- मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो से तीन दिनों में मध्य प्रदेश से भी मानसून पूरी तरह लौट सकता है
नई दिल्ली/भोपाल/जयपुर। देशभर में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। गुरुवार को पूरे राजस्थान से मानसून की आधिकारिक विदाई हो गई है। हालांकि, बांसवाड़ा और झालावाड़ के आंशिक हिस्सों से मानसून की विदाई रेखा गुजर रही है, इस कारण वहां अभी हल्की बारिश हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो से तीन दिनों में मध्य प्रदेश से भी मानसून पूरी तरह लौट सकता है।
मध्य प्रदेश से जल्द लौटेगा मानसून
राजस्थान से मानसून विदाई लेने के बाद अब इसकी बारी मध्य प्रदेश की है। नीमच, भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों से मानसून सबसे पहले विदा हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले तीन दिनों में प्रदेश के 10 से ज्यादा जिलों में बारिश का सिलसिला थम जाएगा और मानसून पूरी तरह से लौट जाएगा।
बंगाल की खाड़ी में सक्रिय सिस्टम
इधर, बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक लो-प्रेशर एरिया सक्रिय है। इसके असर से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और आसपास के राज्यों में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। बिहार में अगले 48 घंटों में तेज बारिश हो सकती है। खासकर बेतिया के सिसवा गांव में गंडक नदी और वैशाली जिले में गंगा का कटाव चिंता का विषय बना हुआ है।
कोलकाता में दुर्गा पूजा से पहले फिर बरसेंगे बादल
कोलकाता में 23 सितंबर को हुई भारी बारिश के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन कई इलाकों में अब भी जलभराव है। पटुली, संतोषपुर, बल्लीगंज और साल्ट लेक इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अनुमान जताया है कि 27 सितंबर को यहां कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं 28 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहेगा। चूंकि दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं, ऐसे में लगातार बारिश आयोजनों और शहर की व्यवस्थाओं पर असर डाल सकती है।
15 राज्यों में अलर्ट
मौसम विभाग ने गुरुवार को 15 राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
- ऑरेंज अलर्ट: छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र
- यलो अलर्ट: मध्य प्रदेश, झारखंड समेत 13 राज्य
इस अलर्ट का मतलब है कि आने वाले दिनों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। ऐसे में नदी-नालों के किनारे बसे इलाकों और निचले हिस्सों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बनने का खतरा बना रहेगा।
किसानों और आमजन पर असर
राजस्थान से मानसून की विदाई और मध्य प्रदेश में उसके अंत की ओर बढ़ते कदम का सीधा असर खेती-किसानी पर पड़ेगा। खरीफ की फसल अब कटाई की ओर बढ़ रही है और बारिश का कम होना किसानों के लिए राहत की बात है। वहीं पूर्वी भारत में सक्रिय सिस्टम और भारी बारिश का अलर्ट वहां की तैयारियों और दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।