October 15, 2025 10:52 PM

राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री मोदी फहराएंगे 22 फीट लंबा भगवा ध्वज

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25 नवंबर को होगा मंदिर निर्माण पूरा, विवाह पंचमी पर आयोजित होगा भव्य ध्वजारोहण समारोह

राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री मोदी फहराएंगे 22 फीट लंबा भगवा ध्वज, विवाह पंचमी पर होगा भव्य समारोह

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक क्षण अब कुछ ही दिनों की दूरी पर है। अयोध्या में 191 फीट ऊंचे राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं 22 फीट लंबे और 11 फीट चौड़े भगवा ध्वज को फहराएंगे। यह पवित्र ध्वजारोहण समारोह विवाह पंचमी के शुभ दिन, 25 नवंबर को आयोजित किया जाएगा।

इस ध्वज पर सूर्यवंशी चिह्न और त्रेता युग का प्रतीक चिन्ह अंकित होगा। इस निर्णय पर मुहर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की धार्मिक समिति ने शुक्रवार को लगी बैठक में लगाई।


धार्मिक समिति ने की योजना को अंतिम रूप

जानकी घाट स्थित वैदेही भवन में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी, सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा, गोपाल राव और अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने ध्वजारोहण समारोह की रूपरेखा तय की।
धार्मिक समिति के सदस्य गोपाल राव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फहराया जाने वाला यह भगवा ध्वज त्रिकोण आकार का होगा और इसका रंग पारंपरिक भगवा होगा, जो त्याग, साहस और धर्मनिष्ठा का प्रतीक है।

बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि इस कार्यक्रम में 8 से 10 हजार विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। इनमें देशभर के संत-महात्मा, प्रमुख धर्माचार्य, साधु-संत, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री तथा मंदिर निर्माण से जुड़े प्रमुख कारीगर भी उपस्थित रहेंगे।


विवाह पंचमी पर बनेगा ऐतिहासिक क्षण

विवाह पंचमी, भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह दिवस के रूप में मनाई जाती है।
इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराना मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन से जुड़े सबसे पावन दिवस को और भी ऐतिहासिक बना देगा।

ध्वजारोहण के साथ ही मंदिर के निर्माण पूर्ण होने की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इस अवसर पर पूरे अयोध्या में घंटे-घड़ियालों और शंखनादों की गूंज से वातावरण पवित्र और आलोकित होगा।


सूर्यवंशी चिह्न के साथ ऊंचे शिखर पर लहराएगा भगवा

भगवान श्रीराम के वंशजों को सूर्यवंशी कुल का प्रतीक माना जाता है। इसलिए ध्वज पर सूर्य का चिह्न अंकित किया जाएगा।
ध्वज को कांस्य और तांबे से बने ध्वजदंड पर फहराया जाएगा, जिसकी ऊंचाई 191 फीट होगी।
यह ध्वज पूरे मंदिर परिसर से लेकर सरयू तट तक स्पष्ट रूप से दिखाई देगा और अयोध्या की पहचान बन जाएगा।

धार्मिक समिति के अनुसार, ध्वज के वस्त्र निर्माण में विशेष रूप से काशी और वाराणसी के पारंपरिक बुनकरों द्वारा तैयार किया गया कपड़ा इस्तेमाल होगा, जिस पर स्वर्ण धागों से किनारी काढ़ी जाएगी।


सरयू तट पर दीपोत्सव में दिखेगी अद्भुत भव्यता

राम मंदिर के निर्माण पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इस बार का दीपोत्सव अयोध्या के इतिहास का सबसे भव्य आयोजन होने जा रहा है।
सरयू तट को लाल बलुआ पत्थरों से सजाया जा रहा है ताकि घाटों का स्वरूप प्राचीनता और आधुनिकता का संगम प्रस्तुत करे।

सरयू की लहरों पर झिलमिल करते दीये और घाटों पर सजाई गई दीपमालाएं दृश्य को अलौकिक बना देंगी।
इस बार दिवाली पर सरयू तट पर 26 लाख दीये जलाकर एक नया गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
अयोध्या के हर मार्ग और मंदिर को भगवा ध्वज, पुष्प सजावट और रौशनी की झालरों से सुसज्जित किया जा रहा है।


राम मंदिर निर्माण अपने अंतिम चरण में

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है और शेष कार्य नवंबर के तीसरे सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्य गर्भगृह, जहां भगवान श्रीराम लला विराजमान होंगे, में सोने की परत चढ़े द्वार, चांदी के दीपदान और रत्नजड़ित स्तंभों की सजावट लगभग पूरी हो चुकी है।

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि यह सिर्फ निर्माण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “राम मंदिर भारत की आत्मा का प्रतीक है। यह देश की एकता, संस्कृति और श्रद्धा का केंद्र बनेगा।”


प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में बनेगा स्वर्णिम अध्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों ध्वज फहराने का यह क्षण अयोध्या के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा।
यह वही भूमि है जहां 2024 में उन्होंने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी भाग लिया था।
अब 25 नवंबर का यह आयोजन उस यात्रा का समापन और नई शुरुआत दोनों होगा — एक ऐसा पल जब भारत की आस्था और गौरव एक साथ झुकेगा नहीं, बल्कि लहराएगा।



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