दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस — महिलाओं की शिक्षा, भारत से रिश्ते और पाकिस्तान पर बयान; तालिबान की नीतियों पर उठे सवाल
दिल्ली में तालिबान मंत्री अमीर मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस — महिलाओं की शिक्षा, भारत से रिश्ते और पाकिस्तान पर बयान
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने रविवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जो कई कारणों से चर्चा में रही। सबसे खास बात यह रही कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया और उन्हें पहली पंक्ति में बैठाया गया, जबकि पिछले शुक्रवार को हुई प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों को प्रवेश नहीं दिया गया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना हुई थी।
मुत्तकी ने पिछली बार महिलाओं को न बुलाने पर सफाई देते हुए कहा कि यह “सिर्फ तकनीकी कारणों से हुआ था”, न कि किसी भेदभाव की वजह से।
“पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में समय बहुत कम था, इसलिए छोटी सूची तैयार की गई थी। इसका कोई दूसरा मकसद नहीं था,” मुत्तकी ने कहा।
दिल्ली में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, भारत-अफगान रिश्ते, व्यापारिक सहयोग, पाकिस्तान से संबंधों और देश की स्थिति पर विस्तार से बात की।
1️⃣ महिलाओं की शिक्षा पर मुत्तकी का बयान — “हम शिक्षा के खिलाफ नहीं, व्यवस्था पुनर्गठन की प्रक्रिया में हैं”
महिलाओं की शिक्षा पर सवाल पूछे जाने पर मुत्तकी ने दावा किया कि अफगानिस्तान में कुल 1 करोड़ विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें 28 लाख महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक मदरसों में भी महिलाओं के लिए स्नातक स्तर तक की शिक्षा उपलब्ध है।
“कुछ क्षेत्रों में सीमाएं हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम शिक्षा के विरोधी हैं। महिलाओं की शिक्षा को हराम नहीं कहा गया है, इसे केवल अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है,” मुत्तकी ने कहा।
हालांकि, मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टें उनके इस दावे से असहमत हैं। यूएन की रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान शासन में करीब 11 लाख लड़कियां स्कूल और कॉलेजों से बाहर हो चुकी हैं। महिलाओं की शिक्षा और रोजगार लगभग 80 प्रतिशत तक घट गया है, और कम उम्र की शादी व महिला आत्महत्याओं के मामले तेजी से बढ़े हैं।
2️⃣ भारत से रिश्ते और काबुल एम्बेसी के दोबारा खुलने पर चर्चा
मुत्तकी ने कहा कि उन्होंने भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग, निवेश और कूटनीतिक संबंधों की बहाली पर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि भारत ने काबुल में अपने राजनयिक मिशन को एम्बेसी स्तर तक अपग्रेड करने की घोषणा की है। इससे पहले भारत ने 2021 में तालिबान शासन के बाद अपना राजनयिक स्टाफ काबुल से हटा लिया था।
“हम भारत के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं। भारत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है,” मुत्तकी ने कहा।
3️⃣ भारत-अफगान व्यापार, उड़ानें और निवेश
मुत्तकी ने बताया कि बैठक के दौरान भारत और अफगानिस्तान ने व्यापार और निवेश के नए रास्तों पर चर्चा की। भारत ने काबुल और दिल्ली के बीच सीधी उड़ानों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है।
अफगानिस्तान ने भारत को खनिज, कृषि और खेल क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया। बैठक में चाबहार बंदरगाह के उपयोग और वाघा बॉर्डर खोलने पर भी चर्चा हुई, ताकि दोनों देशों के बीच तेज और किफायती व्यापारिक मार्ग तैयार किया जा सके।
4️⃣ भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत पर जताया दुख
अमीर खान मुत्तकी ने 2021 में अफगानिस्तान में मारे गए भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान अब “सुरक्षित और स्थिर” है, और पिछले चार वर्षों में किसी पत्रकार को कोई नुकसान नहीं हुआ।
“हमें हर मौत का दुख है। चार दशकों तक हमारा देश विदेशी कब्जे में रहा — पहले सोवियत, फिर अमेरिका और नाटो की सेनाएं। अब अफगानिस्तान स्वतंत्र है और अपने पैरों पर खड़ा है,” उन्होंने कहा।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि अफगानिस्तान में मीडिया पर सख्त नियंत्रण है और महिला पत्रकारों को रिपोर्टिंग से रोका जाता है।
5️⃣ पाकिस्तान पर बयान — “लोगों से दुश्मनी नहीं, लेकिन कुछ तत्व परेशानी पैदा करते हैं”
मुत्तकी ने पाकिस्तान से संबंधों पर उर्दू में जवाब देते हुए कहा कि
“हमें पाकिस्तान की जनता से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन कुछ तत्व हमारे खिलाफ साजिशें रचते हैं।”
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की “उकसावे वाली हरकतों” के जवाब में अफगानिस्तान ने हाल में एक सैन्य ऑपरेशन शुरू किया था, जिसे कतर और सऊदी अरब की मध्यस्थता से रोक दिया गया।
मुत्तकी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपने आतंकी समूहों पर नियंत्रण रखना होगा।
“तालिबान (TTP) अफगानिस्तान में नहीं है। पाकिस्तान को अपने आतंकी समूहों को रोकना चाहिए,” उन्होंने कहा।
तालिबान के झंडे की ओर इशारा करते हुए मुत्तकी बोले,
“यह हमारा झंडा है, इसके लिए हमने जिहाद लड़ा। हम किसी से दुश्मनी नहीं चाहते, लेकिन अपनी आजादी की रक्षा करेंगे।”
#WATCH | Delhi | Afghanistan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi says, "… I met the Minister of External Affairs of India and talked about economy, trade, and other issues. During the meeting, the EAM of India announced the upgrading of their mission in Kabul to Embassy level… pic.twitter.com/CdbCEKDEVg
हालांकि मुत्तकी ने अफगानिस्तान को “शांतिपूर्ण और व्यवस्थित” बताया, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। 2021 में सत्ता में लौटने के बाद तालिबान ने महिलाओं की स्वतंत्रता, शिक्षा और नौकरी पर लगभग पूरी तरह रोक लगा दी है।
सातवीं कक्षा से ऊपर की पढ़ाई पर प्रतिबंध लगाया गया।
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में महिलाओं का प्रवेश बंद कर दिया गया।
बिना पुरुष अभिभावक के महिलाओं को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
2023 में ब्यूटी पार्लर, जिम, पार्क और खेल क्लब महिलाओं के लिए बंद कर दिए गए।
महिला पत्रकारों को फोटो या वीडियो शूट करने से रोका गया, और टीवी चैनलों से कई एंकरों को हटा दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि इस दमनकारी व्यवस्था के कारण
कम उम्र में होने वाली शादियां 25% तक बढ़ीं,
मातृ मृत्यु दर 50% बढ़ी,
और हर दिन 1-2 महिलाएं आत्महत्या कर रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की छवि सुधारने की कोशिश
मुत्तकी की दिल्ली प्रेस कॉन्फ्रेंस को विश्लेषक “इमेज रिपेयर एक्सरसाइज” के रूप में देख रहे हैं। महिला पत्रकारों को आमंत्रित कर तालिबान यह दिखाना चाहता है कि वह “सुधर रहा है”, लेकिन अफगानिस्तान के भीतर के हालात अब भी मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन को दर्शाते हैं।
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