मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला: हर निकाय में बनेगा गीता भवन, बैरसिया में इलेक्ट्रॉनिक रिसर्च क्लस्टर को मंजूरी
भोपाल। मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में बुधवार को अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। बैठक के उपरांत मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को विस्तार से जानकारी दी।
प्रधानमंत्री योजनाओं और आर्थिक संकेतकों पर चर्चा
बैठक की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए हुई। केंद्र सरकार द्वारा फ्रेशर युवाओं को 15 हजार रुपये अनुदान देने की योजना की सराहना की गई, जिसके लाभार्थियों की संख्या तीन करोड़ से अधिक होगी। इसके साथ ही न्यू जनरेशन जीएसटी का स्वागत किया गया, जिससे रोज़मर्रा की आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की संभावना जताई गई।

मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के भाषण का इस बार ऑनलाइन प्रसारण किया गया और इसे जिलास्तर पर प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति में जनता तक पहुँचाया गया। राज्य के आर्थिक संकेतकों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि फेडरेशन ऑफ इंडिया की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश की निर्यात वृद्धि दर 6% दर्ज की गई है। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य ने अब तक 66,218 करोड़ रुपये का निर्यात किया है, जिसमें सोयाबीन और इंजीनियरिंग गुड्स प्रमुख रहे। इसके चलते राष्ट्रीय रैंकिंग में राज्य 15वें से 11वें स्थान पर पहुँच गया है।
गीता भवन निर्माण को स्वीकृति
कैबिनेट ने श्रीकृष्ण पाथेय योजना के अंतर्गत प्रत्येक नगरीय निकाय में गीता भवन निर्माण की मंजूरी दी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। परियोजना को तीन वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय निकाय पीपीपी मोड पर भी निर्माण कर सकेंगे।

इलेक्ट्रॉनिक रिसर्च क्लस्टर सेंटर
बैठक में बैरसिया के निकट इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई। परियोजना भारत सरकार के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग की निगरानी में स्थापित होगी। इसमें 225 करोड़ रुपये राज्य सरकार और 146 करोड़ रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी। इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राज्य की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
कृषि एवं किसान हितैषी कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर नदी जोड़ो अभियान पर चर्चा की। अनुमान है कि इसके क्रियान्वयन के बाद प्रदेश की 70% कृषि भूमि सिंचित हो सकेगी। नर्मदा किनारे के किसान पहले से ही वर्ष में तीन से चार फसलें ले रहे हैं। इस संदर्भ में भोपाल में किसान सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें प्रधानमंत्री की उपस्थिति अपेक्षित है।
औद्योगिक और अवसंरचनात्मक विकास
बैठक में रायसेन के उमरिया में स्थापित होने वाले आधुनिक रेल कोच कारखाने और धार जिले में विकसित हो रहे पीएम मित्रा पार्क का भी उल्लेख किया गया। इन परियोजनाओं को आत्मनिर्भर भारत अभियान के सशक्त कदम के रूप में देखा जा रहा है।
माइनिंग कान्क्लेव
कैबिनेट ने यह भी बताया कि 23 अगस्त को कटनी में राष्ट्रीय माइनिंग कान्क्लेव आयोजित होगा, जिसमें देशभर के खनन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ भाग लेंगे।
स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी निर्णय
घोषणा पत्र के अनुरूप कैबिनेट ने पांच शहरों— जिनमें नर्मदापुरम और सागर शामिल हैं—में वेलनेस सेंटर एवं पांच आयुर्वेदिक कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी। अनुमानित लागत 350 करोड़ रुपये होगी। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में इंडो गाइनकोलॉजी विभाग के लिए भी अतिरिक्त 134 सीटों को स्वीकृति दी गई, जिसमें 20 पद सृजित किए गए हैं।
शिष्यवृत्ति योजना में सुधार
आदिवासी छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए अब शिष्यवृत्ति 12 माह तक दी जाएगी। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को हॉस्टल में रहने एवं अध्ययन हेतु वित्तीय सहयोग मिलेगा।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!