कोटा दशहरा मेला 2025: विश्व का सबसे ऊंचा 221 फीट रावण, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड
कोटा। कोटा शहर का दशहरा मेला इस बार सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण ही नहीं, बल्कि इतिहास रचने के कारण भी यादगार बनने जा रहा है। 132वें राष्ट्रीय दशहरा मेले में रावण दहन का दृश्य पूरे देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस बार कोटा में 221 फीट ऊंचा रावण तैयार किया गया है, जो विश्व का सबसे ऊंचा पुतला है। इसे बनाने में 44 लाख रुपए की लागत आई है और अब कोटा का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होने जा रहा है।
चार महीने की मेहनत से खड़ा हुआ विशालकाय पुतला
करीब चार महीनों की कठिन मेहनत और दिन-रात की लगन से कारीगरों ने इस रावण को तैयार किया। बीती 29 सितंबर की शाम को दशहरा मैदान ग्राउंड में क्रेन की मदद से इसे खड़ा किया गया। दोपहर तीन बजे से शुरू हुई प्रक्रिया रात आठ बजे जाकर पूरी हुई। लगभग 13,000 किलो वजनी यह पुतला लोहे के स्ट्रक्चर पर आधारित है और इसे खड़ा करने के लिए 220 टन और 100 टन की हाइड्रोलिक क्रेन का सहारा लेना पड़ा।

रिकॉर्ड बनाने की तैयारी और आधिकारिक माप
अब तक दिल्ली के पास 210 फीट ऊंचे रावण का रिकॉर्ड दर्ज था। 2019 में चंडीगढ़ में 221 फीट का रावण खड़ा करने की कोशिश असफल रही थी। लेकिन इस बार कोटा ने यह असंभव कार्य पूरा कर दिखाया। दिल्ली से आई चार विशेष टीमों ने पुतले का आधिकारिक मेजरमेंट लिया। इनमें एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के विशेषज्ञ शामिल थे। दशहरा मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी और मेला अधिकारी अशोक कुमार त्यागी की मौजूदगी में यह ऐतिहासिक पल दर्ज किया गया। अब यह रावण आधिकारिक रूप से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहा है।
दहन स्थल में बदलाव और सॉलिड फाउंडेशन
इस बार रावण के विशाल आकार को देखते हुए मेला प्रशासन ने दहन स्थल को विजयश्री रंगमंच से बदलकर मैदान के पूर्वी हिस्से में तैयार किया। यहां 26 बाई 24 फीट का मजबूत आरसीसी फाउंडेशन बनाया गया है, जिसमें आठ स्टील की जैक वाली रॉड लगाई गई हैं। पुतले को मजबूती देने के लिए फिश प्लेट्स और नट-बोल्ट का सहारा लिया गया है। पूरी संरचना को इतना मजबूत बनाया गया है कि तेज हवाओं और दबाव को भी सह सके।
रावण का नया रूप: स्लिम और रौबदार
कारीगर तेजेंद्र चौहान के अनुसार, इस बार का रावण पहले की तुलना में और भी आकर्षक और आधुनिक नजर आ रहा है। इसकी लंबाई अधिक होने के कारण यह पतला यानी स्लिम दिख रहा है, लेकिन उसका रौब कम नहीं हुआ।
- चेहरा – 25 फीट ऊंचा, फाइबर ग्लास से तैयार, वजन करीब 3 क्विंटल।
- मुकुट – 60 फीट लंबा, रंग-बिरंगी एलईडी लाइटों से सजा।
- आभूषण और ढाल – इनमें भी एलईडी लाइटों का विशेष उपयोग किया गया।
- तलवार – 50 फीट लंबी।
- जूते – 40 फीट ऊंचे।
- कपड़े – लाल, हरे और नीले रंगों से सजाए गए।
बड़ी-बड़ी मूंछें और दमदार चेहरा इस रावण को और भी रौबदार बनाते हैं।
आतिशबाजी और तकनीक का समावेश
इस विशालकाय रावण में 25 रिमोट कंट्रोल पॉइंट्स लगाए गए हैं। इनसे एक साथ आतिशबाजी होगी, जो दर्शकों के लिए बेहद रोमांचक अनुभव होगा। एलईडी लाइटों से सजा यह पुतला रात के समय और भी आकर्षक दिखाई देगा।


ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
कोटा दशहरा मेला देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन इस बार का आयोजन वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बनेगा। रावण दहन केवल धार्मिक आस्था और विजयादशमी के संदेश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह कोटा की कला, तकनीक और संगठन क्षमता का भी प्रदर्शन करेगा। इस आयोजन से न केवल शहर का नाम रोशन होगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी नया आयाम मिलेगा।

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