उत्तर चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन हादसा: ढांचा गिरने से नौ की मौत, सरकार ने जांच के दिए आदेश
अस्पताल पहुंचे अधिकारी, सरकार ने जांच के दिए आदेश
चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सोमवार को एक भीषण हादसे ने सभी को झकझोर दिया। उत्तर चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन के निर्माण स्थल पर अचानक ढांचा गिरने से बड़ा हादसा हो गया। हादसे में नौ श्रमिकों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सभी घायलों को तुरंत स्टैनली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
हादसा कैसे हुआ?
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पावर स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा था। इसी दौरान निर्माणाधीन स्ट्रक्चर अचानक ढह गया और उसके नीचे दबकर कई श्रमिक मलबे में फंस गए।
- हादसा इतना अचानक हुआ कि मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
- राहत और बचाव दल ने तुरंत मोर्चा संभालकर मलबे में दबे श्रमिकों को बाहर निकाला।
- हालांकि कई श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई।
राहत एवं बचाव कार्य जारी
पुलिस आयुक्तालय के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। घटनास्थल पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और आसपास के इलाकों को घेर लिया गया है ताकि राहत कार्य सुचारु रूप से चल सके। फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस टीम ने मिलकर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया।

अस्पताल पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी
जैसे ही घटना की जानकारी शीर्ष अधिकारियों को मिली, तमिलनाडु बिजली बोर्ड के सचिव डॉ. जे. राधाकृष्णन और तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन (TANGEDCO) के चेयरमैन स्वयं स्टैनली अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों को बेहतर से बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
तमिलनाडु सरकार ने हादसे को गंभीर मानते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
- पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम हादसे के कारणों की जांच में जुटी है।
- यह भी देखा जा रहा है कि क्या निर्माण स्थल पर सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा था या नहीं।
- श्रमिकों की सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की अनदेखी पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
श्रमिकों की सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर निर्माण स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम होते तो इतने बड़े पैमाने पर जनहानि नहीं होती। विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े औद्योगिक और ऊर्जा परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों की कड़ी निगरानी होनी चाहिए ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
शोक और आक्रोश
घटना के बाद मृतकों के परिजनों और श्रमिक समुदाय में शोक और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए और घायलों का नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाए।
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