गुलमर्ग में सीजन की पहली बर्फबारी, घाटी में बढ़ी ठंड; सोनमर्ग और गुरेज भी बर्फ से ढके
सोनमर्ग, गुरेज और धौलाधार पर्वतमाला भी बर्फ की चादर से ढकीं, घाटी में ठंड का असर बढ़ा
गुलमर्ग, 3 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के मशहूर पर्यटन स्थल गुलमर्ग में शुक्रवार को सीजन की पहली बर्फबारी दर्ज की गई। गुलमर्ग की राजसी अफरवत चोटी बर्फ की सफेद परत से ढक गई, जिसने पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को बेहद उत्साहित कर दिया। ताज़ा बर्फबारी से घाटी का तापमान गिर गया है और मौसम ने शीत ऋतु का एहसास कराना शुरू कर दिया है।

पर्यटकों में उत्साह, स्थानीय अर्थव्यवस्था को संबल
गुलमर्ग की बर्फबारी की खबर मिलते ही घाटी में मौजूद पर्यटक इस नज़ारे को देखने के लिए उमड़ पड़े। चारों ओर बिछी बर्फ की सफेद चादर ने नज़ारों को मनमोहक बना दिया। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस शुरुआती बर्फबारी से आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और शीतकालीन पर्यटन पर आधारित स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। स्कीइंग और अन्य एडवेंचर गतिविधियों के लिए गुलमर्ग पहले ही विश्वप्रसिद्ध है और यह बर्फबारी सर्दियों के पर्यटन सीजन की शुभ शुरुआत मानी जा रही है।
प्रशासन की चेतावनी: ऊंचाई वाले इलाकों में बरतें सावधानी
अधिकारियों ने बर्फबारी के बीच आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। ऊँचाई वाले इलाकों में सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है और मौसम में अचानक बदलाव यात्रियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

कश्मीर के अन्य इलाकों में भी बर्फबारी और बारिश
गुलमर्ग के अलावा सोनमर्ग और गुरेज की चोटियों पर भी ताज़ा बर्फबारी हुई है। वहीं, श्रीनगर और मैदानी इलाकों में हल्की बारिश दर्ज की गई। घाटी के निवासियों ने इस मौसम को त्योहार जैसा अवसर मानते हुए खुशी जताई है।
मौसम विभाग का अनुमान और वास्तविक स्थिति
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही अनुमान जताया था कि 5 से 7 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है। लेकिन अपेक्षा से पहले ही बर्फबारी और बारिश का दौर शुरू हो गया। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक मौसम इसी तरह बदला-बदला रह सकता है और ठंड का असर और गहरा होगा।
हिमाचल और उत्तर भारत का हाल
कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी मौसम ने करवट ली है। धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई, जिससे धर्मशाला का तापमान गिरकर 14-15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। कांगड़ा जिले में शुक्रवार सुबह भारी बारिश के साथ ओले गिरे, जिसने मौसम को और ठंडा कर दिया।

बिहार और छत्तीसगढ़ में रेड अलर्ट
दूसरी ओर, देश के मैदानी इलाकों में अभी भी मानसूनी बारिश का असर देखा जा रहा है। बिहार और छत्तीसगढ़ में आज भारी बारिश की आशंका को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। बिहार के सभी 38 जिलों और छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में तेज बारिश का पूर्वानुमान है। गुरुवार को बिहार के कई इलाकों में जमकर बारिश हुई, जिससे दुर्गा पंडालों में 2 से 3 फीट तक पानी भर गया।


अन्य राज्यों में भी भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी 6 से 7 अक्टूबर तक भारी वर्षा हो सकती है।
गुलमर्ग और अन्य पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तरी भारत में अब धीरे-धीरे सर्दियों की दस्तक शुरू हो चुकी है। घाटी में जहां बर्फबारी से उत्सव जैसा माहौल है, वहीं मैदानी राज्यों में बारिश की चुनौती लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है।
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