छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड: 23 बच्चों की मौत, सिविल सर्जन हटाए गए, WHO ने मांगा जवाब, कंपनी के मालिकों पर कार्रवाई शुरू
छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जानलेवा कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत का मामला गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। बुधवार रात तक इस कांड में 23 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। राज्य सरकार ने इसे अब “मानव जीवन से खिलवाड़” करार देते हुए बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना ने न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। अब मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गूंज उठा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत सरकार से औपचारिक जवाब मांगा है।

सिविल सर्जन नरेश गोन्नाडे को हटाया गया, नए सिविल सर्जन बने डॉ. सुशील दुबे
बच्चों की लगातार होती मौतों के बाद स्वास्थ्य प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल बुधवार को छिंदवाड़ा पहुंचे और देर रात जिला अस्पताल तथा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने तत्काल प्रभाव से सिविल सर्जन डॉ. नरेश गोन्नाडे को पद से हटा दिया।
गोन्नाडे के पास सीएमएचओ और सिविल सर्जन दोनों का प्रभार था। अब उनकी जगह डॉ. सुशील दुबे को नया सिविल सर्जन नियुक्त किया गया है।
राज्य सरकार ने कहा है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआती कदम है और “लापरवाही के हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी।”
उप मुख्यमंत्री शुक्ल बोले – “दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे”
छिंदवाड़ा पहुंचकर उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने दिवंगत बच्चों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों से बातचीत में कहा कि,
“पीड़ा की इस घड़ी में मध्यप्रदेश सरकार हर परिवार के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हम हर संभव सहायता और न्याय सुनिश्चित करेंगे। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
शुक्ल ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता और भविष्य में बच्चों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की घोषणा भी की।
WHO ने भारत सरकार से मांगा जवाब — क्या सिरप विदेश भी भेजा गया था?
यह मामला अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तक पहुंच गया है। WHO ने भारत से औपचारिक जवाब मांगा है कि क्या कोल्ड्रिफ (Coldrif) ब्रांड का यह सिरप किसी अन्य देश को निर्यात किया गया था। संगठन ने कहा कि वह इस सिरप पर “वर्ल्ड मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट” जारी करने पर विचार कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने यह भी संकेत दिया कि भारत में बनी कुछ दवाओं की गुणवत्ता और निर्माण मानकों को लेकर पहले से चिंता जताई जा चुकी थी।
इससे पहले 2023 में गांबिया में भी भारत निर्मित एक कफ सिरप से कई बच्चों की मौत हुई थी। अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) की जांच में पाया गया था कि उस सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसी जहरीली रासायनिक तत्व मौजूद थे, जो बच्चों के लिए घातक साबित हुए।

चेन्नई और कांचीपुरम में कोल्ड्रिफ कंपनी के मालिकों पर गिरफ्तारी की तलवार
इस जानलेवा सिरप को कोल्ड्रिफ फार्मा नामक कंपनी द्वारा बनाया गया था। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि कंपनी ने उचित रासायनिक परीक्षणों और लैब प्रमाणन के बिना ही दवा का वितरण किया।
मध्यप्रदेश पुलिस ने इस प्रकरण में दो विशेष टीमें गठित की हैं जो चेन्नई और कांचीपुरम में जाकर कंपनी के मालिकों और प्रबंधकों की तलाश में जुटी हैं। सूत्रों के अनुसार, कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारी पहले ही फरार हो चुके हैं।
राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि यदि दोष सिद्ध होता है, तो फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एक्ट के तहत कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और मालिकों पर गैर-इरादतन हत्या (IPC की धारा 304) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
ड्रग इंस्पेक्टर ने मानी खामी – “हमारी लैब पुरानी, अपडेट नहीं है”
इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि प्रदेश की फार्मा टेस्टिंग लैबोरेटरी ही पर्याप्त रूप से सक्षम नहीं है।
उप मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हुई समीक्षा बैठक में ड्रग इंस्पेक्टर ने खुलासा किया कि भोपाल स्थित लैब पुरानी है और उसमें “माइक्रो-लेवल” टेस्टिंग की सुविधा नहीं है।
उन्होंने कहा,
“हमारी लैब अपडेट नहीं है। कई बार टेस्ट रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन लग जाते हैं। यही वजह है कि जहरीली दवाओं की पहचान समय पर नहीं हो पाती।”
शुक्ल ने इस पर नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिया कि राज्य में एक आधुनिक केंद्रीय ड्रग टेस्टिंग लैब शीघ्र स्थापित की जाए।
आईएमए की हड़ताल और सरकार की अपील
इस हादसे के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के स्थानीय पदाधिकारियों ने सरकारी स्वास्थ्य ढांचे में लापरवाही का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया था।
स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल ने उनसे व्यक्तिगत मुलाकात की और कहा कि,
“इस संकट की घड़ी में हड़ताल उचित नहीं है। जनता के जीवन की रक्षा डॉक्टरों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।”
आईएमए की जिला अध्यक्ष डॉ. अल्पना शुक्ला ने कहा कि मंत्री के अनुरोध पर कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाएगी और उसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
राहुल गांधी 11 या 12 अक्टूबर को आएंगे परासिया
इस घटना ने राजनीतिक हलचल भी बढ़ा दी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी 11 या 12 अक्टूबर को परासिया (छिंदवाड़ा) आने वाले हैं।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी वहां मृत बच्चों के परिवारों से मिलेंगे और केंद्र व राज्य सरकार की जवाबदेही तय करने की मांग उठाएंगे।
कांग्रेस ने इसे “प्रशासनिक विफलता और सरकारी लापरवाही का घातक उदाहरण” बताया है।
बच्चों की मौत से गूंज उठा मध्यप्रदेश, सरकार सख्त
राज्य सरकार ने सभी जिलों में ड्रग निरीक्षकों को आदेश दिया है कि वे बाज़ार से कफ सिरप के सैंपल तुरंत जब्त करें और स्थानीय दुकानों पर छापे मारें।
स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में 2,000 मेडिकल स्टोर्स की जांच शुरू कर दी है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसी किसी भी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा जो दवा निर्माण में सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करती है।
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