र्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025: मीनाक्षी ने जीता गोल्ड, भारत की 10वीं महिला वर्ल्ड चैंपियन बनीं
इंग्लैंड में चल रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत की महिला मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश का परचम बुलंद किया है। रविवार को मीनाक्षी ने 48 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने कजाकिस्तान की दिग्गज और तीन बार की विश्व विजेता नजिम काईजीबे को 4-1 के अंतर से मात दी।
कड़ी चुनौती पर भारी पड़ी मीनाक्षी
फाइनल मुकाबले में मीनाक्षी के सामने अनुभव और खिताबों से भरपूर कजाकिस्तान की बॉक्सर नजिम काईजीबे थीं। मुकाबला बेहद रोमांचक रहा, लेकिन मीनाक्षी ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया और सटीक पंचों से काईजीबे को संभलने का मौका नहीं दिया। निर्णायकों ने 4-1 से मीनाक्षी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे उन्होंने भारत को इस चैंपियनशिप का दूसरा गोल्ड दिला दिया।

जैस्मिन के बाद मीनाक्षी का गोल्ड
मीनाक्षी से पहले भारत की जैस्मिन लंबोरिया ने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने पोलैंड की बॉक्सर जूलिया स्जेरेमेटा को 4-1 से हराया था। इस तरह मीनाक्षी इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बॉक्सर बनीं।
भारत की मेडल लिस्ट हुई मजबूत
मीनाक्षी के स्वर्ण पदक के साथ ही भारत का इस वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कुल मेडल काउंट चार पर पहुंच गया है। इनमें दो गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज शामिल हैं।
- गोल्ड: जैस्मिन लंबोरिया (57 किग्रा), मीनाक्षी (48 किग्रा)
- सिल्वर: नूपुर (80 किग्रा) – फाइनल मुकाबले में हार
- ब्रॉन्ज: पूजा रानी (80 किग्रा) – सेमीफाइनल में हार
नूपुर और पूजा रानी का प्रदर्शन
भारत की नूपुर 80 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल में पहुंचीं, लेकिन गोल्ड से चूक गईं और उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। वहीं, अनुभवी मुक्केबाज पूजा रानी ने भी शानदार खेल दिखाया और सेमीफाइनल तक पहुंचीं। हालांकि वे फाइनल का टिकट नहीं कटवा पाईं और उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मिला।
डबल डिजिट में पहुंची भारत की वर्ल्ड चैंपियंस की संख्या
मीनाक्षी के इस स्वर्ण पदक के साथ भारत की महिला वर्ल्ड चैंपियंस की संख्या अब 10 हो गई है। यानी, वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के इतिहास में अब तक भारत की 10 महिला मुक्केबाज गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। यह उपलब्धि भारतीय मुक्केबाजी के स्वर्णिम भविष्य का संकेत देती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
भारतीय बॉक्सिंग का बढ़ता कद
बीते कुछ वर्षों में भारतीय महिला बॉक्सिंग लगातार नई ऊँचाइयों को छू रही है। मैरी कॉम जैसी दिग्गज खिलाड़ी के बाद अब नई पीढ़ी की मुक्केबाज अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना दबदबा कायम कर रही हैं। इंग्लैंड में हुए मौजूदा चैंपियनशिप सीजन ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब केवल एशियाई स्तर पर ही नहीं, बल्कि विश्व पटल पर भी बॉक्सिंग की बड़ी ताकत बनकर उभर रहा है।
भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन ने भी खिलाड़ियों की मेहनत और संघर्ष को सराहते हुए कहा कि यह प्रदर्शन देश के लिए गर्व की बात है और आने वाले समय में और भी बेहतर नतीजों की उम्मीद की जा सकती है।
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