September 17, 2025 1:10 AM

नेपाल में बढ़ती हिंसा से भारत में अलर्ट, यूपी-बिहार-उत्तराखंड बॉर्डर पर सख्त निगरानी

  • उत्तर प्रदेश पुलिस, बिहार पुलिस और अन्य एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया
  • हिंसा भड़काने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की साजिश हो सकती है

नई दिल्ली। नेपाल में लगातार बढ़ते बवाल और हिंसक घटनाओं ने अब भारत की सीमाओं के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है। नेपाल में हालात काबू से बाहर होते देख वहां की नेपाल आर्मी ने कर्फ्यू लागू कर दिया, लेकिन इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन और हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। इस अस्थिरता का असर सीधे भारत पर पड़ सकता है। केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि नेपाल में चल रही उथल-पुथल का फायदा असामाजिक और आपराधिक तत्व उठा सकते हैं। इनके जरिए भारत के सीमावर्ती इलाकों में फसाद फैलाने, हिंसा भड़काने और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की साजिश हो सकती है। इसे देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा को बेहद कड़ा कर दिया गया है। सुरक्षा बढ़ाने के लिए सशस्त्र सीमा बल (SSB), उत्तराखंड पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस, बिहार पुलिस और अन्य एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी मिलकर बॉर्डर की निगरानी कर रही हैं ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।

सीमावर्ती राज्यों में कड़ी सुरक्षा

नेपाल से सटे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बॉर्डर इलाकों में विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

  • उत्तराखंड:
    उत्तराखंड के चंपावत जिले में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है क्योंकि यहां से नेपाल का महेंद्रनगर क्षेत्र जुड़ा हुआ है। कर्फ्यू लागू होने के बाद इस इलाके में तनाव और बढ़ गया है।
    • पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र में भी बॉर्डर की कड़ी निगरानी की जा रही है।
    • स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ गई है क्योंकि उनके कई परिजन नेपाल में फंसे हुए हैं।
    • सर्विलांस सिस्टम और पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है ताकि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
  • बिहार:
    बिहार के मधुबनी जिले में SSB की तैनाती को और मजबूत किया गया है।
    • एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि सभी बॉर्डर थानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
    • सर्कल इंस्पेक्टर और पुलिस कर्मी लगातार फील्ड में गश्त कर रहे हैं।
    • बॉर्डर पर आने-जाने वालों की आईडी चेकिंग और तलाशी की जा रही है।
    • किसी भी व्यक्ति को बिना वैध दस्तावेज के सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
    • उनका स्पष्ट कहना है कि “हमारा मकसद है कि किसी भी बदमाश तत्व को बॉर्डर पार कर अशांति फैलाने का मौका न मिले।”

उत्तर प्रदेश में 73 चेकपॉइंट्स पर चौकसी

उत्तर प्रदेश के सात नेपाल सीमा से जुड़े जिलों में सुरक्षा को विशेष रूप से मजबूत किया गया है। इनमें शामिल हैं:
पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज।

  • डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि सीमा पर 24 घंटे गश्त और कड़े चेकिंग सिस्टम लागू किए गए हैं।
  • कुल 73 चेकपॉइंट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
  • लखीमपुर खीरी के एसएसपी संकल्प शर्मा ने कहा कि नेपाल के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
    • बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ लगातार तालमेल बनाकर जॉइंट पेट्रोलिंग की जा रही है।
    • गौरीफंटा बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है।
    • फिलहाल यहां तनावपूर्ण माहौल है लेकिन हालात नियंत्रण में हैं।

पश्चिम बंगाल में भी बढ़ाई गई निगरानी

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के पानीटांकी बॉर्डर पर भी सुरक्षा बलों को पूरी तरह हाई अलर्ट पर रखा गया है।

  • 24 घंटे सर्विलांस और गश्त की जा रही है।
  • हर व्यक्ति की आवाजाही की सख्त जांच की जा रही है।
  • स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि नेपाल में हिंसा से जुड़ी किसी भी गतिविधि की जानकारी तुरंत साझा की जाए।

नेपाल के हालात और भारतीय सीमा की चुनौतियां

नेपाल में चल रहा बवाल न सिर्फ वहां की राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है, बल्कि भारत के लिए भी चुनौतीपूर्ण है।

  • भारत-नेपाल की खुली सीमा होने के कारण लोग बिना वीजा और पासपोर्ट के आसानी से आवाजाही कर सकते हैं।
  • यही कारण है कि हिंसा या विरोध प्रदर्शनों के दौरान असामाजिक तत्वों और अपराधियों के सीमा पार कर भारत में गड़बड़ी फैलाने का खतरा ज्यादा होता है।
  • इस खतरे को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं और हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं।

केंद्र और राज्यों की संयुक्त तैयारी

केंद्रीय गृह मंत्रालय लगातार राज्यों की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क बनाए हुए है।

  • सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन सर्विलांस की संभावना पर भी विचार हो रहा है।
  • आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (Quick Response Teams) को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
  • केंद्र का स्पष्ट निर्देश है कि नेपाल की हिंसा का असर भारत में बिल्कुल नहीं पड़ना चाहिए और किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था को बिगड़ने नहीं देना है।
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