजूद नहीं हैं।
🎖️ ग्रामीण को मिला सम्मान और इनाम
जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि विशाल जायसवाल ने बताया कि दूलेसिंह दायमा ने रातभर इस जीव की सुरक्षा कर एक बड़ी जिम्मेदारी निभाई है। ऐसे कार्यों से समाज में वन्य जीवों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है। उन्होंने ग्रामीण को 5000 रुपए का इनाम देकर सम्मानित किया। जायसवाल ने कहा कि यह उदाहरण अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है कि वन्य जीवों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाए।
🌏 पैंगोलिन: अत्यंत दुर्लभ और संरक्षित प्रजाति
पैंगोलिन को दुनिया के सबसे दुर्लभ और संकटग्रस्त जीवों में गिना जाता है। यह एक निशाचर जीव है, जो मुख्य रूप से चींटियों और दीमकों पर निर्भर रहता है। भारत में यह जीव वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल है, अर्थात इसकी शिकार या तस्करी करना कानूनी अपराध है। इसकी पहचान इसकी कठोर शल्कदार त्वचा से होती है, जो इसे अन्य जीवों से अलग बनाती है।

वन विभाग के सहायक सुखसिंह डांगी ने बताया —
“ग्रामीणों की सूचना पर टीम तुरंत गांव पहुंची और जीव को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। वर्तमान में पैंगोलिन को वन विभाग कार्यालय में रखा गया है। वरिष्ठ अधिकारी के निर्देशानुसार उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा। सिमलावदा और आसपास के क्षेत्रों में सर्चिंग भी की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षेत्र में और ऐसे जीव न हों।”
🌿 जागरूकता की जरूरत
वन विभाग अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के जीवों का आना असामान्य नहीं है, लेकिन इनकी सुरक्षा जनसहयोग से ही संभव है। विभाग ने अपील की है कि यदि किसी क्षेत्र में कोई वन्य जीव दिखे तो तुरंत सूचना दें और उसे नुकसान न पहुँचाएँ।
सिमलावदा के इस उदाहरण ने साबित कर दिया कि यदि ग्रामीण जागरूक और संवेदनशील हों, तो वन्य जीवन का संरक्षण और पर्यावरण संतुलन दोनों ही बनाए रखे जा सकते हैं।
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