जुबिन गर्ग की मौत मामला: आयोजक श्यामकानु महंत और मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा 14 दिन की एसआईटी हिरासत में
गुवाहाटी, 1 अक्टूबर।
असम के महान गायक जुबिन गर्ग की सिंगापुर में हुई मौत के मामले ने अब गंभीर कानूनी मोड़ ले लिया है। इस प्रकरण में गिरफ्तार किए गए नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (एनईआईएफ) के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत और जुबिन के निजी प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा को बुधवार को कामरूप के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने 14 दिन की विशेष जांच दल (एसआईटी) की हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
सुरक्षा घेरे में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी
बुधवार सुबह दोनों आरोपियों को गुवाहाटी हवाई अड्डे से सख्त सुरक्षा घेरे में सीधे गीतानगर स्थित अल्पना अपार्टमेंट, जहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का अस्थायी आवास है, वहां ले जाया गया। सूत्रों के अनुसार, यहां औपचारिक पेशी की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मजिस्ट्रेट ने सुनवाई की और एसआईटी की मांग पर दोनों को 14 दिन की हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
हवाई अड्डे पर उनकी गिरफ्तारी और पेशी के दौरान पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान बड़ी संख्या में तैनात रहे। यह असम पुलिस द्वारा इस मामले में आरोपियों के खिलाफ उठाया गया पहला बड़ा कानूनी कदम है।

गिरफ्तारी कैसे हुई
पुलिस ने बताया कि श्यामकानु महंत और सिद्धार्थ शर्मा दोनों सिंगापुर से दिल्ली पहुंचे थे। जैसे ही वे भारत लौटे, दिल्ली हवाई अड्डे पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फिर गुवाहाटी लाया गया। गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनकी गिरफ्तारी औपचारिक रूप से दर्ज की गई।
जुबिन गर्ग की मौत पर उठे सवाल
असम और पूर्वोत्तर भारत में संगीत का पर्याय माने जाने वाले जुबिन गर्ग का अचानक निधन एक चौंकाने वाली घटना के रूप में सामने आया है। उनकी मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर एसआईटी गठित की है ताकि मौत के वास्तविक कारण और उससे जुड़े लोगों की भूमिका सामने आ सके।
आरोपियों की भूमिका की जांच
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आयोजक श्यामकानु महंत और जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा से एनईआईएफ महोत्सव के आयोजन, जुबिन की यात्रा, स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़ी पूछताछ की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि कार्यक्रम के दौरान और उसके बाद किन परिस्थितियों में जुबिन की हालत बिगड़ी और उनकी मौत हुई।
जनता और प्रशंसकों में आक्रोश
जुबिन गर्ग की असम और पूरे पूर्वोत्तर में भारी लोकप्रियता है। उनकी मौत और इस मामले में सामने आई कथित लापरवाही ने प्रशंसकों में आक्रोश फैला दिया है। गुवाहाटी और अन्य हिस्सों में उनके समर्थक न्याय की मांग कर रहे हैं और पुलिस से मामले की पारदर्शी जांच की अपील कर रहे हैं।
आगे की राह
एसआईटी हिरासत के दौरान पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि मौत दुर्घटनावश थी या इसके पीछे कोई साजिश। जांच के बाद ही साफ होगा कि इस मामले में किन-किन लोगों की जिम्मेदारी तय होती है और आगे किस पर कानूनी कार्रवाई होगी।
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