प्रधानमंत्री मोदी का पंजाब-हिमाचल बाढ़ प्रभावित इलाकों का विस्तारपूर्ण दौरा, हवाई सर्वेक्षण और राहत कार्यों का जायजा
पठानकोट से हवाई सर्वेक्षण
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले पठानकोट हवाई अड्डे पर उड़ान भरी। वहां से उन्होंने हेलिकॉप्टर के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और चंबा जिलों में बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि इन जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था, जिससे कई गांव, बस्तियां और कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री को क्षतिग्रस्त पुलों, सड़कें, घरों और बुनियादी ढांचे की विस्तृत जानकारी दी।
विशेषज्ञों ने बताया कि कुल्लू और मंडी में कई इलाकों में भूस्खलन के कारण आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया। चंबा जिले में नदी के किनारे बसे कई गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। हवाई सर्वेक्षण के दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए और स्थानीय प्रशासन से प्रभावित लोगों की संख्या, बर्बाद हुई फसल और घरों की स्थिति पर बारीकी से रिपोर्ट ली।


धर्मशाला में आपदा प्रबंधन बैठक
दोपहर में प्रधानमंत्री मोदी धर्मशाला पहुंचे, जहां उन्होंने आपदा प्रबंधन पर एक उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में केंद्रीय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, आपदा विशेषज्ञ और स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रभावित इलाकों में हुई क्षति, बर्बाद हुई कृषि फसल, सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल और अन्य बुनियादी ढांचे के नुकसान की विस्तृत जानकारी दी।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक में केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित करने, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि पुनर्वास कार्यों में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए और प्रभावित इलाकों में हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाए।
गुरदासपुर में प्रभावित लोगों से मुलाकात
शाम को प्रधानमंत्री मोदी पंजाब के गुरदासपुर जिले के टिब्बरी क्षेत्र पहुंचे, जो बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में शामिल है। यहां उन्होंने सीधे प्रभावित लोगों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनी और उनके लिए राहत कार्यों को शीघ्र प्रभावी बनाने के आश्वासन दिए। प्रधानमंत्री ने स्थानीय प्रशासन से प्रभावित लोगों को भोजन, पानी, दवा और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

पंजाब सरकार ने केंद्र से 80 हजार करोड़ रुपए की आपदा सहायता की मांग की है। वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार की बारिश और बाढ़ पिछले वर्षों की तुलना में अधिक विनाशकारी रही है। कुल्लू, मंडी और चंबा जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया था, जिससे हजारों लोगों के घर, खेत और बुनियादी ढांचा प्रभावित हुआ।
पहले के दौरे और राहत प्रयास
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 सितंबर को पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी और स्थानीय प्रशासन के साथ राहत कार्यों की समीक्षा की।

प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं, पीने के पानी, भोजन और दवा की आपूर्ति सुनिश्चित की है। साथ ही, प्रभावित किसानों को मुआवजा और क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण की योजना बनाई जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल प्रभावित लोगों से संवाद का अवसर है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है कि राहत और पुनर्वास कार्य त्वरित और प्रभावी तरीके से संचालित हों।

प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों का समन्वय बेहतर हो और केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर प्रभावित लोगों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
- पदोन्नति में आरक्षण पर हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से स्पष्टीकरण, पूछा– पुरानी नीति पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर नई नीति कैसे लागू होगी?
- कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका, बंगाल में ‘द बंगाल फाइल्स’ फिल्म की रिलीज की मांग
- ऑनलाइन सट्टेबाजी एप केस: ईडी ने रॉबिन उथप्पा, युवराज सिंह और सोनू सूद को पूछताछ के लिए बुलाया
- अपोलो टायर्स बना टीम इंडिया की जर्सी का नया प्रायोजक, 579 करोड़ में हुआ करार
- एशिया कप 2025: अबू धाबी में अफगानिस्तान-बांग्लादेश के बीच करो या मरो की जंग, सुपर-4 की दौड़ दांव पर