राहुल गांधी के बयान पर केस: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई 3 सितम्बर तक टली
प्रयागराज। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज विवादित मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन यह अब 3 सितम्बर तक स्थगित कर दी गई है। यह मामला अमेरिका में सिख समुदाय को लेकर उनके दिए गए कथित बयान से जुड़ा है, जिस पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी।

कोर्ट में हुई कार्यवाही
यह सुनवाई न्यायमूर्ति समीर जैन की अदालत में होनी थी। राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी उपस्थित हुए, जबकि विपक्षी पक्ष की ओर से सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी और अमन सिंह विसेन ने पक्ष रखा। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल पेश हुए। अदालत ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 3 सितम्बर की तारीख तय की।
मामला क्या है?
सितम्बर 2024 में अमेरिका के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों के लिए माहौल अनुकूल नहीं है। उन्होंने सवाल किया था – “क्या सिख पगड़ी पहन सकते हैं, कड़ा रख सकते हैं और गुरुद्वारे जा सकते हैं?” उनके इस बयान को भड़काऊ और समाज को विभाजित करने वाला बताते हुए विरोध हुआ।
वाराणसी के निवासी नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान के खिलाफ सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की। इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
निचली अदालत से हाईकोर्ट तक का सफर
- 28 नवम्बर 2024: न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) ने यह कहते हुए वाद खारिज कर दिया कि बयान अमेरिका में दिया गया था, इसलिए यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
- 21 जुलाई 2025: नागेश्वर मिश्रा ने इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दायर की। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) की अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया।
- इसके बाद राहुल गांधी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया।
अगली सुनवाई का इंतजार
अब उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई 3 सितम्बर को करेगा। तब यह तय होगा कि निचली अदालत द्वारा दिए गए आदेश पर आगे क्या कदम उठाया जाएगा।
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