मुंबई। लोकगायिका मैथिली ठाकुर, जो अपनी सुरीली आवाज़ और भारतीय लोक परंपरा की प्रस्तुति के लिए जानी जाती हैं, अब संभवतः राजनीति के मैदान में कदम रखने की तैयारी में हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नज़दीक आते ही राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि मैथिली ठाकुर भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। उनकी बीजेपी नेताओं नित्यानंद राय और विनोद तावड़े से मुलाकात के बाद इन अटकलों को और बल मिला है।
भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद बढ़ी अटकलें
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में मैथिली ठाकुर ने बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, जिसमें उनके पिता भी मौजूद थे। इस मुलाकात में राज्य के भविष्य, युवाओं की भागीदारी और संस्कृति के पुनर्जीवन जैसे विषयों पर चर्चा हुई। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा बिहार में सांस्कृतिक और युवा चेहरों को सामने लाने की रणनीति पर काम कर रही है, जिसमें मैथिली ठाकुर जैसी लोकप्रिय हस्ती को जोड़ना पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक कदम साबित हो सकता है।
“देखते हैं क्या होता है” – मैथिली ठाकुर
जबलपुर पहुंची मैथिली ठाकुर ने जब पत्रकारों ने उनसे चुनाव लड़ने के सवाल पूछे, तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा –
“मैं भी टीवी पर ये सब देख रही हूं। हाल ही में बिहार गई थी और मुझे नित्यानंद राय और विनोद तावड़े से मिलने का मौका मिला। हमने बिहार के भविष्य पर चर्चा की। अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। देखते हैं क्या होता है। मैं अपने गांव के निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहूंगी, क्योंकि मुझे उससे लगाव है।” उनके इस बयान के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि वे अपने गृहनगर दरभंगा या मधुबनी क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं, जहाँ उनकी लोकप्रियता काफी मजबूत मानी जाती है।
लोकगायिका से जनसेवक बनने की राह?
मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है। वे देशभर में अपने भक्ति गीतों, मैथिली लोकसंगीत और भारतीय संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों के लिए जानी जाती हैं। सोशल मीडिया पर उनके लाखों अनुयायी हैं, जो उन्हें एक प्रेरणादायक युवा कलाकार के रूप में देखते हैं। अब यदि वे राजनीति में उतरती हैं, तो वे संस्कृति, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों को अपना चुनावी एजेंडा बना सकती हैं।
भाजपा में नए चेहरों की तलाश
बिहार में भाजपा इस बार नई रणनीति के तहत कुछ ताज़े और लोकप्रिय चेहरों को मैदान में उतारने की कोशिश कर रही है। पार्टी यह मानती है कि युवाओं और कला-संस्कृति से जुड़े नाम चुनाव में जनसंपर्क का नया आयाम खोल सकते हैं।
मैथिली ठाकुर के भाजपा से जुड़ने की संभावनाओं को इसी दिशा में देखा जा रहा है। हालांकि, भाजपा की ओर से अभी तक इस पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
जनता की प्रतिक्रिया
मैथिली ठाकुर के राजनीति में उतरने की खबरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कई लोगों ने इसे “लोकप्रिय कलाकार का जनसेवा की ओर कदम” बताया, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें कला के क्षेत्र में ही बने रहना चाहिए।
उनके प्रशंसक उम्मीद जता रहे हैं कि अगर वे राजनीति में आती हैं तो अपनी सादगी, संस्कृति और समाजसेवा की भावना से जनता के दिलों में जगह बना लेंगी।
बिहार की सियासत में नई बयार?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर पहले से ही माहौल गर्म है। एक ओर जदयू और भाजपा गठबंधन के समीकरण बन रहे हैं, तो दूसरी ओर राजद और कांग्रेस भी अपने प्रत्याशियों की सूची पर काम कर रहे हैं। ऐसे में मैथिली ठाकुर जैसे सांस्कृतिक और गैर-राजनीतिक चेहरों की एंट्री से चुनाव में नया आयाम जुड़ सकता है।