October 27, 2025 8:17 AM

महालक्ष्मी व्रत 2025 : कब करें महालक्ष्मी व्रत, 14 या 15 सितंबर? जानें विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

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महालक्ष्मी व्रत 2025: जानें कब करें महालक्ष्मी व्रत, विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में भाद्रपद माह का महालक्ष्मी व्रत विशेष महत्व रखता है। यह व्रत माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में कभी धन, अन्न और वैभव की कमी नहीं होती। यही कारण है कि इसे सालभर के प्रमुख व्रतों में से एक माना गया है।


महालक्ष्मी व्रत 2025 की तिथि को लेकर संशय

इस वर्ष 2025 में महालक्ष्मी व्रत की तिथि को लेकर लोगों में भ्रम है कि इसे 14 सितंबर को करना उचित होगा या 15 सितंबर को। पंचांगों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल अष्टमी तिथि 14 सितंबर 2025 की शाम से शुरू होकर 15 सितंबर 2025 की शाम तक रहेगी। चूंकि व्रत सूर्योदय के आधार पर किया जाता है, इसलिए 15 सितंबर 2025, सोमवार को महालक्ष्मी व्रत रखना श्रेष्ठ माना गया है।


महालक्ष्मी व्रत का धार्मिक महत्व

  • महालक्ष्मी व्रत का उल्लेख पद्म पुराण और व्रत राज ग्रंथ में मिलता है।
  • यह व्रत मुख्य रूप से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
  • मान्यता है कि इस व्रत से माता लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को धन, संतोष, और उन्नति का वरदान देती हैं।
  • यह व्रत गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाता है और परिवार में सौहार्द व शांति स्थापित करता है।

महालक्ष्मी व्रत की विधि

  1. प्रातः स्नान व शुद्धिकरण – व्रत के दिन प्रातः स्नान करके घर को साफ-सुथरा करें और पूजन स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें।
  2. व्रत संकल्प – पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके संकल्प लें कि आप नियमपूर्वक महालक्ष्मी व्रत करेंगे।
  3. माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापना – लाल या पीले कपड़े पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  4. वस्त्र और आभूषण अर्पण – माता को लाल वस्त्र, चूड़ी, बिंदी, सिन्दूर, श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
  5. पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा – धूप, दीप, अक्षत, पुष्प और नैवेद्य से माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  6. महालक्ष्मी मंत्र का जप – “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।” इस मंत्र का 108 बार जप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  7. आरती और भोग – पूजा के बाद माता लक्ष्मी की आरती करें और खीर, मिठाई या फल अर्पित करें।

महालक्ष्मी व्रत के दौरान विशेष नियम

  • व्रत के दिन सात्विक आहार लें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  • शाम को दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार पर रखें।
  • लक्ष्मी मंत्र और स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
  • गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।

महालक्ष्मी व्रत का महत्व

  • इस व्रत को करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  • माता लक्ष्मी की कृपा से व्यापार और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  • यह व्रत आर्थिक संकट और ऋण से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।
  • परिवार में सद्भाव और खुशहाली बनी रहती है।

महालक्ष्मी व्रत 2025 में 15 सितंबर को किया जाएगा। इस दिन श्रद्धा और विश्वास से माता लक्ष्मी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और धन की वृद्धि होती है। व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मसंयम, आस्था और समाजसेवा का भी प्रतीक है।



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