पूर्णिया रेल हादसा: वंदे भारत ट्रेन से कटकर 4 की मौत, बच्चा गंभीर
पूर्णिया जिले में बड़ा रेल हादसा, दशहरा मेला देखकर लौट रहे लोग बने शिकार
पूर्णिया, 3 अक्टूबर। बिहार के पूर्णिया जिले में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक रेल हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। कटिहार–जोगबनी रेलखंड के जवनपुर के पास दशहरा मेला देखकर घर लौट रहे पांच लोग वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गए। इस भीषण हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक मासूम बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे आनन-फानन में पूर्णिया स्थित जीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दशहरा मेला देखकर लौट रहे थे सभी लोग
मिली जानकारी के अनुसार सभी मृतक मखाना फोड़ने का काम करते थे और दशहरा मेला देखने के बाद घर लौट रहे थे। शुक्रवार की सुबह जैसे ही वे जवनपुर के रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, तभी जोगबनी से दानापुर की ओर जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस वहां आ गई। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोग बच भी नहीं पाए और सीधे उसकी चपेट में आ गए।
पलभर में उजड़ गया चार परिवार
इस हादसे ने चार परिवारों को पलभर में उजाड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रेन की टक्कर इतनी जोरदार थी कि शवों को दूर तक रेलवे ट्रैक पर बिखरा देखा गया। लोगों का कहना है कि हादसा इतना भयावह था कि देखने वालों की रूह कांप गई। मृतकों के परिवारों में कोहराम मच गया है, जबकि गांव में मातम का माहौल है।

मौके पर उमड़ी भीड़, पुलिस और आरपीएफ ने संभाला हालात
घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए और अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया कि इतनी व्यस्त रेलखंड पर सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं है। सूचना पाते ही कसबा थाना पुलिस और आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, घायल बच्चे का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
दशहरा की खुशी मातम में बदली
गांव और इलाके में दशहरा पर्व की रौनक अचानक मातम में बदल गई। जो लोग उत्सव का आनंद लेकर लौट रहे थे, वे इस हादसे की खबर से गमगीन हो गए। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों का कहना है कि यह रेलखंड काफी खतरनाक है और यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन की ओर से सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जाते।
ग्रामीणों का गुस्सा और सवाल
गांववालों का कहना है कि इस ट्रैक पर अक्सर लोग पैदल ही आवाजाही करते हैं क्योंकि आस-पास समुचित रास्ते की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में हर बार हादसे का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि रेलवे यहां अंडरपास या ओवरब्रिज बनाए ताकि लोगों की जान जोखिम में न पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे आंदोलन करेंगे।
प्रशासन ने जताया दुख, मुआवजे की मांग
हादसे की जानकारी मिलने पर स्थानीय प्रशासन ने घटना पर दुख जताया है। हालांकि अभी तक मुआवजे को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन ग्रामीण और मृतकों के परिजन सरकार से उचित मुआवजे और घायल बच्चे के बेहतर इलाज की मांग कर रहे हैं।
यह हादसा एक बार फिर से इस सवाल को खड़ा कर रहा है कि रेलवे ट्रैक पार करने की समस्या कब खत्म होगी। दशहरे जैसे त्योहार के मौके पर इस तरह का दर्दनाक हादसा होना प्रशासन और रेलवे दोनों की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।
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