September 17, 2025 12:55 AM

कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका, बंगाल में ‘द बंगाल फाइल्स’ फिल्म की रिलीज की मांग

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बंगाल में ‘द बंगाल फाइल्स’ की रिलीज की मांग पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका


‘द बंगाल फाइल्स’ की रिलीज पर विवाद: कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका, कहा– सेंसर बोर्ड से पास फिल्म देखना नागरिकों का अधिकार


कोलकाता। विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में इस फिल्म की रिलीज सुनिश्चित करने के लिए जनहित याचिका (PIL) दायर की गई। याचिकाकर्ता नदिया जिले के सायन कंसबणिक ने अदालत से अपील की है कि पश्चिम बंगाल में फिल्म को सभी सिनेमाघरों में दिखाने का निर्देश दिया जाए।


याचिका में क्या कहा गया?

याचिकाकर्ता का कहना है कि जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) किसी फिल्म को स्वीकृति दे देता है, तो नागरिकों को उसे देखने का अधिकार है। इस अधिकार से उन्हें वंचित करना न केवल उनकी स्वतंत्रता का हनन है बल्कि कला और उद्योग के रास्ते में बाधा डालने जैसा भी है।

याचिका में तर्क दिया गया है कि देशभर के अन्य राज्यों में यह फिल्म बिना किसी रोक-टोक के प्रदर्शित हो रही है, लेकिन केवल पश्चिम बंगाल में इसे लेकर आपत्तियां उठाई जा रही हैं।


पहले भी हो चुकी है सुनवाई

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में फिल्म के एक पात्र गोपाल पाठा उर्फ गोपाल मुखोपाध्याय के पोते ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उसमें आरोप लगाया गया था कि फिल्म में बंगाल के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और इसे राजनीतिक मकसद से एक ‘प्रोपेगेंडा फिल्म’ के तौर पर बनाया गया है। हालांकि, उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया था।


मौलिक अधिकार का मुद्दा

नई जनहित याचिका में जोर देकर कहा गया है कि सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद फिल्म की रिलीज रोकना कानून का उल्लंघन है। नागरिकों की पसंद की फिल्म देखने पर रोक लगाना उनके संवैधानिक अधिकार का हनन है।


कौन लड़ रहा है मुकदमा?

इस याचिका की पैरवी अधिवक्ता सौमेंदु मुखोपाध्याय और निकुंज बरलिया कर रहे हैं। अदालत इस पर सुनवाई कर सकती है कि क्या राज्य सरकार फिल्म की स्क्रीनिंग रोक सकती है, जबकि उसे केंद्रीय मंजूरी मिल चुकी है।


विवाद का असर

फिल्म के पक्ष और विपक्ष में तर्कों के बीच अब अदालत का फैसला ही यह तय करेगा कि क्या ‘द बंगाल फाइल्स’ बंगाल के सिनेमाघरों तक पहुंच पाएगी या नहीं। फिलहाल यह मुद्दा मौलिक अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा बड़ा सवाल बन गया है।



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