जापान में पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी सनाए ताकाइची, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष बनीं
टोक्यो, 4 अक्टूबर। जापान में इतिहास रचते हुए सनाए ताकाइची देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। शनिवार को उन्हें सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की नई अध्यक्ष के रूप में चुना गया। ताकाइची ने पार्टी के भीतर हुए कड़े मुकाबले में कृषि मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी को हराकर यह ऐतिहासिक जीत हासिल की। उनके अध्यक्ष चुने जाने के साथ ही प्रधानमंत्री बनने का मार्ग भी उनके लिए लगभग सुनिश्चित हो गया है, क्योंकि एलडीपी जापान की सत्तारूढ़ पार्टी है और संसद में उसका बहुमत है।

कोइज़ुमी पर निर्णायक जीत
जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष पद के लिए हुए मतदान के पहले चरण में किसी भी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला। इसके बाद दूसरे चरण के मतदान में सनाए ताकाइची को 185 वोट मिले, जबकि शिंजिरो कोइज़ुमी को 156 वोट प्राप्त हुए। ताकाइची को सांसदों के 149 और पार्टी सदस्यों के 36 वोट मिले। वहीं, कोइज़ुमी को सांसदों के 145 और स्थानीय शाखा संगठन के 11 वोट ही मिले। यह ताकाइची की तीसरी कोशिश थी, जिसमें उन्होंने अंततः सफलता प्राप्त की।
शिगेरू इशिबा के इस्तीफे के बाद हुआ चुनाव
यह चुनाव उस समय हुआ जब प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने संसद में बहुमत खोने के बाद इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर नए नेतृत्व का चुनाव कराया गया। परंपरा के अनुसार, एलडीपी अध्यक्ष ही जापान का प्रधानमंत्री बनता है, इसलिए ताकाइची अब औपचारिक रूप से देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं।
कौन हैं सनाए ताकाइची
सनाए ताकाइची जापान की अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। वे पहले आर्थिक सुरक्षा मंत्री रह चुकी हैं और लंबे समय से पार्टी की नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। 61 वर्षीय ताकाइची जापान के नारा प्रांत से सांसद हैं और वे अपनी दृढ़ राष्ट्रवादी नीतियों और आर्थिक आत्मनिर्भरता के विचारों के लिए जानी जाती हैं।
वे पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी सहयोगी रही हैं और उनकी नीतियों से प्रभावित हैं। ताकाइची ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, आर्थिक सुधार लागू करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार कार्य किया है।

महिला नेतृत्व की दिशा में ऐतिहासिक कदम
जापान विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन अब तक वहाँ कोई महिला प्रधानमंत्री नहीं बनी थी। ताकाइची की जीत न केवल एलडीपी के इतिहास में बल्कि जापान की राजनीति में भी नया अध्याय खोलती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ताकाइची का नेतृत्व जापान में महिला सशक्तिकरण और राजनीतिक समानता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। जापानी संसद में वर्तमान में केवल 10 प्रतिशत महिलाएँ सदस्य हैं, ऐसे में यह घटना लैंगिक संतुलन की दिशा में ऐतिहासिक मानी जा रही है।
ताकाइची की प्राथमिकताएँ – अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी
अपनी जीत के बाद ताकाइची ने कहा कि उनका लक्ष्य जापान को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से अग्रणी बनाना है। उन्होंने कहा —
“मैं चाहती हूँ कि जापान आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सामाजिक रूप से समावेशी राष्ट्र बने। हम अपनी अर्थव्यवस्था को सशक्त करेंगे और महिलाओं व युवाओं को अधिक अवसर देंगे।”
उन्होंने कहा कि जनसंख्या में गिरावट, ऊर्जा संकट और पड़ोसी देशों के साथ तनाव जैसे मुद्दों पर वे दृढ़ नीति अपनाएँगी। ताकाइची ने यह भी कहा कि जापान अपनी परंपराओं को बनाए रखते हुए आधुनिकता की राह पर आगे बढ़ेगा

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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
ताकाइची की जीत पर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि “अमेरिका और जापान के संबंध ताकाइची के नेतृत्व में और मज़बूत होंगे।” वहीं, चीन ने आशा जताई है कि जापान नई सरकार के नेतृत्व में सहयोग और संवाद को प्राथमिकता देगा।
जापान के लिए नया अध्याय
सनाए ताकाइची का प्रधानमंत्री बनना जापान के राजनीतिक इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। अब तक पुरुष-प्रधान राजनीति में यह बदलाव नई सोच और संतुलन का प्रतीक माना जा रहा है। ताकाइची का नेतृत्व न केवल महिलाओं के लिए प्रेरणादायक होगा, बल्कि जापान की नीतियों में भी नया दृष्टिकोण लाएगा।
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