थाईलैंड के पूर्व पीएम थाकसिन शिनवात्रा दुबई पहुंचे, कोर्ट फैसले से पहले विदेश रवाना
बैंकाक। थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा हाल ही में देश छोड़कर अपने प्राइवेट जेट से दुबई चले गए हैं। उन्होंने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बात की जानकारी दी। थाईलैंड की सुप्रीम कोर्ट 9 सितंबर को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है, लेकिन थाकसिन ने यात्रा का कारण स्वास्थ्य बताया है।

थाकसिन का बयान और यात्रा का कारण
थाकसिन ने X पर लिखा कि वे इलाज के लिए सिंगापुर जा रहे थे। हालांकि, जेट के पायलट ने बताया कि सिंगापुर में जेट को नहीं उतारा जा सकता, इसलिए उन्हें दुबई जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के फैसले के लिए 9 सितंबर तक लौटने की बात कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि थाकसिन संभवत: वापस नहीं आएंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम थाईलैंड में उनके पूर्ववर्ती अनुभवों से भी जुड़ा है। 2006 में उन्हें पद से हटाया गया था और भ्रष्टाचार के आरोप में 15 साल की जेल की सजा हुई थी। उस समय भी उन्होंने देश छोड़कर विदेश का रुख किया था।
थाकसिन पर चल रहे मामले
2023 में जब थाकसिन थाईलैंड लौटे, तो पुराने भ्रष्टाचार मामले में उन्हें फिर 8 साल की सजा सुनाई गई। थाईलैंड के राजा ने इस सजा को घटाकर एक साल कर दिया। आरोप है कि थाकसिन ने यह एक साल जेल में नहीं बल्कि पुलिस जनरल अस्पताल के एक कमरे में बिताया। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट कर रही है और 9 सितंबर को अंतिम फैसला आने वाला है।
शिनवात्रा परिवार और राजनीतिक पृष्ठभूमि
थाकसिन शिनवात्रा ने थाईलैंड में फ्यू थाई पार्टी की स्थापना की, जिसने दो दशक से अधिक समय तक सत्ता में अपना प्रभाव बनाए रखा। शिनवात्रा परिवार ने थाईलैंड की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:
- 2001–2006: थाकसिन शिनवात्रा सत्ता में रहे
- 2011–2014: शिनवात्रा परिवार की सत्ता
- 2024–2025: शिनवात्रा परिवार का शासन
उनकी बेटी पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा भी थाईलैंड की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।
बेटी पाइतोंग्तार्न का पद से हटना
जुलाई 2025 में पाइतोंग्तार्न की कंबोडिया के पूर्व नेता हुनसेन के साथ फोन पर हुई बातचीत लीक हो गई थी। उस समय थाईलैंड और कंबोडिया के बीच प्राचीन शिव मंदिरों को लेकर विवाद चल रहा था।
फोन वार्ता में पाइतोंग्तार्न ने हुनसेन को “अंकल” कहा, जिसे विपक्षी पार्टी ने मुद्दा बना लिया। उन पर कंबोडिया के सामने झुकने और सेना को कमजोर करने का आरोप लगा।
इसके बाद थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने 1 जुलाई 2025 को नैतिकता के उल्लंघन का हवाला देते हुए पाइतोंग्तार्न को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।
निष्कर्ष
थाकसिन शिनवात्रा का विदेश जाना और कोर्ट के फैसले से पहले दुबई में रहना थाईलैंड की राजनीतिक और न्यायिक परिस्थितियों पर नए सवाल खड़े कर रहा है। शिनवात्रा परिवार का लंबे समय तक सत्ता पर प्रभाव और हाल ही में बेटी का पद से हटना, थाईलैंड की राजनीति में अस्थिरता और विवादों को बढ़ा रहा है।
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