महिला वनडे वर्ल्ड कप में भारत को दूसरी हार, ऑस्ट्रेलिया ने 331 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य चेज कर रचा इतिहास
विशाखापट्टनम, 12 अक्टूबर।
महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 में भारतीय टीम को लगातार दूसरी हार झेलनी पड़ी है।
रविवार को खेले गए रोमांचक मुकाबले में डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया महिला टीम ने मेजबान भारत को 3 विकेट से पराजित कर टूर्नामेंट का सबसे बड़ा रन चेज़ करने का इतिहास रच दिया।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 48.5 ओवर में 330 रन बनाए, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 49वें ओवर में 7 विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया।
यह महिला वनडे इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा सफल लक्ष्य पीछा (रन चेज़) रहा।

एलिसा हीली की शानदार पारी, ऑस्ट्रेलिया को दिलाई ऐतिहासिक जीत
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली ने इस मुकाबले में अपनी कप्तानी के साथ-साथ बल्ले से भी जलवा दिखाया।
उन्होंने मात्र 125 गेंदों में 142 रन की शानदार पारी खेली, जिसमें 17 चौके और 3 छक्के शामिल थे।
उनकी यह पारी भारत के खिलाफ किसी भी विदेशी बल्लेबाज द्वारा खेले गए सबसे बड़े स्कोरों में शामिल हो गई है।
जब ऑस्ट्रेलिया को 50 गेंदों में 70 रन की जरूरत थी, तब एलिस पेरी ने संयम भरी पारी खेलते हुए 47 रन बनाए और टीम को जीत की ओर अग्रसर किया।
पेरी ने आखिरी ओवरों में निडर बल्लेबाजी कर टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई।

एनाबेल सदरलैंड की शानदार गेंदबाजी
ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाज एनाबेल सदरलैंड ने इस मुकाबले में भारत की बल्लेबाजी पर लगाम कस दी।
उन्होंने 9.5 ओवरों में 40 रन देकर 5 विकेट झटके, जो उनके करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
भारत के खिलाफ उनकी गेंदबाजी का यह प्रदर्शन महिला वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में किसी भी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
सदरलैंड की सटीक गेंदबाजी ने भारत के मध्यक्रम को ध्वस्त कर दिया।
स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल की साझेदारी ने संभाली भारतीय पारी
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी रही।
स्मृति मंधाना (80 रन) और प्रतिका रावल (75 रन) ने दूसरे विकेट के लिए 155 रन की शानदार साझेदारी कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
मंधाना ने अपनी पारी में 10 चौके और एक छक्का जड़ा, जबकि रावल ने क्रीज पर ठहराव के साथ सधी हुई बल्लेबाजी की।
इसके अलावा हरलीन देओल (38 रन), जेमिमा रोड्रिग्ज (33 रन), ऋचा घोष (32 रन) और अमनजोत कौर (16 रन) ने उपयोगी योगदान दिया।
भारतीय टीम एक समय 300 के पार जाने की स्थिति में थी, लेकिन अंतिम ओवरों में लगातार विकेट गिरने से स्कोर 330 पर सिमट गया।
भारतीय गेंदबाजों ने दी कड़ी टक्कर, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई अनुभव भारी पड़ा
लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने आक्रामक शुरुआत की।
कप्तान एलिसा हीली और फीब लिचफील्ड ने पहले 10 ओवरों में ही 75 रन जोड़कर भारत पर दबाव बना दिया।
लिचफील्ड (44 रन) को आउट करने के बाद दीप्ति शर्मा ने थोड़ी राहत दी, लेकिन हीली ने मोर्चा संभाले रखा।

भारत की ओर से श्री चरणी ने 3 विकेट, जबकि दीप्ति शर्मा और अमनजोत कौर ने 2-2 विकेट लिए।
हालांकि, भारतीय गेंदबाजों के सामने ऑस्ट्रेलिया का मध्यक्रम बेहद सधी हुई रणनीति के साथ खेला।

रिकॉर्ड बुक में दर्ज हुआ यह मुकाबला
इस मुकाबले में कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड बने —
1️⃣ ऑस्ट्रेलिया ने महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा लक्ष्य (331 रन) सफलतापूर्वक हासिल किया।
इससे पहले यह रिकॉर्ड श्रीलंका के नाम था, जिन्होंने 2024 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 305 रन का पीछा कर जीत दर्ज की थी।
2️⃣ यह भारत के खिलाफ किसी भी टीम का सबसे बड़ा रन चेज़ रहा।
पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम था, जिसने 2022 में भारत के खिलाफ 289 रन बनाए थे।
3️⃣ एलिसा हीली की 142 रनों की पारी महिला वनडे वर्ल्ड कप में किसी भी कप्तान की सबसे बड़ी पारी बन गई है।
भारत की लगातार दूसरी हार, सेमीफाइनल की राह मुश्किल
इस हार के साथ भारत को टूर्नामेंट में लगातार दूसरी पराजय झेलनी पड़ी है।
इससे पहले टीम को साउथ अफ्रीका ने हराया था।
अब भारत के लिए सेमीफाइनल की राह चुनौतीपूर्ण हो गई है।
टीम को अपने अगले मुकाबले इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी, ताकि नेट रन रेट के आधार पर अंतिम चार में प्रवेश संभव हो सके।

कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा – “हमने अच्छा स्कोर बनाया, लेकिन फील्डिंग में चूके”
हार के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा,
“हमने बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया और 330 का स्कोर किसी भी परिस्थिति में मजबूत होता है।
लेकिन फील्डिंग में कुछ गलतियां हुईं, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया ने भुनाया। हमें अपनी रणनीति और मानसिक मजबूती दोनों पर काम करना होगा।”
वहीं ऑस्ट्रेलियाई कप्तान हीली ने कहा,
“भारत के खिलाफ जीत हमेशा खास होती है। यह टीम बहुत मजबूत है। हमने धैर्य और विश्वास के साथ लक्ष्य का पीछा किया।”
महिला क्रिकेट में नई कहानी — संघर्ष, साहस और संकल्प की
विशाखापट्टनम के मैदान पर खेला गया यह मुकाबला महिला क्रिकेट के इतिहास में एक महान अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है।
जहाँ एक ओर भारत ने दमदार बल्लेबाजी दिखाई, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने अपने अनुभव और संयम से यह दिखा दिया कि क्यों वह महिला क्रिकेट की सबसे सफल टीम कहलाती है।

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